दौसा. जिले के एक निजी चिकित्सालय में गुरुवार को इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया. परिजनों ने चिकित्सालय के चिकित्सकों पर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए घंटों हंगामा किया और शव लेने से इनकार कर दिया. निजी अस्पताल में युवक की मौत के बाद परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया और परिजन डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग करने लगे.
दरअसल, नांगल गोविंद निवासी चंद्रप्रकाश बैरवा की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे दौसा में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां चिकित्सकों ने खून की कमी बताई. इसके लिए 4 यूनिट खून भी मंगवा लिया गया, लेकिन खून चढ़ाने से पहले ही खंडेलवाल नर्सिंग होम में युवक की मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे. घटना की सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. लेकिन परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया.
मृतक के परिजनों का कहना है कि चंद्र प्रकाश को हल्का बुखार था, जिसे इलाज के लिए शहर के एक निजी नर्सिंग होम खंडेलवाल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. जहां चंद्र प्रकाश को नॉर्मल बताते हुए भर्ती कर लिया. जांच करवा कर उसमें ब्लड की कमी बताई और 4 यूनिट ब्लड अरेंज करने के लिए कहा. ऐसे में परिजनों ने ब्लड अरेंज किया, इससे पूर्व उन्होंने मरीज को इंजेक्शन लगा दिया, जिसके आधे घंटे के दौरान युवक की मौत हो गई. उसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया.
परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया और कहा कि जब तक डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं होगी और निजी अस्पताल सीज नहीं होगा, तब तक पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे. ऐसे में पुलिस की घंटों मशक्कत के बाद आखिर परिजन मृतक का पंचनामा व पोस्टमार्टम करवाकर शव लेने के लिए राजी हो गए, लेकिन उसके बाद जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने शव का पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया. कृष्ण ने कहा कि जब तक कल की कोरोना रिपोर्ट नहीं आ जाएगी, पोस्टमार्टम नहीं किया जा सकता. ऐसे में जिला अस्पताल मोर्चरी में रखवा दिया गया.