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धौलपुर जिला प्रशासन ने 33 प्रवासी श्रमिकों को UP के विभिन्न जिलों में बसों द्वारा किया रवाना

भरतपुर जिले के ऊंचा का नगला यूपी बॉर्डर पर जहां भरतपुर जिला प्रशासन और आगरा प्रशासन में प्रवासी मजदूरों की निकासी को लेकर तनातनी बनी हुई है. वहीं धौलपुर जिला प्रशासन ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के सफेद 33 प्रवासी श्रमिकों को सकुशल राजस्थान परिवहन निगम की दो बसों से स्क्रीनिंग कराकर एवं भोजन पानी की व्यवस्था करवाकर गंतव्य स्थान के लिए भेज दिया है. प्रवासी मजदूर धौलपुर शहर में फंसे हुए थे, जिन्हें राज्य सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने भेजकर सराहनीय काम किया है.

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प्रवासी श्रमिकों के चेहरों पर लौटी खुशी
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Published : May 20, 2020, 8:46 PM IST

धौलपुर. प्रवासी मजदूरों को लेकर देश में सियासत का दौर चल रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों के मत अलग-अलग होने पर प्रवासी मजदूर समूचे राष्ट्र में दुर्दशा का शिकार हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा में प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति जोरों पर देखी जा रही है.

प्रवासी श्रमिकों के चेहरों पर लौटी खुशी

भरतपुर जिले के ऊंचा का नगला उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बॉर्डर पर करीब 500 बस राजस्थान से श्रमिकों को लेने के लिए खड़ी है. लेकिन राजस्थान सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार में तनातनी होने के कारण प्रवासी श्रमिक सड़कों पर दुर्दशा का शिकार हो रही है. इसके विपरीत धौलपुर जिला प्रशासन का सराहनीय काम देखने को मिला है. स्थानीय प्रशासन ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से संपर्क स्थापित कर धौलपुर शहर में फसे 33 श्रमिकों को आज गंतव्य स्थान के लिए रवाना किया है.

यह भी पढ़ेंः धौलपुर में परिवार को बंधक बनाकर नकदी सहित लाखों रुपए की लूट

तहसीलदार भगवत स्वरूप त्यागी ने बताया राजस्थान परिवहन निगम की दो बसों से 33 श्रमिकों को रवाना किया है. मजदूरों के लिए भोजन पानी की माकूल व्यवस्था कराई गई है. सफर में जाने पर भोजन के पैकेट भी प्रवासी श्रमिकों को वितरित किए गए हैं. तहसीलदार ने बताया सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग कराई गई है. दो बसों के अंदर 33 श्रमिकों को बिठाया गया है. सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा गया है. दोनों बसों को सेनेटाइज करके भेजा गया है. स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत मिली है.

लंबे समय से फंसे हुए मजदूरों के चेहरों पर खुशी देखी गई. प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ बदायूं हमीरपुर मैनपुरी हरदोई सुल्तानपुर आदि शहरों के लिए रवाना किया गया है.

धौलपुर. प्रवासी मजदूरों को लेकर देश में सियासत का दौर चल रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों के मत अलग-अलग होने पर प्रवासी मजदूर समूचे राष्ट्र में दुर्दशा का शिकार हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा में प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति जोरों पर देखी जा रही है.

प्रवासी श्रमिकों के चेहरों पर लौटी खुशी

भरतपुर जिले के ऊंचा का नगला उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बॉर्डर पर करीब 500 बस राजस्थान से श्रमिकों को लेने के लिए खड़ी है. लेकिन राजस्थान सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार में तनातनी होने के कारण प्रवासी श्रमिक सड़कों पर दुर्दशा का शिकार हो रही है. इसके विपरीत धौलपुर जिला प्रशासन का सराहनीय काम देखने को मिला है. स्थानीय प्रशासन ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से संपर्क स्थापित कर धौलपुर शहर में फसे 33 श्रमिकों को आज गंतव्य स्थान के लिए रवाना किया है.

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तहसीलदार भगवत स्वरूप त्यागी ने बताया राजस्थान परिवहन निगम की दो बसों से 33 श्रमिकों को रवाना किया है. मजदूरों के लिए भोजन पानी की माकूल व्यवस्था कराई गई है. सफर में जाने पर भोजन के पैकेट भी प्रवासी श्रमिकों को वितरित किए गए हैं. तहसीलदार ने बताया सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग कराई गई है. दो बसों के अंदर 33 श्रमिकों को बिठाया गया है. सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा गया है. दोनों बसों को सेनेटाइज करके भेजा गया है. स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत मिली है.

लंबे समय से फंसे हुए मजदूरों के चेहरों पर खुशी देखी गई. प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ बदायूं हमीरपुर मैनपुरी हरदोई सुल्तानपुर आदि शहरों के लिए रवाना किया गया है.

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