दौसा. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान से जिले वासियों को पानी की समस्या से निजात मिल सकती है. क्षेत्र में बारिश का मौसम शुरू होने के बाद जल शक्ति अभियान के तहत जिन जल स्त्रोतों में कार्य हुआ, उनमें अब पानी एकत्रित होने लगा है. इससे पेयजल समस्या से काफी राहत मिलने की उम्मीद है.
देश को जल संकट से उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार अलग से जल शक्ति मंत्रालय बनाया. इस जल शक्ति मंत्रालय की ओर से देशभर में बारिश के पानी का अधिक से अधिक संग्रहण करने के लिए प्रथम चरण में देश के 255 जिले शामिल किए गए हैं. इन 255 जिलों में दौसा जिले को भी शामिल किया गया है. जिसमें जल शक्ति अभियान के तहत अनुमानित ₹10 करोड़ रुपए की लागत से करीब 800 कार्य चिन्हित किए गए हैं. जिनमें वाटर हार्वेस्टिंग से लेकर कुएं, तालाब, बावड़ियों की साफ सफाई व एनीकट एवं तालाब निर्माण के कार्य शामिल हैं.
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जल शक्ति अभियान के तहत दौसा जिले में सभी ग्राम पंचायतों में एक-एक मॉडल तालाब भी बनाए गए हैं. जिनमें बारिश के पानी की अच्छी आवक हुई है. पुराने पारंपरिक जल स्रोतों की साफ-सफाई में आने वाली बारिश के पानी के रास्तों को भी शुरू किया जाना है. जिसके चलते उन जल स्रोतों में बारिश की पानी की अच्छी आवक हो सके.
इन सभी पुराने पेयजल स्रोतों को बारिश के पानी से वापस भरने के लिए इस योजना के तहत अधिक से अधिक कार्य करवाए जा रहे हैं. जिसके तहत जिले में हुई बारिश से जल शक्ति अभियान के तहत बनाए गए एनीकट व तालाबों में पानी की अच्छी आवक हुई है. जिले के कई तालाब लबालब हो गए हैं.
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जिले के तालाबों लबालब होने की सूचना मिलते ही जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व पंचायत समिति के विकास अधिकारी मौके पर पहुंचे और जल भराव स्थिति का जायजा लिया. साथ ही अधूरे पड़े कार्यों को जल्द पूरा करवाने के अधिकारियों को निर्देश दिए. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी बुनकर का कहना है कि जल शक्ति अभियान के तहत जिले में बारिश के पानी का संग्रहण के लिए करीब 10 करोड़ रुपए के कार्य करवाए जा रहे हैं.
जिससे कि जिलेभर के लोगों को पानी की समस्या के समाधान में सहयोग मिल सकेगा व आगामी समय में जिले को पानी की समस्या से नहीं गुजरना पड़ेगा. इसके लिए सभी पुराने स्रोतों को वापस से रिचार्ज करने का प्रयास किया जा रहा है.