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धौलपुर: रवि की फसल के शरुआती लक्षण से किसानों के खिले चेहरे, अच्छी उपज की उम्मीद

रवि फसलों की बुवाई को लेकर किसान तैयार नजर आ रहे हैं. फसल में समय से पानी देने से लेकर सभी छोटी- बड़ी बातों का ध्यान रख रहे हैं. कुछ फसलों की बुवाई की जा चुकी है और कुछ की होनी बाकी है. बोई गईं फसलों के शुरुआती लक्षण से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं.

धौलपुर, early onset of ravi crops
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Published : Nov 22, 2019, 6:44 PM IST

धौलपुर. मौजूदा समय में जिले में रवि फसल की बुवाई का काम जोरों से चल रहा है. किसान सरसों, आलू, जौ और मटर की फसल की बुवाई कर चूके हैं. वहीं गेंहू फसल की बुवाई का काम जोरों से चल रहा है.

किसानों को रवि फसल के अच्छे पैदावार की उम्मीद

25 नबंबर तक गेंहू फसल की बुवाई की जायेगी. जो फसल खेतों में उगकर तैयार खड़ी है, उन्हें देखकर किसान काफी खुश और उत्साहित हैं. शुरुआती फसल के लक्षण को देखकर किसानों को आने वाले समय में अच्छी पैदावार की उम्मीद दिखाई दे रही है. हालांकि इसके लिए मौसम का साथ भी जरूरी है.

कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक रवि फसल के मौजूदा सीजन में सरसों फसल की बुवाई 67 हजार 4 सौ 79 हैक्टेयर की गई है, आलू की बुवाई 55 हजार 7 सौ 35 हैक्टेयर की गई है और गेंहू फसल का लक्ष्य 64 हजार से अधिक हैक्टेयर का रखा गया है, जिसमें किसान अधिकांश वुवाई कर चुका है.

सरसों और आलू की फसलें खेतों में तैयार खड़ी हैं. सरसों में किसान शुरूआती दौर में एक पानी लगा चुका है. इसके अलावा खाद और कीटनाशक भी उपयोग में की गई, जिससे सरसों की फसल के शुरुआती लक्षण काफी अच्छे दिखाई दे रहे हैं.

किसानों को उम्मीद है कि अगर मौसम का साथ अच्छा रहा तो सरसों में पैदावार काफी अच्छी हो सकती है. आलू फसल भी खेतों में दमदारी से अंकुरित हुई है. आलू में भी किसान शुरूआती पानी का उपयोग कर चुका है. लेकिन, अधिक सर्दी आलू फसल के लिए हानिकारक मानी जाती है.

इसके अलावा गेंहू फसल की बुवाई का काम जारी है. जिले में अधिकांश किसान गेंहू फसल की बुवाई को अंतिम रूप दे चुके हैं. लेट वैराइटी वाले फसलों की बुवाई करने किसान अभी लगे हुए हैं.

कृषि विभाग ने कहा, फसल की नब्ज को देखते रहे किसान

कृषि अधिकारी ने बताया कि मौजूदा सीजन रवि फसल का चल रहा है, जिसमे सरसों, आलू, मटर, जौ और गेंहू फसल की बुवाई की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सरसों और आलू की फसल काफी नाजुक मानी जाती है. खासकर सरसों फसल में अधिक सर्दी से फंगी साइड और सफ़ेद रोली रोग की सम्भवना रहती है, जिससे फसल के उत्पादन में गिरावट आती है.

वहीं, आलू फसल में भी अधिक सर्दी और पाले से नुकसान की सम्भावना बनी रहती है. आलू फसल में प्रमुख रूप से झुलसा रोग प्रवेश करता है, जिससे फसल गलकर नष्ट हो जाती है. फसल के रख-रखाव और संरक्षण के लिए किसान फसल की नब्ज को देखते रहें. समय-समय पर खेती का उपचार करें.

पढ़ें: स्पेशल: अब किसानों को Transformer जलने पर देना होगा मरम्मत का खर्च

फसल में जहां रोग की सम्भावना दिखाई दे वहां कृषि विभाग से जानकारी लेकर दवाओं का प्रयोग करें, जिससे खेती को नुकसान से बचाया जा सके. बहरहाल, आपदाओं की वजह से किसानों के लिए खेती लंबे समय से घाटे का सौदा बनी हुई है. लेकिन, फसल के शुरूआती रुख को देखकर किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद है.

