धौलपुर. 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराने में भारत की विजय को चिह्नित करने के लिए हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. विजय दिवस के मौके पर लोग सेना के शौर्य को सलाम कर रहे हैं और उनके पराक्रम की गाथा का गुणगान करते है. 1971 में हुए युद्ध के परमवीरों और अन्य युद्धों में अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं का सम्मान किया गया.
धौलपुर जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले में खुली सैनिक भर्ती रैली का आयोजन का प्रस्ताव सरकार को भिजवाया गया है. वित्तीय स्वीकृति मिलते ही यह भर्ती प्रक्रिया होगी. कलेक्टर ने कहा पूर्व सैनिक परिषद द्वारा कोरोनाकाल में सराहनीय सेवाएं की गई हैं. सैनिक कल्याण विश्राम गृह के बनने से जिले में सैनिकों को सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. रक्तदान शिविर और अन्य कल्याणकारी कार्यों में सैनिकों का बहुत बड़ा योगदान रहता है. उन्होंने कहा कि सैनिकों ने जिन समस्याओं को सुझाया है उन समस्याओं का समाधान करवाया जाएगा.
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एडीजे शक्ति सिंह ने कहा कि सैनिकों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. आज के समय में हर व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कानून के बिना अछूता नहीं रह सकता है. इस दौरान परिषद के प्रांत महामंत्री प्रणव मुखर्जी ने विजय दिवस की महत्व और परिषद के लक्ष्य को भी प्रस्तुत किया.