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धौलपुर: पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ पर मरीज की गाड़ी रोकने का आरोप, पुलिस ने घटना से किया इंकार - Police stopped the patient's car P

जिले की पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ पर मरीज को अस्पताल ले जाते समय गाड़ी को जबरन रोकने तथा मरीज को गाड़ी से नीचे उतारने के चलते मौत होने का आरोप कुछ लोगों ने लगाया है. वहीं, पुलिस ने इस तरह के किसी भी घटनाक्रम से इंकार किया है.

धौलपुर न्यूज, dholpur news
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Published : Oct 5, 2019, 10:21 PM IST

धौलपुर. जिले की पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ पर मरीज को अस्पताल ले जाते समय गाड़ी को जबरन रोकने और मरीज को गाड़ी से नीचे उतारने के चलते मौत होने का आरोप कुछ लोगों ने लगाया है. वहीं परिजनों ने इस संबंध में एसपी से मुलाकात करते हुए कार्रवाई की मांगी की है. उधर, पुलिस ने इस तरह के किसी भी घटनाक्रम से इनकार किया है.

पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ पर मरीज की गाड़ी रोकने का आरोप

जानकारी के मुताबिक परिजनों ने एसपी को दिए शिकायत में श्रीकांत पुत्र परशुराम निवासी चक सामरी रूपबास भरतपुर ने बताया कि वह 4 अक्टूबर की देर शाम निजी गाड़ी से रामेश्वर पुत्र पंचम सिंह को पेट दर्द होने पर धौलपुर अस्पताल लेकर जा रहा था. उसने आरोप लगाया है कि रास्ते में पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ ने गाड़ी को रुकवा लिया. जिसके बाद चौकी के पुलिसकर्मियों ने मरीज रामेश्वर सहित सभी को गाड़ी से नीचे उतार दिया और गाड़ी को लेकर कहीं चले गए.

पढ़ें- 'सिलिकोसिस पॉलिसी' लागू करने वाला पहला प्रदेश बनेगा राजस्थान

इस दौरान मरीज रामेश्वर की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके चलते उसकी चौकी पर ही मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि करीब 2 घंटे बाद पुलिसकर्मी गाड़ी को लेकर वापस लौटे थे. जिसके बाद रामेश्वर को गाड़ी में डालकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया. जहां चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया.

वहीं, पुलिस के आलाधिकारियों ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. एसपी मृदुल कच्छावा ने कहा बताया कि पीड़ित ने पुलिस पर गलत और झूठे आरोप लगाए थे. जिसे पीड़ित ने खुद स्वीकार भी किया है. एसपी ने कहा कि जिस युवक की मौत हुई है उसने जहर खाया हुआ था और जहर खाने के कारण व्यक्ति की मौत हुई है. फिर भी पुलिस द्वारा प्रकरण की जांच की जा रही है.

धौलपुर. जिले की पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ पर मरीज को अस्पताल ले जाते समय गाड़ी को जबरन रोकने और मरीज को गाड़ी से नीचे उतारने के चलते मौत होने का आरोप कुछ लोगों ने लगाया है. वहीं परिजनों ने इस संबंध में एसपी से मुलाकात करते हुए कार्रवाई की मांगी की है. उधर, पुलिस ने इस तरह के किसी भी घटनाक्रम से इनकार किया है.

पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ पर मरीज की गाड़ी रोकने का आरोप

जानकारी के मुताबिक परिजनों ने एसपी को दिए शिकायत में श्रीकांत पुत्र परशुराम निवासी चक सामरी रूपबास भरतपुर ने बताया कि वह 4 अक्टूबर की देर शाम निजी गाड़ी से रामेश्वर पुत्र पंचम सिंह को पेट दर्द होने पर धौलपुर अस्पताल लेकर जा रहा था. उसने आरोप लगाया है कि रास्ते में पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ ने गाड़ी को रुकवा लिया. जिसके बाद चौकी के पुलिसकर्मियों ने मरीज रामेश्वर सहित सभी को गाड़ी से नीचे उतार दिया और गाड़ी को लेकर कहीं चले गए.

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इस दौरान मरीज रामेश्वर की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके चलते उसकी चौकी पर ही मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि करीब 2 घंटे बाद पुलिसकर्मी गाड़ी को लेकर वापस लौटे थे. जिसके बाद रामेश्वर को गाड़ी में डालकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया. जहां चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया.

वहीं, पुलिस के आलाधिकारियों ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. एसपी मृदुल कच्छावा ने कहा बताया कि पीड़ित ने पुलिस पर गलत और झूठे आरोप लगाए थे. जिसे पीड़ित ने खुद स्वीकार भी किया है. एसपी ने कहा कि जिस युवक की मौत हुई है उसने जहर खाया हुआ था और जहर खाने के कारण व्यक्ति की मौत हुई है. फिर भी पुलिस द्वारा प्रकरण की जांच की जा रही है.

Intro:धौलपुर जिले की पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ पर एक पीड़ित ने मरीज को अस्पताल दिखाने ले जाते समय गाड़ी को जबरन रोककर मरीज को गाड़ी से उतारकर हत्या का आरोप लगाकर एसपी के समक्ष शिकायत पेश की है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है. एसपी के निर्देश पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.





Body:एसपी को दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता श्रीकांत पुत्र परशुराम निवासी चक सामरी थाना रूपबास जिला भरतपुर ने कहा कि 4 अक्टूबर 2019 की देर शाम वह बोलोरो गाड़ी में रामेश्वर पुत्र पंचम सिंह के पेट में दर्द होने पर धौलपुर अस्पताल में दिखाने आ रहा था. पीड़ित ने शिकायत के माध्यम से बताया कि पचगांव पुलिस चौकी के स्टाफ ने बोलेरो गाड़ी को रुकवा लिया. चौकी के पुलिसकर्मियों ने मरीज रामेश्वर और पूरे स्टाफ को उतार दिया और गाड़ी को लेकर कहीं चले गए. इस दौरान मरीज रामेश्वर की तबीयत और अधिक बिगड़ने लगी. पेट में अधिक दर्द होने पर वह चीखने चिल्लाने लगा. जिसके कारण रामेश्वर की चौकी पर ही मौत हो गई. पीड़ित ने शिकायत में बताया कि 2 घंटे बाद पुलिसकर्मी गाड़ी को लेकर वापस लौटे थे. रामेश्वर को गाड़ी में डालकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया.जहां चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया. पीड़ित पक्ष ने पंचगांव पुलिस चौकी के स्टॉप पर हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत पेश कर मामले में कार्यवाही की मांग की है.




Conclusion:प्रकरण में पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस व्यक्ति की मौत हुई है.उसने जहर खाया हुआ था. जिसे धौलपुर लाया जा रहा था. पुलिस द्वारा गाड़ी रोकने के एवं बंधक बनाने के आरोप लगाए हैं.वह सरासर झूठ एवं गलत है. प्रारंभिक अनुसंधान में पुलिस ने तो पीड़ित पक्ष की मदद की है. पुलिस द्वारा लिए गए बोलोरो गाड़ी के चालक ने अपने बयानों की गलती को स्वीकार किया है. फिर भी पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है.
1,Byte - राधेश्याम,म्रतक का भाई
2,Byte - मृदुल कच्छावा, पुलिस अधीक्षक धौलपुर
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Neeraj Sharma
Dholpur

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