ETV Bharat / state

धौलपुर में प्रसूता ने अस्पताल के बाहर दिया बच्चे को जन्म, मदद को नहीं पहुंचे डॉक्टर और स्टाफ - Maternity live

धौलपुर में शुक्रवार को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने पर एक मां ने बच्चे को अस्पताल के बाहर ही जन्म दे दिया. डिलीवरी के बाद भी प्रसूता को अस्पताल के अंदर ले जाने के लिए न तो कोई स्टाफ पहुंचा, न ही कोई अन्य कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर पहुंचा. ऐसे में कुछ महिलाएं ही प्रसूता को उठाकर अस्पताल के अंदर ले गईं.

अस्पताल के बाहर बच्चे को जन्म, Child birth outside hospital
अस्पताल के बाहर बच्चे का हुआ जन्म
author img

By

Published : Oct 16, 2020, 5:30 PM IST

धौलपुर. नीति आयोग की रैंकिंग में राजस्थान का धौलपुर जिला बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नंबर वन पर रह चुका है. राजस्थान सरकार भी वैश्विक महामारी के दौर में भी आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात कह रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. ग्रामीण इलाकों में चलने वाली कई सीएचसी और पीएचसी में लोगों को अव्यवस्था झेलनी पड़ रही है.

ताजा मामला जिले के सैंपऊ उपखंड के सरकारी अस्पताल का है. जहां अस्पताल के गेट के पास एक प्रसूता प्रसव पीड़ा से कराहती रही, लेकिन अस्पताल के अंदर बैठे कार्मिकों ने उसकी आवाज तक नहीं सुनी. प्रसूता की हालत इतनी बिगड़ी की आसपास खड़ी महिलाओं ने स्थिति को देखते हुए उसको अस्पताल परिसर में खुली जगह पर ही लेटा दिया और फिर चादर से ढक कर उसकी डिलीवरी करवा दी.

डिलीवरी के बाद भी प्रसूता को अस्पताल के अंदर ले जाने के लिए जब कोई स्टाफ नहीं आया और न ही कोई स्ट्रेचर लेकर पहुंचा तो महिलाएं ही प्रसूता को किसी तरह उठाकर अस्पताल के अंदर ले गईं और उसे बेड पर लिटाया. सैंपऊ के सरकारी अस्पताल पर शर्मसार कर देने वाली इस घटना को जिसने भी देखा वह अस्पताल में लगे स्टाफ के साथ सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को ही कोस रहा था.

सैपऊ के सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के लिए आई गर्भवती महिला लक्ष्मी ने प्रसव पीड़ा से कराहते हुए अस्पताल परिसर में ही एक बालिका को जन्म दे दिया. प्रसूता के दर्द को सुनकर आसपास की महिलाओं और परिजन महिलाओं ने चादर लगाकर उसकी डिलीवरी करवाई.

पढ़ेंः जोधपुर: शराब के लिए पैसे नहीं देने पर युवक की हत्या, 2 सगे भाई गिरफ्तार

प्रसव के बाद महिला को परिसर से वार्ड तक ले जाने के लिए न तो चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी आया और न ही किसी कंपाउंडर ने स्ट्रेचर या व्हीलचेयर ले जाने की जहमत उठाई. ऐसी स्थिति में प्रसूता के परिजन और महिलाओं ने ने उसे उठाकर वार्ड में भर्ती कराया.

धौलपुर. नीति आयोग की रैंकिंग में राजस्थान का धौलपुर जिला बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नंबर वन पर रह चुका है. राजस्थान सरकार भी वैश्विक महामारी के दौर में भी आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात कह रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. ग्रामीण इलाकों में चलने वाली कई सीएचसी और पीएचसी में लोगों को अव्यवस्था झेलनी पड़ रही है.

ताजा मामला जिले के सैंपऊ उपखंड के सरकारी अस्पताल का है. जहां अस्पताल के गेट के पास एक प्रसूता प्रसव पीड़ा से कराहती रही, लेकिन अस्पताल के अंदर बैठे कार्मिकों ने उसकी आवाज तक नहीं सुनी. प्रसूता की हालत इतनी बिगड़ी की आसपास खड़ी महिलाओं ने स्थिति को देखते हुए उसको अस्पताल परिसर में खुली जगह पर ही लेटा दिया और फिर चादर से ढक कर उसकी डिलीवरी करवा दी.

डिलीवरी के बाद भी प्रसूता को अस्पताल के अंदर ले जाने के लिए जब कोई स्टाफ नहीं आया और न ही कोई स्ट्रेचर लेकर पहुंचा तो महिलाएं ही प्रसूता को किसी तरह उठाकर अस्पताल के अंदर ले गईं और उसे बेड पर लिटाया. सैंपऊ के सरकारी अस्पताल पर शर्मसार कर देने वाली इस घटना को जिसने भी देखा वह अस्पताल में लगे स्टाफ के साथ सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को ही कोस रहा था.

सैपऊ के सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के लिए आई गर्भवती महिला लक्ष्मी ने प्रसव पीड़ा से कराहते हुए अस्पताल परिसर में ही एक बालिका को जन्म दे दिया. प्रसूता के दर्द को सुनकर आसपास की महिलाओं और परिजन महिलाओं ने चादर लगाकर उसकी डिलीवरी करवाई.

पढ़ेंः जोधपुर: शराब के लिए पैसे नहीं देने पर युवक की हत्या, 2 सगे भाई गिरफ्तार

प्रसव के बाद महिला को परिसर से वार्ड तक ले जाने के लिए न तो चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी आया और न ही किसी कंपाउंडर ने स्ट्रेचर या व्हीलचेयर ले जाने की जहमत उठाई. ऐसी स्थिति में प्रसूता के परिजन और महिलाओं ने ने उसे उठाकर वार्ड में भर्ती कराया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.