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मिनी पुष्कर पर प्रशासन ध्यान दे तो बन सकता है पर्यटन स्थल

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Published : Sep 27, 2020, 10:26 PM IST

दौसा के गेटोलाव धाम मिनी पुष्कर के नाम से जाना जाता है. ये पवित्र स्थल संत दादू दयाल जी की तपोस्थली भी रहा है. जिसको अब दौसा के लोग पर्यटन स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और सरकार को ध्यान देकर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए.

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स्थानीय लोग मिनी पुष्कर को पर्यटन स्थल बनाने की कर रहे मांग

दौसा. जिला मुख्यालय पर बने पवित्र धार्मिक स्थल मिनी पुष्कर को लोग अब पर्यटन स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं. गेटोलाव धाम जो कि छोटे पुष्कर के नाम से प्रसिद्ध है औऱ सैकड़ों वर्षों पुराना धार्मिक स्थल है. संत दादू दयाल जी की तपोस्थली रहा गेटोलाव धाम लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. ऐसे में कार्तिक मास में सैकड़ों की तादाद में जिलेभर से महिलाएं कार्तिक स्नान के लिए आती है और गेटोलाव सरोवर जो कि छोटे पुष्कर के नाम से प्रसिद्ध है, अब जिले वासी इस छोटे पुष्कर को पर्यटन स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं.

जिले वासियों का कहना है कि इस मिनी पुष्कर को डेवलप करने के लिए पूर्व की सरकार में कई प्रयास किए गए थे, जिसके चलते यहां पर एक सुसज्जित पार्क तैयार कर दिया गया है. इस सरोवर की खुदाई कर इसमें पानी और अधिक भरने के भी प्रयास किए गए थे. जिसके चलते यहां पर सैकड़ों की तादाद में प्रवासी पक्षी आए और यहां पर पक्षी मेला भी लगाया गया. जिसको देखने के लिए विदेशी पर्यटक तक भी मिनी पुष्कर पहुंचे, लेकिन सरकार बदलने के बाद अब इस मिनी पुष्कर की कोई सार संभाल नहीं ली जा रही.

ऐसे में सरोवर में गंदगी का आलम और आवारा पशुओं का जमावड़ा यहां बनता जा रहा है. वहीं आस-पास रहने वाले लोग मिनी पुष्कर में अपने इंजन लगाकर खेतों में सिंचाई के लिए पानी ले जाते हैं, जिससे कि ये सरोवर जल्दी सूख जाता है. उसमें मछलियां भी खत्म हो जाती है. ऐसे में बारिश के मौसम के बाद गेटोलाव धाम सुना पड़ा रहता है. यहां पर लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाती है.

शहर वासियों का कहना है कि इस धार्मिक स्थल को अगर जिला प्रशासन और सरकार को ध्यान देकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए, जिले वासी रोज सुबह शाम दर्जनों की तादाद में मिनी पुष्कर में मछलियों को दाना डालने के लिए जाते हैं. ऐसे में लोग पार्क में घूमने और बच्चों को झूला झुलाने के लिए भी लेकर जाते हैं, लेकिन इस महीने पुष्कर की साफ सफाई और वहां चौपाटी और छोटा बाजार सहित सुरक्षा के इंतजाम और सरोवर में से पानी निकासी बंद कर पानी भरने की समुचित सुव्यवस्था की जाए तो ये एक बहुत अच्छा पर्यटन स्थल तैयार हो सकता है. इस वर्ष भी प्रवासी पक्षी गेटोलाव सरोवर में देखने को मिले हैं. ऐसे में जिले वासी प्रशासन से ये गुहार लगा रहे हैं.

पढ़ें- दौसा: कृषि विधेयक के विरोध में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली

वहीं, जयपुर से आगरा ताजमहल देखने जाने वाले और सवाई माधोपुर, रणथंबोर नेशनल पार्क देखने के लिए जाने वाले विदेशी पर्यटक दौसा होते हुए जाते हैं. ऐसे में अगर गेटोलाव सरोवर को पर्यटन स्थल के रूप में तैयार कर दिया जाए तो विदेशी पर्यटक यहां भी आना शुरू हो जाएंगे. दौसा के लोगों को रोजगार के अवसर के साथ-साथ जिले में अन्य कई विकास के अवसर प्राप्त होंगे.

