बाड़ी (धौलपुर). शहर भर में मोहर्रम माह की 10वीं तारीख को शहर की 19 चौकियों पर सोमवार की रात मुकाम दिये ताजियों को मंगलवार को नमाज के बाद उठाया गया और मातमी धुनों के बीच विभिन्न अखाड़ों के प्रदर्शन के साथ शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए बसेड़ी रोड स्थित कर्बला-ए-मैदान पहुंच सुपुर्द-ए-खाक किया गया. बता दें कि ताजिया कमेटी के ओर से ताजिया के जुलूस में व्यवस्था बनाने के साथ, मोहर्रम की पहली तारीख से मोहर्रम के जुलूस तक सहयोग करने वाले और जुलुस सहित ताजिया निकासी में योगदान देने वालों को सम्मानित भी किया गया.
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कमेटी के सचिव इसरार खान टेलर ने बताया कि शहर में किला गेट से लेकर गुम्मट किला तक 19 चौकियों पर ताजिए बिठाये गए थे, ताजियों का एक जुलुस किला गेट, गांधी पार्क, पुराना बाजार, गर्ल्स स्कूल होते हुए बसेड़ी रोड पहुंचा. दूसरा जुलुस गुमट,बचन टॉकीज,हॉस्पिटल रोड होते हुए बसेड़ी रोड आया और तीसरा जुलूस मलक पाड़ा, सीताराम बाजार होते हुए बसेड़ी रोड लाया गया. जहां तीनों रास्तों से आए ताजियों के एकत्रित होने के बाद कर्बला मैदान ले जाया गया और सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
मोहर्रम के जुलूस में जहां विभिन्न अखाड़ों ने पट्टेबाजी,तलवारबाजी की वहीं कई युवाओं ने हैरतगेंज करतब दिखाये, जुलुस के दौरान पुलिस और प्रशासन को ओर से सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजामात किये गये थे. वहीं दूसरी ओर मोहर्रम की दसवीं को शिया समुदाय द्वारा भी ताजियों का जुलुस अलसुबह निकाला गया और तुलसीवन रोड इमामबाड़ा पर सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
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शिया समुदाय की अंजुम कमेटी के सचिव छुट्ट्न रिजवी ने बताया कि जुलुस अलसुबह कोट पाड़ा स्थित बड़ा इमामबाड़ा से शुरू होकर गांधी पार्क, किला गेट, घंटाघर, पुराना बाजार होते हुए तुलसी वन रोड स्थित इमामबाड़ा पहुंचा जहां ताजियो को सुपुर्द-ए-खाक किया गया. जुलुस में शिया समुदाय के बच्चे युवा बुजुर्ग और महिलाएं मातम करते हुए दर्जनों की संख्या में मौजूद रही.
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मोहर्रम कमेटी के सदर मास्टर रशीद खान ने बताया कि मुस्लिम समाज के पैगम्बर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन और हसन की शहादत की याद में लोगो ने कत्ल की रात मनाई, वहीं शहर में जगह जगह ताजिये भी रखे गये, आकर्षक सजावट के साथ शाम को बैठाये गए ताजियों पर लोगों ने मालाये पहनाई और तबर्रुक बांटकर मन्नतें मांगी. मुकाम पर पहुचे ताजियों के समक्ष लोगों ने जियारत की ओर भोग प्रसादी भी लगाई गई.