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धौलपुर: होनहार ITI छात्र ने खराब EVM मशीन को किया सही, चुनाव परिणाम घोषित

धौलपुर की सैपऊ पंचायत समिति में सरपंच चुनाव के दौरान ईवीएम मशीन खराब होने पर जारोली पंचायत का चुनाव परिणाम रोक दिया गया. खराब ईवीएम मशीन को सही कराने के लिए भरतपुर और जयपुर से विशेष इंजीनियर बुलाए गए, लेकिन मतदान होने के बाद भी ईवीएम मशीन को ठीक करने में नाकाम साबित रहे.

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आईटीआई छात्र ने किया ईवीएम मशीन सही
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Published : Oct 5, 2020, 4:11 PM IST

धौलपुर. पंचायत चुनाव के दौरान ईवीएम मशीन सही करवाने के लिए निर्वाचन विभाग ने हैदराबाद के एक्सपर्ट से संपर्क किया, लेकिन ईडीएम मशीन ठीक नहीं हो सकी. हताश होकर जिला प्रशासन ने दोबारा चुनाव कराने का निर्णय लिया, लेकिन इसी दौरान ड्यूटी में तैनात एक अध्यापक ने आईटीआई कर रहे अपने भतीजे को ईवीएम मशीन को ठीक करने के लिए आग्रह किया. इस पर जिला कलेक्टर ने परमिशन दे दी. आईटीआई छात्र को मौके पर बुलाया गया, जिसने पल भर में ईवीएम मशीन को सही कर पंचायत के चुनाव का परिणाम घोषित कर दिया. होनहार छात्र का कारनामा देख जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल और एसपी केसर सिंह शेखावत के साथ एक्सपर्ट इंजीनियर भी भौचक्के रह गए.

आईटीआई छात्र ने किया ईवीएम मशीन सही

मामला यूं हुआ कि जारोली पंचायत में सरपंच पद के चुनाव में मतदान के बाद जब मतगणना शुरू हुई तो एक ईवीएम मशीन खराब हो गई और मतगणना मौके पर ही रोक दी गई. 3 अक्टूबर 2020 को जारोली पंचायत का चुनाव परिणाम घोषित नहीं हो सका. ईवीएम मशीन को उपखंड मुख्यालय पर आईटीआई केंद्र पर पहुंचाया गया. पोलिंग पार्टी ने मामले से जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को अवगत कराया. खराब ईवीएम मशीन से वोट का डेटा निकालने के लिए स्थानीय इंजीनियर काफी मशक्कत करते रहे. लेकिन डेटा ओपन नहीं हुआ.

यह भी पढ़ें: धौलपुर: ग्राम पंचायत बरा में उपद्रव के बाद हालात सामान्य, कलेक्टर-एसपी के नेतृत्व में उपसरपंच का चुनाव संपन्न

इस पर जिला कलेक्टर के निर्देश से जयपुर और भरतपुर से एक्सपर्ट इंजीनियरों को बुलाया गया. जयपुर से पहुंचे इंजीनियरों ने ईवीएम मशीन से वोटों का डेटा निकालने के लिए एड़ी से चोटी तक की दम लगा ली. लेकिन सफलता हाथ नहीं लग सकी. निर्वाचन विभाग ने हैदराबाद भी एक्सपर्ट इंजीनियरों से संपर्क स्थापित किया. लेकिन जिला निर्वाचन विभाग एवं प्रशासन के अधिकारियों को निराशा हाथ लगी. खराब मशीन से वोटों का डेटा नहीं निकलने पर जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार जायसवाल ने दोबारा मतदान कराने का निर्णय लिया. लेकिन इसी दौरान वहां ड्यूटी पर तैनात अध्यापक अमित कुमार ने आईटीआई कर रहे 18 वर्षीय अपने भतीजे धीरेंद्र पुत्र बनवारी लाल निबासी सैपऊ को ईवीएम मशीन ठीक करने का आग्रह किया. इस पर जिला कलेक्टर ने सहमति प्रदान कर दी.

यह भी पढ़ें: धौलपुर: सरपंच चुनाव में पुलिस टीम पर फायरिंग, बचाव में पुलिस ने भी किया हवाई फायरिंग

धीरेंद्र ने मौके पर पहुंचकर जिस मशीन में सरपंच के वोट डाले हुए थे .उसकी आईसी और डेटा दूसरी ईवीएम मशीन में पल भर में डाल दिया. मशीन को ओपन करते ही सभी प्रत्याशियों के मत डिस्प्ले पर ओपन हो गए. इसे देखकर मौके पर मौजूद जिला कलेक्टर, एसपी और जयपुर से पहुंचे एक्सपर्ट इंजीनियर भौचक्के रह गए, जिसके बाद चुनाव परिणाम जारी कर दिया गया. जिला निर्वाचन अधिकारी ने आशा देवी को 556 मतों से विजयी घोषित कर दिया. आशा देवी को 1,216 मत मिले तो वहीं उनकी प्रतिद्वंदी निरमा देवी को 660 मत मिले. आशा देवी 556 मतों से विजयी होकर जारोली पंचायत की सरपंच निर्वाचित कर दी गई.

