धौलपुर. जिले में वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में ईटीवी भारत प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित हुआ है. बीती रात 11 बजे दो बसों को NH-123 पर जिला प्रशासन और पुलिस ने रोक लिया था. सुबह ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों की स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद ईटीवी ने प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की. परिणामस्वरूप बस में भूखे बैठे मजदूरों को खाना भी मिल गया और उनकी स्क्रीनिंग करवाकर उन्हें घर जाने की अनुमति भी दी गई.
राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक जिले की सभी सीमाओं को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दे दिया गया है. आदेश की पालना करते हुए जिला प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से सीमाओं को सील करवा दिया गया है. सिर्फ जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से परमिशन लेकर ही आने वाले वाहनों को छूट दी जा रही है.
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ऐसे में बीती रात धौलपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तर प्रदेश कैथरी बॉर्डर के पास रोडवेज की दो बसें मजदूरों को लेकर पहुंची. कानून की पालना करते हुए बसों को वहीं रोक दिया गया. रात 11 बजे से दोनों बसें वहीं खड़ी रही. इन बसों में महिला, पुरुष और बच्चे समेत करीब 40 सवारियां बैठी हुई थी. बॉर्डर सीमा जंगल में होने की वजह आस-पास कोई ढाबा भी नहीं था. ऐसे में बस में बैठे मजदूर और उनका परिवार भूख से तड़पने लगा.
सुबह ईटीवी भारत की टीम जब बॉर्डर के हालातों का जायजा लेने पहुंची. तो वहां ठहरी हुई बसों के बारे में भी जानकारी मिली. सूचना के मुताबिक मौके पर मौजूद पुलिस कर्मचारी और प्रशासन के निगरानी दल ने भी उच्च अधिकारियों से बात करने का हवाला देकर बसों को प्रवेश नहीं देने की बात कह दी थी.
इसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने उच्च अधिकारियों से मामले को अवगत कराया. जिसके बाद जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया और मेडिकल की टीम जिला प्रशासन की तरफ से भेजी गई. सभी प्रवासी मजदूरों की मौके पर ही स्क्रीनिंग करवाई गई. उसके बाद दोनों बसों को सीमा के अंदर प्रवेश दिया गया.
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सुबह मजदूरों को ईटीवी भारत के दखल के बाद स्वल्पाहार और नाश्ता भी उपलब्ध करा दिया गया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचा दिया है.