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आलू की अच्छी पैदावार के बावजूद दुखी हैं धौलपुर के किसान...ये है वजह

धौलपुर में इस साल आलू के फसल की पैदावार भारी मात्रा में दिखाई दे रही है. किसानों ने आलू खुदाई की शुरुआत कर दी है. उत्पादन में भारी इजाफा होने पर किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.

धौलपुर के किसान
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Published : Mar 11, 2019, 5:32 PM IST

धौलपुर. जिले में इस साल आलू के फसल की पैदावार भारी मात्रा में दिखाई दे रही है. किसानों ने आलू खुदाई की शुरुआत कर दी है. उत्पादन में भारी इजाफा होने पर किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.

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लेकिन मंडी में भाव कम मिलने से किसानों में निराशा भी छाई हुई है. किसान सरसों और आलू की फसलों की कटाई करने में जुटा हुआ है. हालांकि गेहूं फसल की कटाई में अभी 10 से 15 दिन का समय लगेगा. वहीं सरसों की कटाई और आलू की खुदाई किसानों ने शुरू कर दी है.

क्या कहना है किसानों का
किसान फौरन सिंह ने बताया कि आलू की पैदावार अनुमान से अधिक हो रही है. 1 बीघा खेत में करीब 175 बोरा आलू निकल रहे हैं. जो किसान के लिए शुभ संकेत है. काश्तकारों ने आलू खुदाई की शुरुआत कर दी है. खुदाई के साथ-साथ सफाई कर बोरे में डालकर मंडियों में भेजने के लिए पैक किया जा रहा है. अधिकांशत: किसान आलू का स्टॉक कर कोल्ड स्टोरेज में जमा कर रहे हैं. लेकिन जो किसान आलू को मंडियों में बेचना चाह रहे हैं. उनको मंडी में भाव अच्छा नहीं मिल रहा है. मौजूदा समय के आलू के मंडी भाव की बात की जाए तो 6 से 8 रुपये प्रति किलो तक थोक में बिक्री हो रही है, जिससे किसान की लागत भी नहीं निकल रही है.

किसान सांवलिया ने बताया कि आलू फसल की बुवाई से लेकर अब तक का सफर अच्छा रहा. महंगे खाद बीज और कीटनाशक दवाएं डालकर फसल को अंतिम मुकाम तक पहुंचाया था. लेकिन मंडी भाव कम होने से किसानों में निराशा छाई हुई है.

ऐसे में किसानों ने राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से मांग की है कि भाव लागत के अनुसार मिलना चाहिए. रवि की तीनों फसलों में पैदावार अच्छी होने की संभावना है. लेकिन सरकार ने भाव अच्छा तय नहीं किया तो किसानों को फिर से तकदीर को कोशना पड़ेगा.

धौलपुर. जिले में इस साल आलू के फसल की पैदावार भारी मात्रा में दिखाई दे रही है. किसानों ने आलू खुदाई की शुरुआत कर दी है. उत्पादन में भारी इजाफा होने पर किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.

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लेकिन मंडी में भाव कम मिलने से किसानों में निराशा भी छाई हुई है. किसान सरसों और आलू की फसलों की कटाई करने में जुटा हुआ है. हालांकि गेहूं फसल की कटाई में अभी 10 से 15 दिन का समय लगेगा. वहीं सरसों की कटाई और आलू की खुदाई किसानों ने शुरू कर दी है.

क्या कहना है किसानों का
किसान फौरन सिंह ने बताया कि आलू की पैदावार अनुमान से अधिक हो रही है. 1 बीघा खेत में करीब 175 बोरा आलू निकल रहे हैं. जो किसान के लिए शुभ संकेत है. काश्तकारों ने आलू खुदाई की शुरुआत कर दी है. खुदाई के साथ-साथ सफाई कर बोरे में डालकर मंडियों में भेजने के लिए पैक किया जा रहा है. अधिकांशत: किसान आलू का स्टॉक कर कोल्ड स्टोरेज में जमा कर रहे हैं. लेकिन जो किसान आलू को मंडियों में बेचना चाह रहे हैं. उनको मंडी में भाव अच्छा नहीं मिल रहा है. मौजूदा समय के आलू के मंडी भाव की बात की जाए तो 6 से 8 रुपये प्रति किलो तक थोक में बिक्री हो रही है, जिससे किसान की लागत भी नहीं निकल रही है.

किसान सांवलिया ने बताया कि आलू फसल की बुवाई से लेकर अब तक का सफर अच्छा रहा. महंगे खाद बीज और कीटनाशक दवाएं डालकर फसल को अंतिम मुकाम तक पहुंचाया था. लेकिन मंडी भाव कम होने से किसानों में निराशा छाई हुई है.

ऐसे में किसानों ने राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से मांग की है कि भाव लागत के अनुसार मिलना चाहिए. रवि की तीनों फसलों में पैदावार अच्छी होने की संभावना है. लेकिन सरकार ने भाव अच्छा तय नहीं किया तो किसानों को फिर से तकदीर को कोशना पड़ेगा.

Intro:धौलपुर जिले में इस बार आलू फसल में भारी पैदावार की संभावना दिखाई दे रही है। किसानों ने आलू फसल की खुदाई की शुरुआत कर दी है। आलू फसल के उत्पादन में भारी इजाफा होने पर किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। लेकिन मंडी में भाव कम मिलने से किसानों में निराशा भी छाई हुई है। किसान रवि की गेहूं सरसों और आलू की फसल की लावणी करने में जुटा हुआ है। हालांकि गेहूं फसल की कटाई में अभी 10 से 15 दिन का समय लगेगा। सरसों की कटाई आलू फसल की खुदाई के साथ ही किसानों ने शुरू कर दी है।


Body:किसान फौरन सिंह ने बताया कि आलू फसल में पैदावार अनुमान से अधिक हो रही है। एक बीघा खेत में करीब 175 बोरा आलू निकल रहे हैं। जो किसान के लिए शुभ संकेत है। काश्तकारों ने आलू फसल की लावणी की शुरुआत कर दी है। आलू की खुदाई के साथ सफाई कर बोरा में मंडियों के लिए पैक किया जा रहा है। अधिकांश किसान आलू का स्टॉक कर कोल्ड स्टोरेज में जमा कर रहे हैं। लेकिन जो किसान आलू को मंडियों में बेचना चाह रहे हैं। उनको मंडी में भाव अच्छा नहीं मिल रहा है। मौजूदा समय के आलू के मंडी भाव की बात की जाए तो 6 से ₹8 किलो तक थोक में बिक्री हो रही है। जिससे किसान की लागत भी नहीं निकल रही है। किसान सांवलिया ने बताया कि आलू फसल की बुवाई से लेकर अब तक का सफर अच्छा रहा। महंगे खाद बीज एवं कीटनाशक डालकर फसल को अंतिम मुकाम तक पहुंचाया था। लेकिन मंडी भाव कम होने से किसानों में निराशा छाई है।


Conclusion:किसानों ने राज्य सरकार और भारत सरकार से मांग की है। कि भाव लागत के अनुसार मिलना चाहिए। रवि की तीनों फसलों में पैदावार अच्छी होने की संभावना है। लेकिन सरकार ने भाव अच्छा तय नहीं किया तो किसानों को फिर से तकदीर को कोषना पड़ेगा।
Neeraj Sharma
Dholpur
मान्यवर फसल स्टोरी वॉइस ओवर के साथ फाइल कर दी है,
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