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किशोर-किशोरी स्वास्थ्य जागरूकता और पोषण में धौलपुर बना रोलमॉडल

धौलपुर में में सरकारी एवं गैरसरकारी विद्यालयों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए "किशोर-किशोरी स्वास्थ्य जागरुकता अभियान और आत्मरक्षा प्रशिक्षण" जोरों शोरों से संचालित किया जा रहा है. वहीं, जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की इस पहल से न केवल शहरी क्षेत्रों बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं में भी आत्म विश्वास में वृद्धि हुई है.

school program in dholpur
किशोर-किशोरी स्वास्थ्य जागरूकता और पोषण में धौलपुर बना रोलमॉडल
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Published : Mar 21, 2021, 7:14 PM IST

धौलपुर. जिले में सरकारी एवं गैरसरकारी विद्यालयों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने एवं "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" अभियान के अन्तर्गत जिला प्रशासन की सकारात्मक पहल "किशोर-किशोरी स्वास्थ्य जागरुकता अभियान एवं आत्म रक्षा प्रशिक्षण" जोरों से संचालित किया जा रहा है. जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की इस अभिनव पहल से न केवल शहरी क्षेत्रों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाओं में भी आत्म विश्वास में वृद्धि हुई है.

जिले में आईपी ग्लोबल उड़ान तारा के माध्यम से प्रत्येक स्कूल में महिला शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित कर बालक बालिकाओं को स्वास्थ्य जागरूकता और पोषण संबधी जानकारी उपलब्ध कराने व जागरूक करने हेतु व्यवस्थाएं की गई है. साथ ही इस कार्यक्रम को समूचे जिले के स्कूलों में लागू करने वाला धौलपुर राजस्थान का एक मात्र जिला है. जिले के प्रत्येक विद्यालय में ट्रैक सूट का वितरण भामाशाहों के माध्यम से करवाया गया है.

पढ़ें: कोरोना की दूसरी लहर से बचाव के लिए राजस्थान में सख्ती, शहरी क्षेत्रों में रात 10 बजे से बाजार बंद, 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू

महिला शसक्तीकरण हेतु इस अभिनव प्रयोग की सराहना राज्य स्तर पर भी हुई है और धौलपुर एक रोल मॉडल के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुआ है. साथ ही कोरोना काल में बालक और बालिकाओं की शैक्षिक व्यवस्था हेतु ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण करवाया गया है. इसके अलावा कोरोना काल में स्कूली बालिकाओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण कराया जा रहा है. जिसमें उनको गृहकार्य दिया जाता है. साथ ही उचित समयावधि में संकलन और मूल्यांकन पश्चात उनकी पत्रावलिया संधारित की जा रही हैं.

बालिकाओं की शिक्षा हेतु अभिभावकों को अभिप्रेरणा...

बालिकाओं की शिक्षा, आत्मनिर्भरता, सतर्कता आदि विषयों पर उनकी माताओं को सतत और निरंतर मार्गदर्शन और अभिप्रेरण प्रदान किया जा रहा है.

शिक्षा में निरंतरता हेतु प्रयास..

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय: कक्षा 5 से 12 में अनामांकित व ड्रापआउट बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा और आवास व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही ग्रामीण इलाकों की बालिकाओं सहित शहरी क्षेत्र की बालिकाओं को साइकिल वितरण योजना के अंतर्गत अध्ययनरत सभी छात्राओं को विद्यालय आने-जाने हेतु निःशुल्क साइकिल वितरण किया जाता है. इसके अलावा बालिकाओं हेतु छात्रवृति योजना का लाभ भी पहुंचाया गया है.

आपकी बेटी योजना..

राजकीय विद्यालयों में कक्षा से 8 तक अध्ययनरत वे बालिकाएं जो बीपीएल परिवार से संबंधित हैं. जिनके माता-पिता दोनों व किसी एक का निधन हो गया हो उसे 1100 रुपए और कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं हेतु 1500 रुपए का प्रावधान है.

गार्गी पुरस्कार..

बालिका शिक्षा प्रोत्साहन हेतु कक्षा 8 में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाली छात्राएं कक्षा 9, 10 में अध्ययनरत होने पर 1000 रुपए (जूनियर वर्ग) कक्षा 10 में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने और कक्षा 1 व 12 में नियमित अध्ययनरत रहने पर 3000 रुपए (सीनियर वर्ग) की राशि प्रतिवर्ष दी जाती है.

मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना...

