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धौलपुर: जिला अस्पताल पीएमओ के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश, कलेक्टर को कानूनी कार्रवाई के लिए दिया शिकायत पत्र

धौलपुर के कंचनपुर थाना इलाके के गांव भवर सिंह का पुरा के दर्जनों की तादाद में ग्रामीणों ने लामबंद होकर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा के खिलाफ आक्रोश व्यक्त की है. इसी दौरान उन्होंने कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को शिकायत पत्र पेश किया है.

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Published : Feb 22, 2021, 5:52 PM IST

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जिला अस्पताल पीएमओ के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश

धौलपुर. जिले के कंचनपुर थाना इलाके के गांव भवर सिंह का पुरा के दर्जनों की तादाद में ग्रामीणों ने लामबंद होकर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा के खिलाफ जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को शिकायत पत्र पेश किया है. जिला कलेक्टर को दिए गए शिकायत पत्र में ग्रामीणों ने 18 फरवरी को ऑपरेशन से जिला अस्पताल में हुई महिला की मौत की लापरवाही का आरोप लगाया है. जिसपर पीएमओ सहित अन्य चिकित्सकों के खिलाफ ग्रामीणों ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

जिला अस्पताल पीएमओ के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश

बता दें कि जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर कलेक्टर को शिकायत पत्र देने पहुंचे दर्जनों की तादाद में ग्रामीणों ने जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. समरवीर सिंह सिकरवार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. शिकायत पत्र में ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि भंवर सिंह का पुरा निवासी गुड्डी देवी महिला के पेट में दर्द की शिकायत हुई थी. जहां महिला की तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी डॉ. समरवीर को 12 फरवरी 2021 को दिखाया था. पीएमओ ने महिला का स्वास्थ्य परीक्षण कर पेट में पथरी बताकर ऑपरेशन का सुझाव दिया था.

उन्होंने बताया कि चिकित्सक के सुझाव के मुताबिक महिला को 17 फरवरी 2021 को जिला अस्पताल के फीमेल सर्जिकल वार्ड में ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया था. उन्होंने बताया कि 17 फरवरी देर शाम को प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. समरवीर सिंह सिकरवार ने सहयोगी चिकित्सकों के साथ पथरी का ऑपरेशन किया. लेकिन ऑपरेशन होने के बाद रात्रि में महिला की तबियत अचानक बिगड़ गई. जहां मरीज की स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर नर्सिंग स्टाफ को अवगत कराया. इसके बाद नर्सिंग स्टाफ ने मरीज की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. जिसकी शिकायत डॉ. समरवीर को 18 फरवरी को कराई गई, लेकिन पीएमओ ने महिला की स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर बाहर रेफर कर दिया.

पढ़ें: भाजपा विधायकों के 'लेटर बम' पर बोले राठौड़, 'पार्टी की राजनीतिक संस्कृति से परे है ये मामला, कोर कमेटी में करेंगे चर्चा'

वहीं, मरीज गुड्डी देवी की हालत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन नजदीकी मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर ले गए. जहां मरीज को निजी अस्पताल में चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परीक्षण कर गुड्डी देवी को मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने बताया कि घटना की सूचना स्थानीय कोतवाली थाना पुलिस को दी. जिसपर पुलिस ने मृतका का शव कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराकर मामला दर्ज कर लिया. लेकिन पुलिस ने अभी तक दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे मृतका गुड्डी देवी के परिजन और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है.

इसी के तहत सोमवार को दर्जनों की तादाद में परिजन और ग्रामीणों ने लामबंद होकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने पीएमओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन पर सुविधा शुल्क के भी गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र पेश कर पीएमओ सहित अन्य चिकित्सकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन ने दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की तो जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.

धौलपुर. जिले के कंचनपुर थाना इलाके के गांव भवर सिंह का पुरा के दर्जनों की तादाद में ग्रामीणों ने लामबंद होकर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा के खिलाफ जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को शिकायत पत्र पेश किया है. जिला कलेक्टर को दिए गए शिकायत पत्र में ग्रामीणों ने 18 फरवरी को ऑपरेशन से जिला अस्पताल में हुई महिला की मौत की लापरवाही का आरोप लगाया है. जिसपर पीएमओ सहित अन्य चिकित्सकों के खिलाफ ग्रामीणों ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

जिला अस्पताल पीएमओ के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश

बता दें कि जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर कलेक्टर को शिकायत पत्र देने पहुंचे दर्जनों की तादाद में ग्रामीणों ने जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. समरवीर सिंह सिकरवार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. शिकायत पत्र में ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि भंवर सिंह का पुरा निवासी गुड्डी देवी महिला के पेट में दर्द की शिकायत हुई थी. जहां महिला की तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी डॉ. समरवीर को 12 फरवरी 2021 को दिखाया था. पीएमओ ने महिला का स्वास्थ्य परीक्षण कर पेट में पथरी बताकर ऑपरेशन का सुझाव दिया था.

उन्होंने बताया कि चिकित्सक के सुझाव के मुताबिक महिला को 17 फरवरी 2021 को जिला अस्पताल के फीमेल सर्जिकल वार्ड में ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया था. उन्होंने बताया कि 17 फरवरी देर शाम को प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. समरवीर सिंह सिकरवार ने सहयोगी चिकित्सकों के साथ पथरी का ऑपरेशन किया. लेकिन ऑपरेशन होने के बाद रात्रि में महिला की तबियत अचानक बिगड़ गई. जहां मरीज की स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर नर्सिंग स्टाफ को अवगत कराया. इसके बाद नर्सिंग स्टाफ ने मरीज की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. जिसकी शिकायत डॉ. समरवीर को 18 फरवरी को कराई गई, लेकिन पीएमओ ने महिला की स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर बाहर रेफर कर दिया.

पढ़ें: भाजपा विधायकों के 'लेटर बम' पर बोले राठौड़, 'पार्टी की राजनीतिक संस्कृति से परे है ये मामला, कोर कमेटी में करेंगे चर्चा'

वहीं, मरीज गुड्डी देवी की हालत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन नजदीकी मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर ले गए. जहां मरीज को निजी अस्पताल में चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परीक्षण कर गुड्डी देवी को मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने बताया कि घटना की सूचना स्थानीय कोतवाली थाना पुलिस को दी. जिसपर पुलिस ने मृतका का शव कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराकर मामला दर्ज कर लिया. लेकिन पुलिस ने अभी तक दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे मृतका गुड्डी देवी के परिजन और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है.

इसी के तहत सोमवार को दर्जनों की तादाद में परिजन और ग्रामीणों ने लामबंद होकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने पीएमओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन पर सुविधा शुल्क के भी गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र पेश कर पीएमओ सहित अन्य चिकित्सकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन ने दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की तो जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.

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