धौलपुर. जिले के जिला मुख्यालय स्थित राजकीय डॉ. मंगल सिंह चिकित्सालय में अब कोविड-19 की जांच हो सकेगी. इससे पहले अस्पताल प्रशासन को नमूने जयपुर भेजने से मुक्ति मिलेगी और मरीजों को भी रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके लिए जिला अस्पताल के पुराने जनाना वार्ड के ऊपर स्थित शिशु वार्ड में लैब की स्थापना की गई है. वहीं सरकार की ओर से भेजी गई मशीनों को लैब में स्थापित करा दिया गया है और उनको संचालित भी कर दिया गया हैं.
धौलपुर जिला मुख्यालय पर बनाए गए कोविड लैब में 10 सैंपल की जांच की गई है, जिनका परीक्षण जोधपुर एम्स में भी किया गया है. जिसके बाद रिपोर्ट का मिलान होने पर जोधपुर एम्स ने हरी झंडी दे दी है. इसके बाद जांच करने के लिए मंजूरी भी जोधपुर एम्स ने धौलपुर जिला अस्पताल को दे दी है लेकिन अब जिला अस्पताल को आईसीएमआर पुणे की स्वीकृति का इंतजार है. यह एक सप्ताह में आने की संभावना है.
जिला मुख्यालय पर ही कोरोना संदिग्ध मरीजों के नमूने लेकर जांच की जा सकेगी. इससे अस्पताल प्रशासन को तो राहत मिलेगी ही साथ ही मरीजों को भी लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. डॉ. मंगल सिंह चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. समरवीर सिंह ने बताया कि सर्दी के मौसम में कोरोना के बढ़ते मरीजों की पहचान करने के लिए राजस्थान सरकार ने जांच मशीनों को जयपुर से भेजा है.
इसके बाद जिला अस्पताल में लैब बनवा कर मशीनों को स्थापित करा दिया गया है. डॉ. सिंह ने बताया कि अस्पताल के 6 लैब टेक्नीशियनों को जयपुर में प्रशिक्षण दिलाया गया है. इसके अलावा दो चिकित्सक भी शामिल हैं, जिनकी देखरेख में जांच की जाएगी. वहीं इन मशीनों की कीमत करोड़ों में है. साथ ही लैब के सिविल कार्य में करीब 20 लाख रूपये का खर्चा आया है.
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डॉ. सिंह ने बताया कि जोधपुर एम्स ने हरी झंडी मिलने के बाद अब इंडियन काउंसलिंग ऑफ माइक्रोबायोलॉजी पुणे की स्वीकृति का इंतजार है और हरी झंडी मिलते ही अगले दिन धौलपुर में कोविड टेस्ट शुरू हो जाएगा. बता दे कि धौलपुर जिले में अब तक कुल 3, 395 कोरोना संक्रमित मरीज आ चुके हैं. जिनमें से 3, 266 रिकवर हो चुके हैं और कोरोना संक्रमण की वजह से 29 लोगों की जान भी जा चुकी है.