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धौलपुर में कचरे के ढेर में फेंक कर जलाई गई दवाइयां, सड़क पर भी मिले सरकारी दवाओं के कार्टन - गहलोत सरकार

धौलपुर में कचरे के ढेर में फेंक कर दवा को जलाने का मामला सामने आया है. साथ ही जिले में सड़क पर सरकारी दवाओं के कार्टन मिले. मामले को लेकर ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. वीरेंद्र भास्कर ने बताया कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है.

case of throwing medicine in Dholpur,  Medicines lit in Dholpur
धौलपुर में कचरे के ढेर में फेंक कर जलाई गई दवाइयां
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Published : Jun 3, 2021, 5:24 PM IST

धौलपुर. एक ओर सरकार और चिकित्सा विभाग की ओर से लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के दावे किए जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर चिकित्सा महकमे के अधिकारी सरकारी योजना को पलीता लगा रहे हैं. सैंपऊ उपखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक ऐसा ही मामला सामने आया है.

धौलपुर में कचरे के ढेर में फेंक कर जलाई गई दवाइयां

पढ़ें- डोटासरा बोले- सोनिया गांधी से करूंगा शिकायत...धारीवाल ने कहा- जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो, जानें विवाद की पूरी कहानी

धौलपुर में गहलोत सरकार (Gehlot Government) की ओर से मरीजों को निशुल्क योजना के तहत वितरित की जाने वाली दवा कचरे के ढेरों में फेंकी जा रही हैं. कहीं सड़क किनारे डले दवा के कार्टन देखे जा रहे हैं, तो कहीं बड़ी तादाद में आग के ढेर में जलती हुई दवा अपने आप में बड़ा सवाल पैदा कर रही है. चिकित्सा विभाग के अधिकारी मामले को लेकर स्पष्ट नहीं कर रहे हैं.

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कचरे के ढेर में फेंकी दवाई

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सड़क किनारे पड़े दवा के कार्टून और कचरे के ढेर में जलती हुई दवा एक्सपायर नहीं हुई है. यह चिकित्सा महकमे के लिए शर्मिंदगी भरी है. जिस तरह सरकार मरीजों को निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों का फंड खर्च कर रही है तो उस फंड को चिकित्सा विभाग की ओर से बर्बाद किया जा रहा है.

एक्सपायर नहीं थी दवाएं

बता दें, कचरे में मिली अधिकतर दवाएं एक्सपायर नहीं हुई है. गर्भवती और अन्य मरीजों को खून बढ़ाने के लिए दी जाने वाले आयरन से संबंधित इंजेक्शन और सीरप पर एक्सपायरी डेट सितंबर 2021-2022 अंकित है, लेकिन उसे फेंक दी गई है. सड़क किनारे जब दवा का बड़ा कार्टून दिखा तो लोग आसपास एकजुट हो गए.

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दवा एक्सपायर नहीं हुई है

उस्मानी समाज के जिला अध्यक्ष अकबर खान ने बताया कि उनकी ओर से प्रभारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल को सड़क किनारे पड़े दवा के कार्टून के बारे में फोन कर अवगत कराया गया. इसके बावजूद भी प्रभारी ने इस पूरे मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई. यह अपने आप में बड़ी लापरवाही दर्शाता है. उन्होंने मामले में जांच कराकर प्रभारी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

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जलाई गई दवाइयां

मामले की जानकारी नहीं: सीएमएचओ

वहीं, मामले को लेकर ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. वीरेंद्र भास्कर ने बताया कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है. अगर ऐसा मामला घटित हुआ है तो जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

धौलपुर. एक ओर सरकार और चिकित्सा विभाग की ओर से लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के दावे किए जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर चिकित्सा महकमे के अधिकारी सरकारी योजना को पलीता लगा रहे हैं. सैंपऊ उपखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक ऐसा ही मामला सामने आया है.

धौलपुर में कचरे के ढेर में फेंक कर जलाई गई दवाइयां

पढ़ें- डोटासरा बोले- सोनिया गांधी से करूंगा शिकायत...धारीवाल ने कहा- जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो, जानें विवाद की पूरी कहानी

धौलपुर में गहलोत सरकार (Gehlot Government) की ओर से मरीजों को निशुल्क योजना के तहत वितरित की जाने वाली दवा कचरे के ढेरों में फेंकी जा रही हैं. कहीं सड़क किनारे डले दवा के कार्टन देखे जा रहे हैं, तो कहीं बड़ी तादाद में आग के ढेर में जलती हुई दवा अपने आप में बड़ा सवाल पैदा कर रही है. चिकित्सा विभाग के अधिकारी मामले को लेकर स्पष्ट नहीं कर रहे हैं.

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कचरे के ढेर में फेंकी दवाई

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सड़क किनारे पड़े दवा के कार्टून और कचरे के ढेर में जलती हुई दवा एक्सपायर नहीं हुई है. यह चिकित्सा महकमे के लिए शर्मिंदगी भरी है. जिस तरह सरकार मरीजों को निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों का फंड खर्च कर रही है तो उस फंड को चिकित्सा विभाग की ओर से बर्बाद किया जा रहा है.

एक्सपायर नहीं थी दवाएं

बता दें, कचरे में मिली अधिकतर दवाएं एक्सपायर नहीं हुई है. गर्भवती और अन्य मरीजों को खून बढ़ाने के लिए दी जाने वाले आयरन से संबंधित इंजेक्शन और सीरप पर एक्सपायरी डेट सितंबर 2021-2022 अंकित है, लेकिन उसे फेंक दी गई है. सड़क किनारे जब दवा का बड़ा कार्टून दिखा तो लोग आसपास एकजुट हो गए.

case of throwing medicine in Dholpur,  Medicines lit in Dholpur
दवा एक्सपायर नहीं हुई है

उस्मानी समाज के जिला अध्यक्ष अकबर खान ने बताया कि उनकी ओर से प्रभारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल को सड़क किनारे पड़े दवा के कार्टून के बारे में फोन कर अवगत कराया गया. इसके बावजूद भी प्रभारी ने इस पूरे मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई. यह अपने आप में बड़ी लापरवाही दर्शाता है. उन्होंने मामले में जांच कराकर प्रभारी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

case of throwing medicine in Dholpur,  Medicines lit in Dholpur
जलाई गई दवाइयां

मामले की जानकारी नहीं: सीएमएचओ

वहीं, मामले को लेकर ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. वीरेंद्र भास्कर ने बताया कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है. अगर ऐसा मामला घटित हुआ है तो जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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