धौलपुर. जिले के सदर थाना क्षेत्र के गांव भोजपुर में खुदाई के दौरान एक मूर्ति मिली है, जिसे जैन धर्म के अनुयायी प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा बता रहे है, जो हजारों साल पुरानी बताई जा रही है. इससे जैन समाज में खुशी की लहरें दौड़ उठी हैं.
इसके चलते समाज ने जिला प्रशासन को आवेदन देकर प्रतिमा की उपासना और पूजा के लिए अपने स्वामित्व में लेने की मांग की है. वहीं, इस प्रतिमा की लम्बाई लगभग 4 से 5 फीट और चौड़ाई 3 से साढे 3 फीट बताई जा रही है. प्रतिमा निकलने के साथ ही जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग ने अपने स्वामित्व में ले लिया है. वहीं, इस प्रतिमा को लेकर प्रशासन जांच-पड़ताल कर रहा है.
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गौरतलब है कि ओदी ग्राम पंचायत के गांव भोजपुर में खातेदारी की जमीन में खुदाई करते समय ये प्रतिमा निकली. प्रथम दृष्टया तो ग्रामीणों ने इसे केवल पत्थर ही समझा, लेकिन जब इसे पलट कर देखा गया तो एक प्रतिमा थी. इसके ग्रामीणों ने इसकी धुलाई करवाकर इसे पास के ही एक खेत में रखवा दिया. वहीं, इस प्रतिमा को लेकर कुछ लोग इसे बौद्ध समाज की मान रहे हैं तो कुछ लोग जैन समाज का बता रहे हैं.
जैन समाज के समाजसेवी धनेश जैन ने बताया भोजपुर गांव के खेतों में निकली हुई प्रतिमा हजारों साल पुरानी है. खेत में निकली हुई प्रतिमा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की है, जिसे लेकर जैन समाज में खुशी का माहौल है. वहीं, जैन समाज के प्रबुद्ध लोग प्रतिमा को देखने के लिए मौके पर भी पहुंच गए, जिन्होंने प्रतिमा की बारीकी से पहचान कर भगवान आदिनाथ का होना बताया है.
धनेश जैन ने बताया फिलहाल प्रतिमा को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है. जैन समाज की तरफ से स्थानीय प्रशासन को आवेदन दिया गया है. इसके माध्यम से प्रतिमा को जैन समाज के अपने स्वामित्व में मांग रखने की बात रखी है. इसके साथ ही जैन समाज भगवान आदिनाथ के लिए भव्य मंदिर का भी निर्माण करवाएगा.
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उधर, ग्रामीणों का कहना है कि गांव भोजपुर में अक्सर खुदाई के दौरान प्रतिमाएं निकलती रहती हैं. भोजपुर गांव का नाम राजा भोज ने रखा हुआ था. हजारों साल पहले इस गांव में कई मंदिर हुआ करते थे, जिनके अवशेष आज भी मिट्टी की खुदाई होने पर मिलते रहते हैं. फिलहाल, जिला प्रशासन प्रतिमा की असली पहचान करने की जानकारी जुटा रहा है. इसकी पहचान होने के बाद ही इसे समाज के स्वामित्व में दिया जाएगा.