दौसा. शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते सिकराय विधानसभा क्षेत्र में बना एकमात्र राजकीय महाविद्यालय आवारा पशुओं के लिए जमघट बन गया है. आवारा पशु ही नहीं लोग अपने पालतू मवेशियों को भी यहां चराने के लिए लेकर आते हैं. जिसके चलते हालात ये हैं कि, ये महाविद्यालय शिक्षा का मंदिर नहीं बल्कि चारागाह सा लगता है.
विद्यार्थियों को पढ़ने का स्थान स्कूल के बाद महाविद्यालय होता है. जहां अध्ययन के लिए उचित वातावरण मुहैया कराया जाता है. महाविद्यालय से पढ़ने के बाद कुछ विद्यार्थी अपने करियर लिए अग्रसित हो जाते हैं, जो आगे चलकर अपना और क्षेत्र का नाम रोशन करते हैं. लेकिन वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते सभी शैक्षणिक संस्थान बंद पड़े हैं. मात्र शिक्षक ही विद्यालय आते हैं और शिक्षक और प्रशासक ही विद्यालय और महाविद्यालय की देख भाल कर रहे हैं. लेकिन सिकराय का राजकीय महाविद्यालय प्रशासन की अनदेखी के चलते इन दिनों मवेशियों का चरागाह बना हुआ है.
महाविद्यालय में चारदीवारी के अभाव में प्रतिदिन दर्जनों मवेशी महाविद्यालय भवन के आगे चरते रहते हैं. इससे महाविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए गए पौधारोपण करीब-करीब नष्ट हो चुका है. जो पौधे बचे हुए हैं, उनको भी मवेशी कब अपना ग्रास बना ले किसी को नहीं पता. महाविद्यालय भवन के आगे कॉलेज के ही स्टाफ ने करीब 40 पौधे लगाए गए थे. जिनकी सुरक्षा के लिए जाल भी लगाया गया. लेकिन महाविद्यालय में चार दिवारी के अभाव में अब खतरा मंडरा रहा है.
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महाविद्यालय के 2019- 20 सत्र के छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन में वर्तमान में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने महाविद्यालय में चार दिवारी निर्माण की घोषणा की थी. लेकिन आज तक महाविद्यालय चार दिवारी निर्माण को लेकर कोई भी काम शुरू नहीं हुआ है. वहीं, इसपर छात्र संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन के दौरान की गई घोषणा को भूल गईं हैं. इसलिए ही चारदीवारी निर्माण की कोई भी कार्रवाई नहीं हुई.