धौलपुर. मध्य प्रदेश और हाड़ौती क्षेत्र में हुई बारिश के बाद कोटा बैराज से सोमवार को 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी चंबल में छोड़ा गया है. इसके साथ ही चंबल की सहायक नदियों का पानी प्रवेश कर रहा है. ऐसे में लगभग 10 लाख क्यूसेक से अधिक पानी देर रात तक धौलपुर जिले की सीमा में प्रवेश कर जाएगा. जिसके कारण जिले के 80 गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते (Flood situation in 80 villages of Dholpur) हैं.
जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि कोटा कलेक्टर की ओर से स्थानीय जिला प्रशासन को हालातों से अवगत कराया है. उन्होंने बताया आगामी 24 घंटे में धौलपुर की चंबल नदी में 10 लाख क्यूसेक पानी आने की पूरी संभावना है. उन्होंने बताया कि चंबल नदी के किनारे बसे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है. सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में एसडीएम, विकास अधिकारी, संबंधित हल्का पटवारी, गिरदावर एवं सचिवों की बैठक लेकर विशेष निगरानी रखने के दिशा-निर्देश दिए हैं. धौलपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा और सरमथुरा उपखंड क्षेत्र के करीब 80 गांव बाढ़ आपदा से प्रभावित हो सकते हैं.
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उन्होंने बताया प्रशासन के जितने भी अंग हैं, उन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रवाना कर दिया है. करीब आधा दर्जन एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू वाले स्थानों पर भेजी गई है. डीएम ने बताया सोमवार देर शाम तक नदी के तटवर्ती इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था कर रखा जाएगा. कलेक्टर का कहना है कि मध्यरात्रि के बाद चंबल नदी का जल स्तर 140 मीटर से अधिक ऊपर पहुंच सकता है. समूचे प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है. अधिकारी और कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर हेडक्वार्टर पर पाबंद किया गया है. जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. चंबल नदी के गेज का हर घंटे अपडेट लिया जा रहा है. कलेक्टर ने आमजन से अपील करते हुए कहा है कि जहां पानी का बहाव हो, वहां रास्तों को क्रॉस नहीं करें.
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खाद्य सामग्री एवं मेडिकल टीम तैनात: कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेकर चिकित्सा विभाग को विशेष निर्देश दिए हैं. सीएससी, पीएससी एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर मेडिसन की व्यवस्थाएं उपलब्ध रहेंगी. बुजुर्ग बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं के लिए मौके पर ही मेडिकल उपलब्ध कराया जाएगा. चंबल के किनारे बसे लोगों के लिए ऊंचे स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था कर टेंट लगाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया बाढ़ आपदा से मुकाबला करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. आमजन भी प्रशासन के साथ सहयोग प्रदान करें. गौरतलब है कि चंबल नदी का खतरे का निशान 129.79 मीटर है. 130.79 मीटर से वार्निंग लेवल शुरू हो जाता है. डीएम के मुताबिक खतरे के निशान से चंबल नदी का जलस्तर 11 मीटर ऊपर पहुंच सकता है.