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पौधारोपण को लेकर वन विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

धौलपुर के सरमथुरा में वन विभाग ने वृक्षारोपण से संबन्धित कार्यशाला का आयोजन वरौली नर्सरी पर किया. कार्यशाला में सीएफ और डीएफओ ने वन कर्मचारियों को पौधा लगाने की विधि बताई और डेमो कर मौके पर पौधा रोपा.

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Published : Jun 14, 2019, 2:40 PM IST

जिला में 2.92 लाख लगेगे पौधे... वनविभाग ने शुरू की प्रोसेस

धौलपुर. सरमथुरा में वनकर्मियों को पौधारोपण करने के लिए वन विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें वन कर्मियों को पौधा लगाने की विधि से अवगत कराते हुए सुरक्षित रखने और नर्सरी से प्लान्टेशन तक पौधों को सुरक्षित पहुंचाने के उपाए बताए. इस दौरान वन अधिकारियों ने वनकर्मियों को डेमो कर जानकारी दी. कार्यशाला में सीएफ दिग्विजय गुप्ता ने वन कर्मियों को नर्सरी में पौधा तैयार करने के लिए कम पानी देने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि पौधों को तैयार करते समय कम पानी मिलने पर, कम बरसात होने के बाद भी पौधा कम पानी में भी अपना संरक्षण कर सकता है. इसी प्रकार सीएफ ने पौधा रोपते समय यूरिया का उपयोग नहीं करने की सलाह दी.

साथ ही गुप्ता ने कहा कि पौधा रोपते समय गड्ढे की मिट्टी में डीएपी और एसएसपी का उपयोग कर सकते हैं. उन्होंने वन कर्मियों को पथरीली जमीन पर पौधा लगाने की विधि से अवगत कराया. कार्यशाला में डीएफओ कर्ण सिंह ने वन कर्मियों को नसीहत देते हुए कहा कि पौधा नवजात शिशु के समान है. नवजात शिशु और पौधे की बराबर सुरक्षा करनी चाहिए. पौधा लगाते समय कपड़ों के गंदा होने की चिंता नहीं करनी चाहिए. जिससे पौधा सुरक्षित रोपा जा सकता है. इस मौके पर सीएफ दिग्विजय गुप्ता, डीएफओ कर्ण सिंह, रेंजर विक्रम सिंह, हेमराज सिंह और रूपेन्द्र शर्मा सहित वन कर्मी मौजूद रहे.

जिला में 2.92 लाख पौधे लगेंगे... वनविभाग ने शुरू की प्रोसेस

जिला में 2.92 लाख लगेंगे पौधे
सीएफ दिग्विजय गुप्ता ने बताया कि जिला में गत वर्ष वृक्षारोपण के तहत 2.92 लाख पौधा लगाने की योजना है. जिसके तहत अधिकांश नीम, वर, पीपल और गूलर जैसे छायादार पौधा लगाए जाऐंगे. उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के बाद ही पावड़े बनाने चाहिए. सीएफ ने नर्सरी में करंज के पौधों को देखकर नाराजगी जताई और उचित प्रबंध करने की नसीहत दी.

धौलपुर. सरमथुरा में वनकर्मियों को पौधारोपण करने के लिए वन विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें वन कर्मियों को पौधा लगाने की विधि से अवगत कराते हुए सुरक्षित रखने और नर्सरी से प्लान्टेशन तक पौधों को सुरक्षित पहुंचाने के उपाए बताए. इस दौरान वन अधिकारियों ने वनकर्मियों को डेमो कर जानकारी दी. कार्यशाला में सीएफ दिग्विजय गुप्ता ने वन कर्मियों को नर्सरी में पौधा तैयार करने के लिए कम पानी देने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि पौधों को तैयार करते समय कम पानी मिलने पर, कम बरसात होने के बाद भी पौधा कम पानी में भी अपना संरक्षण कर सकता है. इसी प्रकार सीएफ ने पौधा रोपते समय यूरिया का उपयोग नहीं करने की सलाह दी.

साथ ही गुप्ता ने कहा कि पौधा रोपते समय गड्ढे की मिट्टी में डीएपी और एसएसपी का उपयोग कर सकते हैं. उन्होंने वन कर्मियों को पथरीली जमीन पर पौधा लगाने की विधि से अवगत कराया. कार्यशाला में डीएफओ कर्ण सिंह ने वन कर्मियों को नसीहत देते हुए कहा कि पौधा नवजात शिशु के समान है. नवजात शिशु और पौधे की बराबर सुरक्षा करनी चाहिए. पौधा लगाते समय कपड़ों के गंदा होने की चिंता नहीं करनी चाहिए. जिससे पौधा सुरक्षित रोपा जा सकता है. इस मौके पर सीएफ दिग्विजय गुप्ता, डीएफओ कर्ण सिंह, रेंजर विक्रम सिंह, हेमराज सिंह और रूपेन्द्र शर्मा सहित वन कर्मी मौजूद रहे.

