धौलपुर. नाबालिग बालिका का अपहरण कर (Minor Girl Rape Case) उसके साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में धौलपुर पॉक्सो कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस मामले में मुल्जिम को 20 साल के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया है. नाबालिग की लाश विद्युत डीपी में मिली थी.
विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला धौलपुर जिले के बाड़ी कोतवाली थाना इलाके का है, जहां एक परिवादी ने कोतवाली पुलिस थाना बाड़ी पर मामला दर्ज कराया कि 25 अगस्त 2014 की रात को उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री परिवारीजनों के साथ सो गई थी और सुबह के पहर घर पर नहीं मिली. जिसके बाद पुत्री को तलाश किया गया तो पुत्री की डेड बॉडी सरमथुरा रोड पर विद्युत डीपी में मिली.
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मृतका के पास मोबाइल भी मिला. रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री की (Crime in Dholpur) किसी ने ह्त्या कर शव को विद्युत डीपी में डाल दिया. जिस पर बाड़ी कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इस दौरान मुल्जिम रामनरेश को गिरफ्तार किया गया. पकड़े गए मुल्जिम की सूचना पर अन्य मुल्जिम दिग्विजय, बंटी उर्फ लोकेश, धर्मेंद्र उर्फ मंदिर और लवकुश को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश किया गया.
सभी मुल्जिमान राजस्थान उच्च न्यायालय से जमानत पर चल रहे हैं. लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि ट्रायल के दौरान लवकुश, बंटी, दिग्विजय और धर्मेंद्र फरार हो गए, लेकिन मुल्जिम रामनरेश ट्रायल के दौरान उपस्थित रहा. मामले में लोक अभियोजक द्वारा 38 गवाह कोर्ट में पेश किए. लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि प्रकरण में न्यायाधीश जमीर हुसैन ने बहस सुनने के बाद गुरुवार को मुल्जिम रामनरेश पुत्र रामसेवक को आईपीसी की धारा 363, 366, 376 का दोषी करार देते हुए धारा 363, 366 में 5-5 वर्ष का कारावास और दस-दस हजार रुपये का जुर्माना एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माना से दंडित किया है. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी.