धौलपुर. जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के तीन वर्ष पुराने मामले में सोमवार को एक मुल्जिम को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 70 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है.
विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि जिले के मनियां थाना पर एक परिवादी ने 11 जनवरी 2020 को दुष्कर्मा का रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसने बताया था कि उसकी नाबालिग पुत्री 9 जनवरी 2020 शाम को करीब 5 और 6 बजे के बीच खेत में शौच के लिए गई हुई थी. यहां पर पहले से मौजूद मुल्जिम ने उसकी नाबालिग पुत्री को नशीला पदार्थ सुंघा कर उसे बेहोश कर दिया, इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम किया.
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मुल्जिम ने उसकी नाबालिग पुत्री को रातभर अपने पास रखा. अगले दिन आरोपी नाबालिग को धौलपुर के एक पार्क में छोड़कर फरार हो गया. साथ ही उसने नाबालिग को जान से मारने की धमकी भी दी. मनियां थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया. पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर उसका मेडीकल परीक्षण और बयान दर्ज किए. अनुसंधान के दौरान पुलिस को नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना पाए जाने पर मुल्जिम को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश किया गया. मुल्जिम वर्तमान में उच्च न्यायालय से जमानत पर चल रहा है.
लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि प्रकरण में सोमवार को न्यायाधीश जमीर हुसैन ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मुल्जिम को आईपीसी की धारा 363 और 366 में पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया. इसके साथ ही आईपीसी की धारा 376 एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4 में 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही मुल्जिम को 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि मुल्जिम फैसले के समय न्यायालय में उपस्थित नहीं था. इसपर कोर्ट ने मनियां थाना एसएचओ को सजा वारंट के साथ आदेश भेजा है.