धौलपुर. पंचायत चुनाव के दौरान ईवीएम मशीन सही करवाने के लिए निर्वाचन विभाग ने हैदराबाद के एक्सपर्ट से संपर्क किया, लेकिन ईडीएम मशीन ठीक नहीं हो सकी. हताश होकर जिला प्रशासन ने दोबारा चुनाव कराने का निर्णय लिया, लेकिन इसी दौरान ड्यूटी में तैनात एक अध्यापक ने आईटीआई कर रहे अपने भतीजे को ईवीएम मशीन को ठीक करने के लिए आग्रह किया. इस पर जिला कलेक्टर ने परमिशन दे दी. आईटीआई छात्र को मौके पर बुलाया गया, जिसने पल भर में ईवीएम मशीन को सही कर पंचायत के चुनाव का परिणाम घोषित कर दिया. होनहार छात्र का कारनामा देख जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल और एसपी केसर सिंह शेखावत के साथ एक्सपर्ट इंजीनियर भी भौचक्के रह गए.

आईटीआई छात्र ने किया ईवीएम मशीन सही

मामला यूं हुआ कि जारोली पंचायत में सरपंच पद के चुनाव में मतदान के बाद जब मतगणना शुरू हुई तो एक ईवीएम मशीन खराब हो गई और मतगणना मौके पर ही रोक दी गई. 3 अक्टूबर 2020 को जारोली पंचायत का चुनाव परिणाम घोषित नहीं हो सका. ईवीएम मशीन को उपखंड मुख्यालय पर आईटीआई केंद्र पर पहुंचाया गया. पोलिंग पार्टी ने मामले से जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को अवगत कराया. खराब ईवीएम मशीन से वोट का डेटा निकालने के लिए स्थानीय इंजीनियर काफी मशक्कत करते रहे. लेकिन डेटा ओपन नहीं हुआ.

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इस पर जिला कलेक्टर के निर्देश से जयपुर और भरतपुर से एक्सपर्ट इंजीनियरों को बुलाया गया. जयपुर से पहुंचे इंजीनियरों ने ईवीएम मशीन से वोटों का डेटा निकालने के लिए एड़ी से चोटी तक की दम लगा ली. लेकिन सफलता हाथ नहीं लग सकी. निर्वाचन विभाग ने हैदराबाद भी एक्सपर्ट इंजीनियरों से संपर्क स्थापित किया. लेकिन जिला निर्वाचन विभाग एवं प्रशासन के अधिकारियों को निराशा हाथ लगी. खराब मशीन से वोटों का डेटा नहीं निकलने पर जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार जायसवाल ने दोबारा मतदान कराने का निर्णय लिया. लेकिन इसी दौरान वहां ड्यूटी पर तैनात अध्यापक अमित कुमार ने आईटीआई कर रहे 18 वर्षीय अपने भतीजे धीरेंद्र पुत्र बनवारी लाल निबासी सैपऊ को ईवीएम मशीन ठीक करने का आग्रह किया. इस पर जिला कलेक्टर ने सहमति प्रदान कर दी.

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धीरेंद्र ने मौके पर पहुंचकर जिस मशीन में सरपंच के वोट डाले हुए थे .उसकी आईसी और डेटा दूसरी ईवीएम मशीन में पल भर में डाल दिया. मशीन को ओपन करते ही सभी प्रत्याशियों के मत डिस्प्ले पर ओपन हो गए. इसे देखकर मौके पर मौजूद जिला कलेक्टर, एसपी और जयपुर से पहुंचे एक्सपर्ट इंजीनियर भौचक्के रह गए, जिसके बाद चुनाव परिणाम जारी कर दिया गया. जिला निर्वाचन अधिकारी ने आशा देवी को 556 मतों से विजयी घोषित कर दिया. आशा देवी को 1,216 मत मिले तो वहीं उनकी प्रतिद्वंदी निरमा देवी को 660 मत मिले. आशा देवी 556 मतों से विजयी होकर जारोली पंचायत की सरपंच निर्वाचित कर दी गई.

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