दौसा. खाद्य सुरक्षा योजना में गरीब परिवार के लोगों को अनाज नहीं मिलने के चलते कई महिलाएं रोज जिला कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रही हैं. सरकार की ओर से गरीब और बीपीएल परिवार के लोगों को अनाज उपलब्ध करवाने के लिए खाद्य योजना शुरू की गई. जिसके तहत गरीब परिवार के लोगों को सरकार पहले दो रुपए किलो बाद में निशुल्क उपलब्ध करवाने लगी.
सरकार की योजना की जमीनी हकीकत देखें तो सरकारी मशीनरी की लापरवाही के चलते इसको सही तरह से अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा. जिसके चलते आए दिन गरीब लोग खाद्य सुरक्षा योजना से अनाज नहीं मिलने के कारण अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते हैं. जिले में सैकड़ों ऐसे लोग भी हैं जो आर्थिक रूप से पूरी तरह से सक्षम हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा योजना का पूरा लाभ ले रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने अब उन लोगों की लिस्ट बनाकर उन से रिकवरी करने में जुट गई है. वर्तमान में कई लोग ऐसे हैं जो कि पात्र होते हुए भी खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं ले पा रहे. जिला प्रशासन के चक्कर लगाते हैं.
पढ़ेंः राजस्व में कमी की वजह से गहलोत सरकार ने जारी किया मितव्ययता परिपत्र
गुरुवार को शहर के नागोरी मोहल्ले की तकरीबन आधा दर्जन महिलाएं जिला कलेक्ट्रेट पहुंची. प्रशासन से गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाला अनाज दिलाने की गुहार लगाई. महिलाओं का कहना है कि हमारे मोहल्ले में ही दर्जनों ऐसे लोग हैं जो कि आर्थिक रूप से पूरी तरह सक्षम है, लेकिन वह बीपीएल परिवार को मिलने वाले सभी लाभ ले रहे हैं. खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अनाज भी ले रहे हैं. जबकि अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है.
पढ़ेंः लोकसभा-राज्यसभा में शून्यकाल-प्रश्नकाल नहीं होने के सवाल पर कांग्रेस को BJP नेताओं ने दिखाया आईना
पूर्व में चलने वाले रोजगार भी कोरोना के कारण खत्म हो गए हैं. ऐसे में अधिकारियों के चक्कर लगाने के लिए भी उनके रोज 40 से 50 रुपए टैक्सी का किराया लग जाता है. जो कि वह देने में सक्षम नहीं है. इसके बावजूद भी उन्हें जिला प्रशासन के अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. ऐसे में महिलाओं ने जिला कलेक्टर से मिलकर उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना का अनाज उपलब्ध करवाने की मांग की है.