धौलपुर. जिले के किसानों के लिए अब एक नई समस्या खड़ी हो गई है. पहले मौसम की मार, उसके बाद कम बारिश को होना, अब पकाव की अवस्था में पहुंची बाजरे की फसल को ईयरहेड कैटरपिलर नाम के खतरनाक कीड़े ने अपनी चपेट में ले लिया है. बाजरे की फसल लगभग जिले में पकाव की अवस्था पर पहुंच चुकी है. बाजरे के पौधों में बाली का दाना दूधिया अवस्था का रूप ले चुका है. लेकिन बाली के फूल के अंदर ही कैटरपिलर नाम का कीड़ा भी पैदा हो गया है.
यह खतरनाक कीड़ा किसानों की गाढ़ी कमाई को बर्बाद कर रहा है. किसान राम अवतार ने बताया खरीफ फसल की बुवाई से अब तक खेती का सफर काफी अच्छा रहा था. हालांकि जिले में बारिश इस सीजन में खेती के लिहाज से अपेक्षाकृत कम हुई है. लेकिन किसानों ने फिर भी निजी संसाधनों द्वारा खरीफ फसल की खेती को पकाव के मुकाम तक पहुंचा दिया है. लेकिन बाजरे की फसल खतरनाक कीड़े की चपेट में आ रही है. बाजरे के पौधों में दाना पूरी तरह से विकसित हो चुका है. बाजरे की बाली का रंग दूधिया अवस्था का होने के साथ ही फूल के अंदर खतरनाक कीड़ों ने दस्तक दे दी है.
कीड़ा इतना खतरनाक है कि बाली के अंदर फूल में दानों को कुतरकर पूरी तरह से बर्बाद कर रहा है. एक बाली के अंदर लगभग 40 से 50 फीसदी तक दाने को कीड़ा बर्बाद कर रहा है. जिससे किसानों को फिर से चिंता सताने लगी है. किसानों ने बताया बुबाई से लेकर अब तक खरीफ फसल का सफर काफी अच्छा रहा था. किसानों ने महंगे खाद बीज एवं कीटनाशक डालकर खेती को अंतिम मंजिल तक पहुंचाया था. लेकिन पकाव के अंतिम पड़ाव पर खतरनाक कीड़े ने किसानों के अरमानों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.
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40 से 50 फीसदी तक बाजरे की फसल में नुकसान होने से किसानों को लागत भी निकलती हुई दिखाई नहीं दे रही है. उत्पादन में गिरावट आने पर किसान फिर एक बार तकदीर को कोसने लगे हैं. किसानों का कहना है कि इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग को भी अवगत कराया गया है लेकिन कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन के जिम्मेदारों ने फसल को देखने तक की जहमत नहीं उठाई है.
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किसान ऐसे करें खतरनाक कीड़े से फसल का बचाव-
कृषि विभाग के पर्यवेक्षक कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि बाजरे की फसल पकाव की अवस्था में पहुंच चुकी है. बाजरे की बाली दूधिया अवस्था में होने पर ईयरहेड कैटरपिलर नाम के खतरनाक कीड़े ने दस्तक दे दी है. यह खतरनाक कीड़ा दाने को कुतरकर बर्बाद कर रहा है. इस खतरनाक कीड़े से बचाव के लिए किसान निम्न प्रकार के उपाय करें.
- चलित स्प्रेयर से छिड़काव करें यदि वह नहीं हो तो किसान बैटरी चलित पावर स्प्रे का प्रयोग करें.
- एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करे.
- इंडकसाकार्ब 14.5 एस सी @1 एमएल 15 लीटर पानी मे डालकर छिड़काव करें.
- प्रोफेनोफॉस 50 ई सी @ 2 एमएल डालकर छिड़काव करें.
किसानों ने जिला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार से गिरदावरी करा कर फसल खराबे को लेकर उचित मुआवजे की मांग की है. मौजूदा वक्त में बाजरे की फसल के उत्पादन में भारी गिरावट आने वाली है. जिससे किसान फिर एक बार तकदीर को कोसने लगे है. किसानों को हालांकि उम्मीद है कि जिला स्तर पर कृषि विभाग जरूर कोई इसके लिए उपाय निकालेगा जिससे इल्ली को खत्म किया जा सके.