धौलपुर. जिले में घुमते आवारा पशु किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गए है. कड़ाके के सर्दी में किसान दिन रात एक कर आवारा पशुओं से फसलों को बचाने में लगे हुए है, लेकिन पशुओं ने चौतरफा फसल को चरने के साथ रोंदना भी शुरू कर दिया है. जिससे किसान खेतों की तारबंदी कर हरी-भरी फसल को बचाने में लगा हुआ है.
किसान बासुदेव सिंह किरार ने बताया कि रवि फसल को महगें खाद-बीज डालकर खेतों में उगाकर तैयार किया गया है. जिसमें प्रमुख रूप से सरसों, आलू और गेहूं की फसल खेतों में उगकर लहराने लगी है. लेकिन आवारा जानवरों के आतंक ने फसल को बर्बाद करना शुरू कर दिया है. खेतों में आवारा गाय, सांड और बछड़ों के झुण्ड के झुण्ड खड़ी फसल पर हमला कर रहे है. आवारा पशु फसल को चरने के साथ-साथ रौंद भी रहे है. जिससे खड़ी फसलों का काफी नुकसान हो रहा है.
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किसान दसरथ सिंह ने बताया कि कड़ाके की सर्दी में दिन-रात एक कर फसल की रखवाली कर रहे है. पत्थरों के टुकड़े खेतों की मेड पर खुदाई कर तारबंदी कर रहे है. जिन किसानों के पास खेत अधिक रकबे में है, उनके लिए मुसीबत सबसे अधिक खड़ी हो रही है. फसल की लागत से अधिक मार्केट में लोहे के तार की कीमत चुकानी पड़ रही है, जिससे किसानों के सामने नया संकट खड़ा हो गया.
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किसानों ने बताया कि आवारा पशु रात्रि के समय फसलों पर हमला कर रहे है. जिस खेत में पशु घुस जाते है, उस खेत की फसल को बर्बाद करके ही निकलते है. किसानों ने कहा कि रवि फसल की उपज शुरुआत में बहुत शानदार हुई है, लेकिन जानवरों से फसल को बचाना काफी बड़ी समस्या बन गई है. सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान का कोई भी धणी धोरी नहीं है. प्रत्येक फसल के सीजन में फसल किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है, लेकिन हुकूमत और हुकूमत के जिम्मेदार सिर्फ आस्वासन तक ही सीमित है. जिसे लेकर जिले के किसानों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.