धौलपुर. सरमथुरा में वनकर्मियों को पौधारोपण करने के लिए वन विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें वन कर्मियों को पौधा लगाने की विधि से अवगत कराते हुए सुरक्षित रखने और नर्सरी से प्लान्टेशन तक पौधों को सुरक्षित पहुंचाने के उपाए बताए. इस दौरान वन अधिकारियों ने वनकर्मियों को डेमो कर जानकारी दी. कार्यशाला में सीएफ दिग्विजय गुप्ता ने वन कर्मियों को नर्सरी में पौधा तैयार करने के लिए कम पानी देने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि पौधों को तैयार करते समय कम पानी मिलने पर, कम बरसात होने के बाद भी पौधा कम पानी में भी अपना संरक्षण कर सकता है. इसी प्रकार सीएफ ने पौधा रोपते समय यूरिया का उपयोग नहीं करने की सलाह दी.
साथ ही गुप्ता ने कहा कि पौधा रोपते समय गड्ढे की मिट्टी में डीएपी और एसएसपी का उपयोग कर सकते हैं. उन्होंने वन कर्मियों को पथरीली जमीन पर पौधा लगाने की विधि से अवगत कराया. कार्यशाला में डीएफओ कर्ण सिंह ने वन कर्मियों को नसीहत देते हुए कहा कि पौधा नवजात शिशु के समान है. नवजात शिशु और पौधे की बराबर सुरक्षा करनी चाहिए. पौधा लगाते समय कपड़ों के गंदा होने की चिंता नहीं करनी चाहिए. जिससे पौधा सुरक्षित रोपा जा सकता है. इस मौके पर सीएफ दिग्विजय गुप्ता, डीएफओ कर्ण सिंह, रेंजर विक्रम सिंह, हेमराज सिंह और रूपेन्द्र शर्मा सहित वन कर्मी मौजूद रहे.
जिला में 2.92 लाख लगेंगे पौधे
सीएफ दिग्विजय गुप्ता ने बताया कि जिला में गत वर्ष वृक्षारोपण के तहत 2.92 लाख पौधा लगाने की योजना है. जिसके तहत अधिकांश नीम, वर, पीपल और गूलर जैसे छायादार पौधा लगाए जाऐंगे. उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के बाद ही पावड़े बनाने चाहिए. सीएफ ने नर्सरी में करंज के पौधों को देखकर नाराजगी जताई और उचित प्रबंध करने की नसीहत दी.