धौलपुर. जिले भर के शिव मंदिरों पर मंगलवार को महाशिवरात्रि के पर्व (Mahashivratri 2022) पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. सबसे अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ सैपऊ कस्बे के ऐतिहासिक शिव मंदिर (Historic Shiva Temple of Dholpur) पर देखी गई. सुबह से ही सैकड़ों की तादाद में कावड़िये और श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया. भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर श्रद्धा पूर्वक गंगा जल अर्पित किया गया.
जिले भर के शिव मंदिरों पर महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही भारी भीड़ देखी गई. सैपऊ के ऐतिहासिक से मंदिर पर महाशिवरात्रि से 10 दिन तक लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है. शिव मंदिर पर दर्शन करने के लिए मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से लाखों की तादाद में श्रद्धालु आस्था पूर्वक पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर भारी तादाद में कावड़िए पहुंचे हैं. शिव मंदिर के गर्भ गृह में आस्था पूर्वक श्रद्धालुओं द्वारा गंगाजल, धृत ,दुग्ध, शर्करा, बेलपत्र, प्रसाद आदि अर्पित किए जा रहे हैं.
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मेले में सुबह से ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. देहाती मेला होने के कारण खासकर ग्रामीण अंचल के महिला और पुरुष भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. शिव मंदिर भगवान भोलेनाथ के जयघोष से गुंजायमान हो गया है. मेले में शांति एवं कानून व्यवस्था कायम करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है. गौरतलब है कि सैंपऊ कस्बे का ऐतिहासिक शिव मंदिर दक्षिण भारत रामेश्वरम के बाद दूसरे स्थान पर है.
शिवरात्रि का महत्व: वैसे तो प्रत्येक माह में एक शिवरात्रि होती है, परंतु फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को आने वाली इस शिवरात्रि का अत्यंत महत्व है, इसलिए इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है. वास्तव में महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ की आराधना का ही पर्व है, जब धर्मप्रेमी लोग महादेव का विधि-विधान के साथ पूजन अर्चन करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इस दिन शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जो शिव के दर्शन-पूजन कर खुद को सौभाग्यशाली मानती है.
महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन एवं अभिषेक किया जाता है और बेलपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर, उम्बी आदि अर्पित किया जाता है. भगवान शिव को भांग बेहद प्रिय है अत: कई लोग उन्हें भांग भी चढ़ाते हैं. दिनभर उपवास रखकर पूजन करने के बाद शाम के समय फलाहार किया जाता है. शिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा करने का सबसे बड़ा दिन माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भोले को खुश कर लिया तो आपके सारे काम सफल होते हैं और सुख समृद्धि आती है. भोले के भक्त शिवरात्रि के दिन कई तरह से भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. शिव को खुश करने के लिए शिवालयों में भक्तों का तांता लगा होता है, जो बेल पत्र और जल चढ़ाकर शिव की महिमा गाते हैं.
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हर साल यह पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि पर्व 1 मार्च यानी आज है. इस बार महाशिवरात्रि पर दो शुभ संयोग बनने के साथ पंचग्रही योग भी बन रहा है. ऐसे में शुभ संयोग में महाशिवरात्रि पर शिव आराधना करने पर सभी भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होंगी. दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं.