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लक्खी मेले पर प्रशासन की रोक, श्रद्धालुओं में निराशा

धौलपुर में देव छठ के मौके पर लगने वाले दो दिवसीय लक्खी मेले पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने भीड़भाड़ वाले समारोह पर प्रतिबंध लगाया है.

धौलपुर का तीर्थराज मचकुंड, teerthraj Machkund of Dhaulpur
लक्खी मेले पर प्रशासन ने लगाई रोक
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Published : Aug 23, 2020, 3:26 PM IST

धौलपुर. जिले में ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर देव छठ के मौके पर लगने वाले दो दिवसीय लक्खी मेले पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. जिला प्रशासन ने यह फैसला कोरोना महामारी के बढ़ते आंकड़ों की वजह से किया है.

लक्खी मेले पर प्रशासन ने लगाई रोक

बता दें कि मचकुंड सरोवर में नवविवाहित दंपतियों के कलंगी विसर्जन किए जाते हैं. मचकुंड सरोवर में नव दंपती जोड़े को स्नान कराया जाता है, जिससे भगवान मचकुंड मनोकामना पूर्ण करने के साथ परिवारों में सुख समृद्धि प्रदान करते हैं. गौरतलब है कि कोरोना वायरस का साया व्यापार, बिजनेस के अलावा आस्था पर भी देखा जा रहा है. कोविड-19 संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.

पढ़ेंः धौलपुर: तीर्थराज मचकुंड पर लगने वाले लक्खी मेले पर प्रशासन की रोक, फिर भी पहुंच रहे श्रद्धालु

देश, प्रदेश और जिले में कोविड-19 केसों की संख्या में भारी इजाफा देखा जा रहा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने भीड़भाड़ वाले समारोह पर प्रतिबंध लगाया है. सरकार की गाइडलाइन की पालना में जिला प्रशासन ने देव छठ के मौके पर ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर 2 दिन लगने वाले लक्खी मेले पर भी रोक लगा दी है. जिससे श्रद्धालुओं में निराशा छाई है.

पढ़ेंः भीनमाल पुलिस ने चोर को दबोचा, एक बाइक जब्त

रविवार से ही पुलिस प्रशासन ने मंदिर के रास्ते को बंद कर दिया है. भारी तादाद में पुलिसकर्मियों का जाप्ता तैनात किया है. वहीं, प्रशासन की रोक के बावजूद भी कुछ श्रद्धालु मंदिर और सरोवर पर जाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ने मंदिर प्रांगण और सरोवर पर जाने से पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर हर साल दो दिवसीय लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है.

पढ़ेंः जोधपुर : शादी के 20 दिन बाद ही पति ने पत्नी को घर से निकाला, केस दर्ज

पौराणिक मान्यता के मुताबिक ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड सभी तीर्थों का भांजा माना जाता है. नवविवाहित दंपती की शादी की कलंगी मचकुंड सरोवर में विसर्जित की जाती है. भगवान मचकुंड के आशीर्वाद और वरदान से नव दंपती का दांपत्य जीवन सुख समृद्धि पूर्वक चलता है.

पढ़ेंः बांसवाड़ा में मूसलाधार बारिश...सिंचाई विभाग ने दी ये चेतावनी

भगवान मचकुंड की पूजा-अर्चना कर दो प्रसादी लगाई जाती है, जिसे श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं की आस्था पर बड़ा ग्रहण लगा है. जिला प्रशासन ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में लोग अकारण और अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकले, भीड़भाड़ से बचें, बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग जरूर करें. जिससे कोरोना संक्रमण से बचाव हो सके.

धौलपुर. जिले में ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर देव छठ के मौके पर लगने वाले दो दिवसीय लक्खी मेले पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. जिला प्रशासन ने यह फैसला कोरोना महामारी के बढ़ते आंकड़ों की वजह से किया है.

लक्खी मेले पर प्रशासन ने लगाई रोक

बता दें कि मचकुंड सरोवर में नवविवाहित दंपतियों के कलंगी विसर्जन किए जाते हैं. मचकुंड सरोवर में नव दंपती जोड़े को स्नान कराया जाता है, जिससे भगवान मचकुंड मनोकामना पूर्ण करने के साथ परिवारों में सुख समृद्धि प्रदान करते हैं. गौरतलब है कि कोरोना वायरस का साया व्यापार, बिजनेस के अलावा आस्था पर भी देखा जा रहा है. कोविड-19 संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.

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देश, प्रदेश और जिले में कोविड-19 केसों की संख्या में भारी इजाफा देखा जा रहा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने भीड़भाड़ वाले समारोह पर प्रतिबंध लगाया है. सरकार की गाइडलाइन की पालना में जिला प्रशासन ने देव छठ के मौके पर ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर 2 दिन लगने वाले लक्खी मेले पर भी रोक लगा दी है. जिससे श्रद्धालुओं में निराशा छाई है.

पढ़ेंः भीनमाल पुलिस ने चोर को दबोचा, एक बाइक जब्त

रविवार से ही पुलिस प्रशासन ने मंदिर के रास्ते को बंद कर दिया है. भारी तादाद में पुलिसकर्मियों का जाप्ता तैनात किया है. वहीं, प्रशासन की रोक के बावजूद भी कुछ श्रद्धालु मंदिर और सरोवर पर जाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ने मंदिर प्रांगण और सरोवर पर जाने से पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर हर साल दो दिवसीय लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है.

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पौराणिक मान्यता के मुताबिक ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड सभी तीर्थों का भांजा माना जाता है. नवविवाहित दंपती की शादी की कलंगी मचकुंड सरोवर में विसर्जित की जाती है. भगवान मचकुंड के आशीर्वाद और वरदान से नव दंपती का दांपत्य जीवन सुख समृद्धि पूर्वक चलता है.

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भगवान मचकुंड की पूजा-अर्चना कर दो प्रसादी लगाई जाती है, जिसे श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं की आस्था पर बड़ा ग्रहण लगा है. जिला प्रशासन ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में लोग अकारण और अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकले, भीड़भाड़ से बचें, बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग जरूर करें. जिससे कोरोना संक्रमण से बचाव हो सके.

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