दौसा. राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण की ओर से करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद बना संत सुंदरदास पैनोरमा लोगों के देखने के लिए बनकर पूरी तरह तैयार है. लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा बनाई गई सुंदरदास समिति की उदासीनता के चलते पैनोरमा बंद पड़ा है.
पैनोरमा को लेकर उप जिला कलेक्टर गोवर्धन लाल शर्मा ने बताया कि राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के प्रयासों से दौसा में संत सुंदरदास पैनोरमा बनकर तैयार है. जिसकी देखरेख के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसमें नगर परिषद आयुक्त, तहसीलदार, व पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन शामिल है.
उन्होने बताया कि इस समिति को पैनोरमा के सुपुर्द कर दिया गया है. साथ ही इसकी आम लोगों को देखने के लिए शुरुआत कर दी गई है. जिसमें स्थानीय लोगों के लिए ₹10 का टिकट चार्ज व कैमरे के लिए ₹20 का विदेशी पर्यटकों के लिए ₹100 का टिकट चार्ज लगेगा. एक मामूली सा शुल्क रखा गया है जो कि धरोहर के रखरखाव सारसंभाल के लिए आवश्यक है.
धरोहर संरक्षण प्राधिकरण ने कुछ फंड भी दिया है जिससे कंप्यूटर ऑपरेटर और चौकीदार वहां रखा जा सके . लेकिन साथ ही उप जिला कलक्टर ने दौसा के निवासियों से अपील भी की है कि वह पैनोरमा आकर अपने बच्चों को दिखाएं. जिससे बच्चे संत सुंदरदास के जीवन परिचय की जानकारी ले उससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़े.
आपको बता दें, संत सुंदर दास ने काफी लंबा समय दौसा में तप किया है. लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन की इस समिति की उदासीनता कहे या लापरवाही, संत सुंदरदास पैनोरमा पर ताले लगे हैं. लोगों को संत सुंदर दास के जीवन परिचय देने के लिए बनाई समिति का कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं है. जिससे आमजन को संत सुंदर दास के जीवन परिचय नहीं मिल रहा.
करोड़ों खर्च होने के बाद भी यह पैनोरमा आज भी एक खंडहर नुमा बिल्डिंग के जैसे ही लोग दूर से ही देख पाते हैं. यहां ना कोई चौकीदार है ना ही कोई टिकट चार्ज करने वाला. साथ ही पैनोरमा के गेट पर ताले लगे हुए हैं.