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर की कक्षा 10 वीं की परीक्षा में जिले में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली दो मेधावी छात्राओं (न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक) को कक्षा 11 व 12 वीं परीक्षा में अध्ययनरत रहने पर 15 हजार रुपए एक मुश्त राशि प्रतिवर्ष और स्नातक व स्नातकोत्तर में 25 हजार रुपए प्रति वर्ष राशि का प्रावधान है.

धौलपुर. जिले में सरकारी एवं गैरसरकारी विद्यालयों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने एवं "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" अभियान के अन्तर्गत जिला प्रशासन की सकारात्मक पहल "किशोर-किशोरी स्वास्थ्य जागरुकता अभियान एवं आत्म रक्षा प्रशिक्षण" जोरों से संचालित किया जा रहा है. जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की इस अभिनव पहल से न केवल शहरी क्षेत्रों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाओं में भी आत्म विश्वास में वृद्धि हुई है.

जिले में आईपी ग्लोबल उड़ान तारा के माध्यम से प्रत्येक स्कूल में महिला शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित कर बालक बालिकाओं को स्वास्थ्य जागरूकता और पोषण संबधी जानकारी उपलब्ध कराने व जागरूक करने हेतु व्यवस्थाएं की गई है. साथ ही इस कार्यक्रम को समूचे जिले के स्कूलों में लागू करने वाला धौलपुर राजस्थान का एक मात्र जिला है. जिले के प्रत्येक विद्यालय में ट्रैक सूट का वितरण भामाशाहों के माध्यम से करवाया गया है.

पढ़ें: कोरोना की दूसरी लहर से बचाव के लिए राजस्थान में सख्ती, शहरी क्षेत्रों में रात 10 बजे से बाजार बंद, 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू

महिला शसक्तीकरण हेतु इस अभिनव प्रयोग की सराहना राज्य स्तर पर भी हुई है और धौलपुर एक रोल मॉडल के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुआ है. साथ ही कोरोना काल में बालक और बालिकाओं की शैक्षिक व्यवस्था हेतु ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण करवाया गया है. इसके अलावा कोरोना काल में स्कूली बालिकाओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण कराया जा रहा है. जिसमें उनको गृहकार्य दिया जाता है. साथ ही उचित समयावधि में संकलन और मूल्यांकन पश्चात उनकी पत्रावलिया संधारित की जा रही हैं.

बालिकाओं की शिक्षा हेतु अभिभावकों को अभिप्रेरणा...

बालिकाओं की शिक्षा, आत्मनिर्भरता, सतर्कता आदि विषयों पर उनकी माताओं को सतत और निरंतर मार्गदर्शन और अभिप्रेरण प्रदान किया जा रहा है.

शिक्षा में निरंतरता हेतु प्रयास..

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय: कक्षा 5 से 12 में अनामांकित व ड्रापआउट बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा और आवास व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही ग्रामीण इलाकों की बालिकाओं सहित शहरी क्षेत्र की बालिकाओं को साइकिल वितरण योजना के अंतर्गत अध्ययनरत सभी छात्राओं को विद्यालय आने-जाने हेतु निःशुल्क साइकिल वितरण किया जाता है. इसके अलावा बालिकाओं हेतु छात्रवृति योजना का लाभ भी पहुंचाया गया है.

आपकी बेटी योजना..

राजकीय विद्यालयों में कक्षा से 8 तक अध्ययनरत वे बालिकाएं जो बीपीएल परिवार से संबंधित हैं. जिनके माता-पिता दोनों व किसी एक का निधन हो गया हो उसे 1100 रुपए और कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं हेतु 1500 रुपए का प्रावधान है.

गार्गी पुरस्कार..

बालिका शिक्षा प्रोत्साहन हेतु कक्षा 8 में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाली छात्राएं कक्षा 9, 10 में अध्ययनरत होने पर 1000 रुपए (जूनियर वर्ग) कक्षा 10 में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने और कक्षा 1 व 12 में नियमित अध्ययनरत रहने पर 3000 रुपए (सीनियर वर्ग) की राशि प्रतिवर्ष दी जाती है.

मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना...

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर की कक्षा 10 वीं की परीक्षा में जिले में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली दो मेधावी छात्राओं (न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक) को कक्षा 11 व 12 वीं परीक्षा में अध्ययनरत रहने पर 15 हजार रुपए एक मुश्त राशि प्रतिवर्ष और स्नातक व स्नातकोत्तर में 25 हजार रुपए प्रति वर्ष राशि का प्रावधान है.

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