धौलपुर. चम्बल नदी के खतरे के निशान से ऊपर चले जाने से जिले के राजाखेड़ा और सरमथुरा क्षेत्र के साथ धौलपुर शहर के 40 से ज्यादा गाँव पानी से घिर चुके है. जिले के 40 से अधिक गाँवों का मुख्यालय से जहां सड़क मार्ग का संपर्क पूरी तरह से कट चुका है तो वहीं कई गांवों में अभी तक लोग फंसे हुए है. जिनको निकालने का कोई भी प्रबंध नहीं किया गया है.
कोटा बैराज से दो दिन में 16 गेट खोलकर चम्बल नदी में छोड़े गए 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी का धौलपुर पहुंचना शुरू हो चुका है. शनिवार को चम्बल नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर पहुँच गई. साथ ही सरमथुरा क्षेत्र के झिरी, भमरौली सहित राजाखेड़ा के दगरा, बरसाला और धौलपुर के घेर और रामनाथ के पुरा में पानी घरों में पहुँच चुका है. जिससे गाँव के लोग खुद जान पर खेलकर पानी से निकल पलायन करने को मजबूर हो रहे है.
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जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए चंबल नदी के पुल पर डेरा डाल दिया है. जिसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग नदी के किनारे तक पहुंचकर नहाते और सेल्फी लेते देखे जा सकते है. लोगों की मानें तो धौलपुर में बारिश के ना होने के वाबजूद भी यहाँ के कई गाँवों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए है. जिससे सैकड़ो बीघा से अधिक बाजरे की फसल चौपट हो चुकी है.
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वर्तमान में कोटा से छोड़ा गया पानी शनिवार रात तक धौलपुर आ जाएगा. जिससे चम्बल नदी का जलस्तर फिर से बढ़ सकता है. ऐसे में चम्बल नदी के किनारे के साथ ऊपरी क्षेत्र के गाँवों में भी लोगो को परेशानी आ सकती है.