धौलपुर. पिछले दिनों डकैत जगन गुर्जर की ओर से बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को दी गई धमकी के बाद पूर्व विधायक और मलिंगा के बीच जारी शीत युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को 8 करोड़ की लागत से कस्बे की पार्वती नदी पर प्रस्तावित समर्सिबल पुल के भूमि पूजन में पहुंचे बाड़ी विधायक उपलब्धियों एवं पुल निर्माण का बखान कम किया. उन्होंने पूर्व विधायक जसवंत गुर्जर का नाम लिए बिना जमकर हमला (Bari MLA Malinga targeted Jaswant Gurjar) बोला.
मलिंगा ने कहा कि पूर्व विधायक सोशल मीडिया पर वीडियो के माध्यम से कुशवाह और अन्य कई समाजों का हितेषी बनने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि उनके समाज के लोग सोशल मीडिया पर लगातार समाजों के जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाते हुए भला-बुरा कह रहे हैं. इस बार पूर्व विधायक गुर्जर विधानसभा क्षेत्र के कुशवाह समाज को साधकर विधानसभा पहुंचना चाहते है, लेकिन वह खुद कुशवाह समाज के लिए विधायकी की दावेदारी का त्याग नहीं कर रहे हैं.
अगर वास्तव में ही वह किसी समाज के हितेषी हैं तो वह अपना हित त्यागकर दूसरे समाज के लोगों को मौका दें. मलिंगा ने कहा कि पूर्व विधायक चार बार चुनाव हार चुके हैं. वह चुनाव में उतरने के लिए जाति और समाजों को लड़ाने और भड़काने के हथकंडे अपना रहे हैं. गुर्जर के पास क्षेत्र के विकास को लेकर एक भी अपनी उपलब्धि नहीं है. जबकि तीन बार के कार्यकाल में उन्होंने सेवर पाली से लेकर बसई नवाब तक इतने विकास कार्य कराए हैं कि आज गिनना मुश्किल हैं. मलिंगा ने कहा कि अप्रैल तक सैंपऊ के लोगों के लिए सरकार से बड़ी खबर आएगी.
चोटी काटना तो दूर बाल बांका नहीं होने दूंगाः पिछले दिनों डकैत जगन गुर्जर की ओर से सोशल मीडिया पर बाड़ी विधायक मलिंगा के बाद ब्राह्मण समाज को दी गई चोटी काटने की धमकी को लेकर मलिंगा ने मंच से कहा कि चोटी काटना तो दूर किसी का बाल बांका नहीं होने दूंगा. ब्राह्मण समाज ऐसे ही अपना आशीर्वाद बनाए रखें. गुंडा चाहे किसी भी समाज का हो उसके खिलाफ इसी तरह कानूनी तरीके से निपटा जाएगा. पूर्व विधायक गुंडों के जरिए भय फैलाकर विधायक बनना चाहते हैं, लेकिन उनका ख्वाब कभी भी पूरा नहीं होगा.
भाजपा से टिकट के लाले, बसपा से टिकट मिला तो 30 हजार वोट पड़ेंगेः विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि पूर्व विधायक चार बार चुनाव हार चुके हैं. हार से वह इतने हतास है कि कुछ समाजों का झूठा हितेषी बनकर विधानसभा पहुंचने का ख्वाब देख रहे हैं. लेकिन उनका यह ख्वाब पूरा होने वाला नहीं है. क्योंकि भाजपा में दो बार चुनाव हारने और 10 हजार के अंतर से हारने वाले प्रत्याशी को टिकट नहीं मिलता.
जबकि गुर्जर चार बार चुनाव हार चुके हैं. पिछला चुनाव 20,000 के अंतर से हारे हैं. ऐसे में भाजपा से उन्हें टिकट के लाले हैं तो दूसरी ओर बसपा के टिकट पर उनके सिर्फ 30 हजार वोट पड़ेंगे. अब तक गुर्जर को जो वोट मिल रहा था वह पार्टी का वोट था और उनके विरोध का भी. उन्होने गुर्जर के चुनाव लड़ने को खुद के लिए शुभ बताते हुए कहा कि जब-जब गुर्जर चुनाव मैदान में सामने होंगे तब तब वह जनता के आशीर्वाद से विधायक बनते रहेंगे.