धौलपुर. मौजूदा समय में जिले में रवि फसल की बुवाई का काम जोरों से चल रहा है. किसान सरसों, आलू, जौ और मटर की फसल की बुवाई कर चूके हैं. वहीं गेंहू फसल की बुवाई का काम जोरों से चल रहा है.

किसानों को रवि फसल के अच्छे पैदावार की उम्मीद

25 नबंबर तक गेंहू फसल की बुवाई की जायेगी. जो फसल खेतों में उगकर तैयार खड़ी है, उन्हें देखकर किसान काफी खुश और उत्साहित हैं. शुरुआती फसल के लक्षण को देखकर किसानों को आने वाले समय में अच्छी पैदावार की उम्मीद दिखाई दे रही है. हालांकि इसके लिए मौसम का साथ भी जरूरी है.

कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक रवि फसल के मौजूदा सीजन में सरसों फसल की बुवाई 67 हजार 4 सौ 79 हैक्टेयर की गई है, आलू की बुवाई 55 हजार 7 सौ 35 हैक्टेयर की गई है और गेंहू फसल का लक्ष्य 64 हजार से अधिक हैक्टेयर का रखा गया है, जिसमें किसान अधिकांश वुवाई कर चुका है.

सरसों और आलू की फसलें खेतों में तैयार खड़ी हैं. सरसों में किसान शुरूआती दौर में एक पानी लगा चुका है. इसके अलावा खाद और कीटनाशक भी उपयोग में की गई, जिससे सरसों की फसल के शुरुआती लक्षण काफी अच्छे दिखाई दे रहे हैं.

किसानों को उम्मीद है कि अगर मौसम का साथ अच्छा रहा तो सरसों में पैदावार काफी अच्छी हो सकती है. आलू फसल भी खेतों में दमदारी से अंकुरित हुई है. आलू में भी किसान शुरूआती पानी का उपयोग कर चुका है. लेकिन, अधिक सर्दी आलू फसल के लिए हानिकारक मानी जाती है.

इसके अलावा गेंहू फसल की बुवाई का काम जारी है. जिले में अधिकांश किसान गेंहू फसल की बुवाई को अंतिम रूप दे चुके हैं. लेट वैराइटी वाले फसलों की बुवाई करने किसान अभी लगे हुए हैं.

कृषि विभाग ने कहा, फसल की नब्ज को देखते रहे किसान

कृषि अधिकारी ने बताया कि मौजूदा सीजन रवि फसल का चल रहा है, जिसमे सरसों, आलू, मटर, जौ और गेंहू फसल की बुवाई की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सरसों और आलू की फसल काफी नाजुक मानी जाती है. खासकर सरसों फसल में अधिक सर्दी से फंगी साइड और सफ़ेद रोली रोग की सम्भवना रहती है, जिससे फसल के उत्पादन में गिरावट आती है.

वहीं, आलू फसल में भी अधिक सर्दी और पाले से नुकसान की सम्भावना बनी रहती है. आलू फसल में प्रमुख रूप से झुलसा रोग प्रवेश करता है, जिससे फसल गलकर नष्ट हो जाती है. फसल के रख-रखाव और संरक्षण के लिए किसान फसल की नब्ज को देखते रहें. समय-समय पर खेती का उपचार करें.

पढ़ें: स्पेशल: अब किसानों को Transformer जलने पर देना होगा मरम्मत का खर्च

फसल में जहां रोग की सम्भावना दिखाई दे वहां कृषि विभाग से जानकारी लेकर दवाओं का प्रयोग करें, जिससे खेती को नुकसान से बचाया जा सके. बहरहाल, आपदाओं की वजह से किसानों के लिए खेती लंबे समय से घाटे का सौदा बनी हुई है. लेकिन, फसल के शुरूआती रुख को देखकर किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद है.

Intro:धौलपुर जिले में मौजूदा समय में रवि फसल की वुवाई का काम जोरों से चल रहा है। जिसमे जिले का किसान सरसों आलू जौ एवं मटर की फसल की वुवाई कर चूका है। फसल खेतों में भी उगकर लहराने लगी है। वही गेंहू फसल की वुवाई का काम जोरों से चल रहा है। 25 नबंबर तक गेंहू फसल की वुवाई की जायेगी। जो फसल खेतों में उगकर तैयार खड़ी है। उन्हें देखकर किसान काफी खुश और उत्साहित है। शुरूआती फसल के लक्षणों को देखकर किसानों को आगे आने वाले समय में अच्छी पैदावार की उम्मीद दिखाई दे रही है। हालांकि इसके लिए मौसम का साथ देना भी जरुरी है। 





