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धौलपुर में सर्दी का सितम, घने कोहरे के बीच जनजीवन प्रभावित

धौलपुर में बीते करीब एक हफ्ते से चल रहे खराब मौसम ने आमजन और पशु-पक्षियों की दिनचर्या को प्रभावित किया है. कभी पाला, बारिश तो कभी कोहरे ने आमजन के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. हालांकि, सर्दी का होना रवि फसल की दृष्टि से काफी लाभकारी माना जा रहा है. लेकिन सर्दी का असर इसी प्रकार रहा तो कुछ फसलों में नुकसान भी हो सकता है. मंगलवार सुबह से ही घने कोहरे ने दस्तक दे दी. आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग, धौलपुर-करौली राष्ट्रीय राजमार्ग और धौलपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सन्नाटा पसर गया. वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई. बाजारों में सन्नाटा पसर गया. लोग अधिकांश घरों में बंद रहे. कड़ाके की सर्दी ने लोगों के जनजीवन को बेहाल कर दिया.

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Published : Jan 5, 2021, 11:03 AM IST

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घने कोहरे के बीच जनजीनव प्रभावित

धौलपुर. बीते एक हफ्ते से जिले में मौसम की लुका छुपी का खेल चल रहा है. घने कोहरे के साथ पाले ने सर्दी में भारी इजाफा किया है. रवि फसल की दृष्टि से सर्दी का होना नितांत जरूरी है. मंगलवार सुबह से ही आसमान में बादल छा गए. वातावरण में पूरी तरह से ठंडक घुल गई. सुबह से ही घने कोहने ने दस्तक दे दी. आसमान में धुंध छाने से सड़कों पर कुछ दिखाई नहीं दिया, जिससे आवागमन में भारी परेशानी हुई.

घने कोहरे के बीच जनजीनव प्रभावित

कड़ाके की सर्दी से लोगों का जनजीवन पूरी तरह से ठहर गया. दो दिन पूर्व हुई मावठ किसानों के लिए काफी लाभदायक मानी जा रही है. गेहूं, चना, मटर और सब्जियों की फसलों में बारिश से काफी फायदा माना जा रहा है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है. हालांकि सरसों और आलू फसल में मामूली तौर पर नुकसान भी देखा जा रहा है. किसानों का मानना है कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है. गेहूं, मटर, चना और सब्जियों के लिए मावठ एवं सर्दी की जरूरत है.

यह भी पढ़ें: कोटा: बारिश और ओलावृष्टि से किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, पूर्व विधायक ने सरकार से मुआवजे की मांग की

उधर, आमजन की बात की जाए तो कड़ाके की सर्दी और पाले ने आमजन के साथ पशु-पक्षी एवं वन्यजीवों का जनजीवन भी प्रभावित किया है. धौलपुर शहर के बाजारों में सुबह 11 बजे तक सन्नाटा पसरा रहता है. लोगों का जनजीवन पूरी तरह से ठहर गया है. लोग अधिकांश घरों में रहकर ही दिन को व्यतीत करते हैं. कड़ाके की सर्दी ने बच्चे, बुजुर्ग युवा और अधेड़ सभी को बेहाल कर दिया है. धौलपुर शहर से गुजरने वाले आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग, धौलपुर-करौली हाईवे और धौलपुर-जयपुर हाईवे पर भी आवागमन प्रभावित हुआ है. सर्दी के सितम से यातायात भार में भारी गिरावट देखी जा रही है. सर्दी से बचाव के लिए लोग ऊनी वस्त्र और अलाव का सहारा ले रहे हैं.

यह भी पढ़ें: झुंझूनू में कड़ाके की सर्दी के बीच बारिश और ओलों ने बरपाया कहर

उधर, मौसम विभाग से मिली जानकारी में ज्ञात हुआ है कि आगामी दिनों में मौसम और अधिक खराब हो सकता है. मकर संक्रांति तक कड़ाके की सर्दी का सितम जारी रहेगा. उसके अलावा मानसून में भी दबाव बना हुआ है, जिससे बारिश होने की भी संभावना दिखाई दे रही है.

धौलपुर. बीते एक हफ्ते से जिले में मौसम की लुका छुपी का खेल चल रहा है. घने कोहरे के साथ पाले ने सर्दी में भारी इजाफा किया है. रवि फसल की दृष्टि से सर्दी का होना नितांत जरूरी है. मंगलवार सुबह से ही आसमान में बादल छा गए. वातावरण में पूरी तरह से ठंडक घुल गई. सुबह से ही घने कोहने ने दस्तक दे दी. आसमान में धुंध छाने से सड़कों पर कुछ दिखाई नहीं दिया, जिससे आवागमन में भारी परेशानी हुई.

घने कोहरे के बीच जनजीनव प्रभावित

कड़ाके की सर्दी से लोगों का जनजीवन पूरी तरह से ठहर गया. दो दिन पूर्व हुई मावठ किसानों के लिए काफी लाभदायक मानी जा रही है. गेहूं, चना, मटर और सब्जियों की फसलों में बारिश से काफी फायदा माना जा रहा है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है. हालांकि सरसों और आलू फसल में मामूली तौर पर नुकसान भी देखा जा रहा है. किसानों का मानना है कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है. गेहूं, मटर, चना और सब्जियों के लिए मावठ एवं सर्दी की जरूरत है.

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उधर, आमजन की बात की जाए तो कड़ाके की सर्दी और पाले ने आमजन के साथ पशु-पक्षी एवं वन्यजीवों का जनजीवन भी प्रभावित किया है. धौलपुर शहर के बाजारों में सुबह 11 बजे तक सन्नाटा पसरा रहता है. लोगों का जनजीवन पूरी तरह से ठहर गया है. लोग अधिकांश घरों में रहकर ही दिन को व्यतीत करते हैं. कड़ाके की सर्दी ने बच्चे, बुजुर्ग युवा और अधेड़ सभी को बेहाल कर दिया है. धौलपुर शहर से गुजरने वाले आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग, धौलपुर-करौली हाईवे और धौलपुर-जयपुर हाईवे पर भी आवागमन प्रभावित हुआ है. सर्दी के सितम से यातायात भार में भारी गिरावट देखी जा रही है. सर्दी से बचाव के लिए लोग ऊनी वस्त्र और अलाव का सहारा ले रहे हैं.

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उधर, मौसम विभाग से मिली जानकारी में ज्ञात हुआ है कि आगामी दिनों में मौसम और अधिक खराब हो सकता है. मकर संक्रांति तक कड़ाके की सर्दी का सितम जारी रहेगा. उसके अलावा मानसून में भी दबाव बना हुआ है, जिससे बारिश होने की भी संभावना दिखाई दे रही है.

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