दौसा. जिला मुख्यालय पर बने पवित्र धार्मिक स्थल मिनी पुष्कर को लोग अब पर्यटन स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं. गेटोलाव धाम जो कि छोटे पुष्कर के नाम से प्रसिद्ध है औऱ सैकड़ों वर्षों पुराना धार्मिक स्थल है. संत दादू दयाल जी की तपोस्थली रहा गेटोलाव धाम लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. ऐसे में कार्तिक मास में सैकड़ों की तादाद में जिलेभर से महिलाएं कार्तिक स्नान के लिए आती है और गेटोलाव सरोवर जो कि छोटे पुष्कर के नाम से प्रसिद्ध है, अब जिले वासी इस छोटे पुष्कर को पर्यटन स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं.

जिले वासियों का कहना है कि इस मिनी पुष्कर को डेवलप करने के लिए पूर्व की सरकार में कई प्रयास किए गए थे, जिसके चलते यहां पर एक सुसज्जित पार्क तैयार कर दिया गया है. इस सरोवर की खुदाई कर इसमें पानी और अधिक भरने के भी प्रयास किए गए थे. जिसके चलते यहां पर सैकड़ों की तादाद में प्रवासी पक्षी आए और यहां पर पक्षी मेला भी लगाया गया. जिसको देखने के लिए विदेशी पर्यटक तक भी मिनी पुष्कर पहुंचे, लेकिन सरकार बदलने के बाद अब इस मिनी पुष्कर की कोई सार संभाल नहीं ली जा रही.

ऐसे में सरोवर में गंदगी का आलम और आवारा पशुओं का जमावड़ा यहां बनता जा रहा है. वहीं आस-पास रहने वाले लोग मिनी पुष्कर में अपने इंजन लगाकर खेतों में सिंचाई के लिए पानी ले जाते हैं, जिससे कि ये सरोवर जल्दी सूख जाता है. उसमें मछलियां भी खत्म हो जाती है. ऐसे में बारिश के मौसम के बाद गेटोलाव धाम सुना पड़ा रहता है. यहां पर लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाती है.

शहर वासियों का कहना है कि इस धार्मिक स्थल को अगर जिला प्रशासन और सरकार को ध्यान देकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए, जिले वासी रोज सुबह शाम दर्जनों की तादाद में मिनी पुष्कर में मछलियों को दाना डालने के लिए जाते हैं. ऐसे में लोग पार्क में घूमने और बच्चों को झूला झुलाने के लिए भी लेकर जाते हैं, लेकिन इस महीने पुष्कर की साफ सफाई और वहां चौपाटी और छोटा बाजार सहित सुरक्षा के इंतजाम और सरोवर में से पानी निकासी बंद कर पानी भरने की समुचित सुव्यवस्था की जाए तो ये एक बहुत अच्छा पर्यटन स्थल तैयार हो सकता है. इस वर्ष भी प्रवासी पक्षी गेटोलाव सरोवर में देखने को मिले हैं. ऐसे में जिले वासी प्रशासन से ये गुहार लगा रहे हैं.

पढ़ें- दौसा: कृषि विधेयक के विरोध में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली

वहीं, जयपुर से आगरा ताजमहल देखने जाने वाले और सवाई माधोपुर, रणथंबोर नेशनल पार्क देखने के लिए जाने वाले विदेशी पर्यटक दौसा होते हुए जाते हैं. ऐसे में अगर गेटोलाव सरोवर को पर्यटन स्थल के रूप में तैयार कर दिया जाए तो विदेशी पर्यटक यहां भी आना शुरू हो जाएंगे. दौसा के लोगों को रोजगार के अवसर के साथ-साथ जिले में अन्य कई विकास के अवसर प्राप्त होंगे.

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