जिला में 2.92 लाख पौधे लगेंगे... वनविभाग ने शुरू की प्रोसेस

जिला में 2.92 लाख लगेंगे पौधे
सीएफ दिग्विजय गुप्ता ने बताया कि जिला में गत वर्ष वृक्षारोपण के तहत 2.92 लाख पौधा लगाने की योजना है. जिसके तहत अधिकांश नीम, वर, पीपल और गूलर जैसे छायादार पौधा लगाए जाऐंगे. उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के बाद ही पावड़े बनाने चाहिए. सीएफ ने नर्सरी में करंज के पौधों को देखकर नाराजगी जताई और उचित प्रबंध करने की नसीहत दी.

Intro:गुरूवार को सरमथुरा में वनविभाग द्वारा वृक्षारोपण से संबन्धित कार्यशाला का आयोजन वरौली नर्सरी पर किया गया। कार्यशाला में सीएफ व डीएफओ ने वन कर्मचारियो को पौधा लगाने की विधि बताई तथा डेमोकर मौके पर पौधा रोपा गया। डीएफओ ने वनकर्मियो को नसीहत देते हुए कहा कि पौधा रोपते समय वनकर्मियो को बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है जिससे पौधा सुरक्षित बना रहे।Body:बसेडी (धौलपुर)। गुरूवार को सरमथुरा में वनकर्मियो को पौधारोंपण करने के लिए वनविभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें वनकर्मियो को पौधा लगाने की विधि से अवगत कराते हुए सुरक्षित रखने व नर्सरी से प्लान्टेशन तक पौधो को सुरक्षित पहुॅचाने के उपाए बताए। इसदौरान वन अधिकारियो ने वनकर्मियो को डेमोकर जानकारी दी।
कार्यशाला में सीएफ दिगविजय गुप्त ने वनकर्मियो को नर्सरी में पौधा तैयार करने के लिए कम पानी देने का सुझाब दिया। उन्होने कहा कि पौधो को तैयार करते समय कम पानी मिलने पर अगर कम बरसात होने के बाद भी पौधा कम पानी में भी अपना संरक्षण कर सकता है। इसीप्रकार सीएफ ने पौधा रोपते समय यूरिया का उपयोग नही करने की सलाह दी। उन्होने कहा कि पौधारोपते समय खड्डा की मिट्टी में डीएपी व एसएसपी का उपयोग कर सकते है। उन्होने वनकर्मियो को पथरीली जमीन पर पौधा लगाने की विधि से अवगत कराया। कहा कि पथरीली जमीन में खड्डा से निकली मिट्टी में से कंकड, पत्थरो को अलग करना चाहिए जिसके बाद ही पौधा में मिट्टी का उपयोग करना चाहिए। उन्होने खड्डा में मिट्टी के साथ घास नही डालने का सुझाब दिया। कार्यशाला में डीएफओ कर्णसिह ने वनकर्मियो को नसीहत देते हुए कहा कि पौधा नवजात शिशु के समान है। उन्होने कहा कि नवजात शिशु व पौधा की बराबर सुरक्षा करनी चाहिए। साथ ही कहा कि पौधा लगाते समय कपडो के गंदा होने की चिंता नही करनी चाहिए। जिससे पौधा सुरक्षित रोपा जा सकता है। इसमौके पर सीएफ दिगविजय गुप्त, डीएफओ कर्णसिह, रेजर विक्रमसिह, हेमराजसिह व रूपेन्द्र शर्मा सहित वनकर्मी मौजूद थे।
इमली के बीज लगाने की विधि से कराया अवगत
कार्यशाला में वन अधिकारियो ने वनकर्मियो को इमली के बीज लगाने की विधि से अवगत कराया। उन्होने कहा कि इमली का बीज लगाने के लिए विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। बीज लगाने की तैयारी से एक दिन पूर्व प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। एक दिन पूर्व गर्म पानी में बीज को डालने के बाद दूसरे दिन ही बीज स्विंग करना चाहिए। इमली के बीज को बरसात होने के बाद ही लगाना चाहिए। कार्यशाला के बाद नर्सरी में पौधा लगाने का डेमो किया गया जिसके तहत पौधा लगाने की विधि से वनकर्मियो अवगत कराया गया।

जिला में 2.92 लाख लगेगे पौधे
सीएफ दिगविजय गुप्त ने बताया कि जिला में गत बर्ष वृक्षारोंपण के तहत 2.92 लाख पौधा लगाने की योजना है। जिसके तहत अधिकांश नीम, वर, पीपल व गूलर जैसे छायादार पौधा लगाए जाऐगे। उन्होने कहा कि पौधे लगाने के बाद ही पावडे बनाने चाहिए। सीएफ ने नर्सरी में करंज के पौधो को देखकर नाराजगी जताई तथा उचित प्रबंध करने की नसीहत दी।Conclusion:
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