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SP की पहल, तकनीकी कारणों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में इंजीनियर और कंपनी के खिलाफ होगी FIR दर्ज

राजस्थान के धौलपुर में सड़क हादसों को लेकर एसपी की बड़ी पहल (Dholpur SP on Road Accidents) सामने आई है. तकनीकी कारणों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में इंजीनियर और कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी. एसपी धर्मेंद्र सिंह ने पूरी कार्य योजना तैयार कर ली है और उसको अमलीजामा पहनाना भी शुरू कर दिया है.

FIR will Against Engineer and Company
सड़क हादसों को लेकर एसपी की पहल
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Published : Sep 20, 2022, 10:53 PM IST

धौलपुर. जिले से गुजर रहे तीन हाईवे समेत विभिन्न मार्गों पर कई बार सड़क दुर्घटनाएं चालक की लापरवाही से होती हैं तो कई बार सड़कों में तकनीकी कमी होने के कारण. तकनीकी कमी को दूर करने की जिम्मेदारी रोड से संबंधित इंजीनियर की होती हैं. ऐसे में अब धौलपुर जिले से गुजरने वाले तीनों हाईवे पर (SP Initiative Regarding Road Accidents) यदि कोई सड़क दुर्घटना किसी तकनीकी कमी के कारण होती है तो संबंधित इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इसे लेकर एसपी धर्मेंद्र सिंह ने पूरी कार्य योजना तैयार कर ली है और उसको अमलीजामा पहनाना भी शुरू कर दिया है. एसपी ने एनएच 44, एनएच ग्यारह बी और एनएच 123 के इंजीनियरों के साथ बैठक भी कर ली है और तकनीकी खामियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं. पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि कई बार सड़क दुर्घटनाएं रोड में तकनीकी खामी के कारण हो जाती हैं. ऐसे में इन खामियों का पता लगाने के लिए धौलपुर जिले के पुलिस महकमे के चालकों को नया टास्क दिया गया है. जिसमें खुद एसपी का चालक सहित एडिशनल एसपी, सभी डीएसपी, सभी थाना प्रभारी एवं अन्य जो भी पुलिस महकमे के चालक हैं, उन्हें ये टास्क दिया गया है.

पढ़ें : Special : राजस्थान में सड़क दुर्घटना के चौंकाने वाले आंकड़े, शाम 6 से 9 बजे का समय है बेहद खरनाक

सभी चालकों को धौलपुर जिले के विभिन्न सड़क मार्गों पर (Road Accidents due to Technical Reasons) तकनीकी समस्याओं से संबंधित पांच समस्याएं बतानी होंगी, जिनमें सड़क में ज्यादा घुमाव, सड़क में गड्ढे या अन्य कोई तकनीकी कमी आदि हैं. इसके बाद खुद एसपी इनमें से जो बड़ी तकनीकी समस्याएं होंगी, उन्हें चिन्हित करके संबंधित सड़क के इंजीनियरों को बताएंगे और तकनीकी समस्या को एक माह में ठीक करने का समय दिया जाएगा.

एसपी सिंह ने बताया कि यदि हाईवे में कोई तकनीकी खराबी है और उसकी वजह से किसी की जान जाती है तो कानूनी रूप से संबंधित कंपनी और उसका इंजीनियर दोषी माना जाता है. ऐसे में हम संबंधित सड़क के इंजीनियर को एक माह में तकनीकी कमी को दूर करने का समय देंगे. यदि तय समय में तकनीकी खामी दूर नहीं की जाती है और उसकी वजह से कोई सड़क दुर्घटना होती है, जिसमें किसी की जान जाती है तो संबंधित रोड के इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

धौलपुर. जिले से गुजर रहे तीन हाईवे समेत विभिन्न मार्गों पर कई बार सड़क दुर्घटनाएं चालक की लापरवाही से होती हैं तो कई बार सड़कों में तकनीकी कमी होने के कारण. तकनीकी कमी को दूर करने की जिम्मेदारी रोड से संबंधित इंजीनियर की होती हैं. ऐसे में अब धौलपुर जिले से गुजरने वाले तीनों हाईवे पर (SP Initiative Regarding Road Accidents) यदि कोई सड़क दुर्घटना किसी तकनीकी कमी के कारण होती है तो संबंधित इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इसे लेकर एसपी धर्मेंद्र सिंह ने पूरी कार्य योजना तैयार कर ली है और उसको अमलीजामा पहनाना भी शुरू कर दिया है. एसपी ने एनएच 44, एनएच ग्यारह बी और एनएच 123 के इंजीनियरों के साथ बैठक भी कर ली है और तकनीकी खामियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं. पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि कई बार सड़क दुर्घटनाएं रोड में तकनीकी खामी के कारण हो जाती हैं. ऐसे में इन खामियों का पता लगाने के लिए धौलपुर जिले के पुलिस महकमे के चालकों को नया टास्क दिया गया है. जिसमें खुद एसपी का चालक सहित एडिशनल एसपी, सभी डीएसपी, सभी थाना प्रभारी एवं अन्य जो भी पुलिस महकमे के चालक हैं, उन्हें ये टास्क दिया गया है.

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सभी चालकों को धौलपुर जिले के विभिन्न सड़क मार्गों पर (Road Accidents due to Technical Reasons) तकनीकी समस्याओं से संबंधित पांच समस्याएं बतानी होंगी, जिनमें सड़क में ज्यादा घुमाव, सड़क में गड्ढे या अन्य कोई तकनीकी कमी आदि हैं. इसके बाद खुद एसपी इनमें से जो बड़ी तकनीकी समस्याएं होंगी, उन्हें चिन्हित करके संबंधित सड़क के इंजीनियरों को बताएंगे और तकनीकी समस्या को एक माह में ठीक करने का समय दिया जाएगा.

एसपी सिंह ने बताया कि यदि हाईवे में कोई तकनीकी खराबी है और उसकी वजह से किसी की जान जाती है तो कानूनी रूप से संबंधित कंपनी और उसका इंजीनियर दोषी माना जाता है. ऐसे में हम संबंधित सड़क के इंजीनियर को एक माह में तकनीकी कमी को दूर करने का समय देंगे. यदि तय समय में तकनीकी खामी दूर नहीं की जाती है और उसकी वजह से कोई सड़क दुर्घटना होती है, जिसमें किसी की जान जाती है तो संबंधित रोड के इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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