धौलपुर. जिले की चंबल नदी फिर से एक बार रौद्र रूप दिखाने लगी है. शुक्रवार को चंबल के जल स्तर में गिरावट आने पर जिला प्रशासन और जिले वासियों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन, शनिवार दोपहर के बाद चंबल में पानी की आवक होने पर जल स्तर 141.30 मीटर हो गया. चंबल में बाढ़ आने से सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा उपखंड इलाके के 50 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं.
शनिवार दोपहर के बाद फिर से चंबल नदी रौद्र रूप दिखाने लग गई. शुक्रवार को जलस्तर घटने के बाद जिला प्रशासन और जिलेवासियों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन शनिवार दोपहर के बाद से ही चंबल में पानी की आवक बहुत तेजी से देखी जा रही है. खतरे के निशान 130.79 मीटर से चंबल का पानी करीब 11 मीटर ऊंचाई पर चल रहा है. विगत 4 दिन पूर्व चंबल में आई बाढ़ से जिले के 4 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
नदी के तटवर्ती और निचले इलाकों की आबादी में पानी भरने से अनाज, कपड़े, बर्तन और पशुओं का चारा भारी तादाद में बर्बाद हुआ है. लोगों के कच्चे-पक्के मकान धराशाई होने के साथ सैकड़ों बीघा खरीफ की फसल भी बर्बाद हो चुकी है. जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं. राजाखेड़ा और सरमथुरा इलाके में पानी से घिर चुके गांव के ग्रामीणों को एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर रही है.
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल संवाद से लिया हालातों का जायजा
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जिला प्रशासन से वर्चुअल संवाद कर बाढ़ के हालातों का जायजा लिया है. वहीं, जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बाढ़ से प्रभावित हुए गांवों की स्थिति के बारे में अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ आपदा से प्रभावित हुए प्रत्येक परिवार को राहत दिलाई जाए. मेडिकल, भोजन और मवेशी के लिए भी चारा प्रशासन उपलब्ध कराए. बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को कुशलतापूर्वक रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर शरण दी जाए. फसल खराबे का भी प्रशासन सर्वे कराए.
उधर, मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्वी राजस्थान में मानसून का भारी दबाव देखा जा रहा है. लिहाजा, आगामी 1 से 2 दिनों में भारी बारिश की संभावना दिखाई दे रही है.