Body:कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक़ रवि फसल के मौजूदा सीजन में सरसों फसल की वुवाई 67 हजार 4 सौ 79 हैक्टेयर की गई है। आलू फसल 55 हजार 7सौ 35 हैक्टेयर वुवाई की गई है। वही गेंहू फसल का लक्ष्य 64 हजार से अधिक हैक्टेयर का रखा गया है। जिसमे किसान अधिकांश वुवाई कर चूका है शेष बचा किसान वुवाई करने में जुटा हुआ है। सरसों और आलू की फसल खेतों में उगकर तैयार खड़ी है। सरसों में किसान शुराआत दौर में एक पानी को लगा चुका है। उसके अलावा खाद और कीटनाशक भी उपयोग में की गई। जिससे सरसों की फसल के शुरुआत लक्षण काफी असरकार दिखाई देने लगे है। किसानों ने उम्मीद जताई है। अगर मौसम का साथ अच्छा रहा तो सरसों में पैदावार काफी अच्छी हो सकती है। वही आलू फसल भी खेतों दमदारी से अंकुरित हुई है। आलू में भी किसान शुरूआती पानी का उपयोग कर चूका है। लेकिन अधिक सर्दी आलू फसल के लिए हानिकारक मानी जाती है। मौजूदा वक्त में आलू फसल का पौधा पूरी तरह से बिकसित होकर खेतों में खड़ा हुआ है। जिससे किसानों को काफी उम्मीद दिखाई दे रही है। गेंहू फसल की वुवाई का काम जारी है। जिले में अधिकांश किसान गेंहू फसल की वुवाई को अंतिम रूप दे चुका है। लेट वैराइटी वाले किसान अभी वुवाई करने में लगे हुए है। 

कृषि विभाग पर अनदेखी का आरोप 

किसानों ने बताया जिले का कृषि विभाग किसानों को खेती से संबंधित जानकारी देने में नाकाम साबित हो रहा है। किसानों को उन्नत किश्म के बीज फर्टिलाइजर्स एवं कीटनाशक दबाओं की जानकारी नहीं मिल रही है। जिससे फसल में रोग आने पर निदान नहीं हो पाता है। किसान निजी स्तर पर मौसम और तासीर को देखकर फसल की देखभाल करता है। 

कृषि विभाग ने कहा,फसल की नब्ज को देखते रहे किसान 

कृषि विभाग ने बताया मौजूदा सीजन रवि फसल का चल रहा है। जिसमे सरसों आलू मटर जौ और गेंहू फसल की वुवाई की चुकी है। सरसों मटर और आलू की फसल उगकर खेतों में लहराने लगी है। सरसों एवं आलू की फसल काफी नाजुक मानी जाती है। सरसों फसल में खासकर अधिक सर्दी से तना गलन फंगी साइड एवं सफ़ेद रोली रोग की सम्भवना रहती है। जिससे फसल के उत्पादन में गिरावट आती है। वही आलू फसल भी अधिक सर्दी और पाले से नुकसान की सम्भावना बनी रहती है। आलू फसल में प्रमुख रूप से झुलसा रोग प्रवेश करता है। जिससे फसल गलकर नस्ट होती है। फसल के रख रखाब एवं संरक्षण के लिए किसान फसल की नब्ज को देखते रहे। समय समय पर खेती का उपचार करें। फसल में जहाँ रोग की सम्भावना दिखाई दे वहां कृषि विभाग से जानकारी लेकर दबाओं का प्रयोग करे। जिससे खेती को नुकसान से बचाया जा सके। 





Conclusion:फसल के शुरूआती सफर को देखते हुए जिले का किसान काफी खुश है। हालंकि किसान के लिए आपदाओं की बजह से खेती लबे समय से घाटे का सौदा बनी हुई है। लेकिन किसान की उम्मीद और आस फसल के शुरूआती रुख को देखकर अच्छी पैदावार के संकेत दे रही है। 
1,Byte:- विनीत शर्मा,किसान
2,Byte:- सामलिया कुशवाह,किसान
3,Byte:- ओमी सिंह,किसान
4,Byte:- शकूर खा, किसान
5,Byte:- कौशलेंद्र कुमार,कृषि अधिकारी
Report:-
Neeraj Sharma
Dholpur
मान्यवर रवि फसल की स्पेशल स्टोरी सादर प्रेषित है.
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