धौलपुर. जिले के मेट ने मनरेगा मेट भर्ती के विरोध में मंगलवार को जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को ज्ञापन सौंपा. मनरेगा मेटों ने नई भर्ती पर रोक लगाने की मांग की है. मेटों का मामला 11 दिसंबर 2020 से राजस्थान उच्च न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है. लेकिन, जिला प्रशासन राज्य सरकार की अभिशंसा पर नए मेटों की भर्तियां कर रहा है. जिससे मजदूर मेटों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है.
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ज्ञापन में बताया गया कि हाल ही में राज्य सरकार ने नए मेटों की भर्ती के लिए जिला प्रशासन को आदेश पारित किए हैं. आदेशों की पालना में जिला प्रशासन पंचायत स्तर पर मैटो की भर्तियां कर रहा है. पंचायती राज विभाग द्वारा पुराने मेटों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. उन्होंने बताया कि 11 नवंबर 2020 को राजस्थान उच्च न्यायालय में सरकार के आदेश के विरुद्ध परिवाद दायर किया था. दायर परिवाद पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए करीब 6 माह तक स्थिति को यथावत रखने के राजस्थान सरकार को आदेश पारित किए थे. बावजूद इसके सरकार न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए नए मजदूर मेटों की भर्ती को अंजाम दे रही है.
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पुराने मेटों के जॉब कार्ड जिला प्रशासन ने रद्द कर दिए हैं. एक तरफ सरकार मजदूरों को रोजगार और आजीविका देने के दावे कर रही है. दूसरी तरफ मनरेगा में काम कर रहे श्रमिकों के काम सरकार द्वारा छीने जा रहे हैं, जिससे मनरेगा योजना में काम करने वाले मेटों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर मजदूरों ने नई भर्ती पर रोक लगाने की मांग की है. मजदूरों ने मांग करते हुए कहा उनके जॉब कार्ड और रोजगार को यथावत रखा जाए. न्यायालय के आदेश आने के बाद ही सरकार एवं जिला प्रशासन उनके हितों में फैसला ले.