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खबर का असर: खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े सरकारी कर्मचारियों से रिकवरी शुरू

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुडे़ अपात्र सरकारी कर्मचारियों से प्रशासन ने रिकवरी शुरू कर दी है. दौसा जिले में करीब 5 से 6 हजार सरकारी कर्मचारी ऐसे थे, जो एनएफएसए से जुड़े हुए थे. प्रशासन की तरफ से सभी को नोटिस इश्यू किए जा रहे हैं. पूरे जिले से करीब 5 से 6 करोड़ की रिकवरी की संभावना है.

recovery begins from government employees,  National Food Security Scheme,  Corruption in NFSA
NFSA से जुड़े सरकारी कर्मचारियों से रिकवरी शुरू
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Published : Aug 7, 2020, 4:44 PM IST

दौसा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना. इसके अंतर्गत गरीब लोगों को केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए सरकार ने बकायदा गाइडलाइन जारी की हुई हैं कि कौन इस योजना का पात्र बन सकता है और कौन नहीं. लेकिन दौसा जिले में इस योजना में सरकारी कर्मचारियों की तरफ से भी नाम जुड़वाकर लाभ लेने का मामला सामने आया था. जिसके बाद ईटीवी भारत ने 3 जून को 'अपात्र खा रहे मुफ्त की मलाई, पात्र लगा रहे अधिकारियों के चक्कर' हेडलाइन से खबर चलाई थी. जिसके बाद प्रशासन ने योजना का गलत तरीके से लाभ ले रहे 960 लोगों की सूची बनाई और अब उनसे वसूली की जा रही है.

पूरे जिले से करीब 5 से 6 करोड़ की रिकवरी की संभावना है

जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा योजना में धांधली की शिकायत के बाद जिले भर में जांच करवाई. जिसमें करीब 5 हजार लोग ऐसे मिले जो सरकारी नौकरी में होते हुए भी योजना का लाभ उठा रहे थे. जिसके बाद उपखंड स्तर पर अपात्रों से रिकवरी की जा रही है. अकेले दौसा उपखंड की बात करें तो प्रशासन ने 960 कर्मचारियों की सूची बनाई है. जिनसे अब रिकवरी की जा रही है.

27 लाख रुपए किए रिकवर

अपात्रों से प्रशासन ने अकेले दौसा उपखंड में अब तक 27 लाख रुपए की रिकवरी की है. यह रिकवरी अनुमानित 1 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है. अब तक 250 अपात्र अपनी रिकवरी जमा करा चुके हैं. पूरे जिले की बात करें तो यह रिकवरी 5 से 6 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है. कई अधिकारी और कर्मचारी तो ऐसे हैं जिनकों रिकवरी के रूप में 30 से 50 हजार रुपए तक सरकारी कोष में जमा कराने पड़ रहे हैं.

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अब तक दौसा उपखंड में 27 लाख की रिकवरी

पढ़ें: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनाः अपात्र खा रहे मुफ्त की मलाई, पात्र लगा रहे अधिकारियों के चक्कर

दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल ने बताया कि सरकारी कर्मचारी जो एनएफएसए में जुड़े हुए हैं, उनका सर्वे करवाया गया है. अकेले दौसा उपखंड से 960 सरकारी कर्मचारी ऐसे सामने आए हैं जो योजना का लाभ उठा रहे थे. सभी सरकारी कर्मचारियों को नोटिस भेजा गया है. लगभग 250 कर्मचारियों ने रिकवरी जमा कर दी है. अब तक 27 लाख रुपए की रिकवरी हो चुकी है.

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5 से 6 हजार कर्मचारी जुड़े हुए थे एसएफएसए से

अक्सर देखा गया है कि सरकारी योजनाओं में जमीनी स्तर पर योग्य लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है. ब्यूरोक्रेसी के फेर में योजना फंस जाती है और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है. इसके लिए कई इकोनोमिस्ट का कहना है कि जब किसी योजना में कौन पात्र होगा, ये तय करने का अधिकार नीचे बैठे बाबू, क्लर्क के पास आता है तो उसमें भ्रष्टाचार बढ़ता है.

दौसा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना. इसके अंतर्गत गरीब लोगों को केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए सरकार ने बकायदा गाइडलाइन जारी की हुई हैं कि कौन इस योजना का पात्र बन सकता है और कौन नहीं. लेकिन दौसा जिले में इस योजना में सरकारी कर्मचारियों की तरफ से भी नाम जुड़वाकर लाभ लेने का मामला सामने आया था. जिसके बाद ईटीवी भारत ने 3 जून को 'अपात्र खा रहे मुफ्त की मलाई, पात्र लगा रहे अधिकारियों के चक्कर' हेडलाइन से खबर चलाई थी. जिसके बाद प्रशासन ने योजना का गलत तरीके से लाभ ले रहे 960 लोगों की सूची बनाई और अब उनसे वसूली की जा रही है.

पूरे जिले से करीब 5 से 6 करोड़ की रिकवरी की संभावना है

जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा योजना में धांधली की शिकायत के बाद जिले भर में जांच करवाई. जिसमें करीब 5 हजार लोग ऐसे मिले जो सरकारी नौकरी में होते हुए भी योजना का लाभ उठा रहे थे. जिसके बाद उपखंड स्तर पर अपात्रों से रिकवरी की जा रही है. अकेले दौसा उपखंड की बात करें तो प्रशासन ने 960 कर्मचारियों की सूची बनाई है. जिनसे अब रिकवरी की जा रही है.

27 लाख रुपए किए रिकवर

अपात्रों से प्रशासन ने अकेले दौसा उपखंड में अब तक 27 लाख रुपए की रिकवरी की है. यह रिकवरी अनुमानित 1 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है. अब तक 250 अपात्र अपनी रिकवरी जमा करा चुके हैं. पूरे जिले की बात करें तो यह रिकवरी 5 से 6 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है. कई अधिकारी और कर्मचारी तो ऐसे हैं जिनकों रिकवरी के रूप में 30 से 50 हजार रुपए तक सरकारी कोष में जमा कराने पड़ रहे हैं.

recovery begins from government employees,  National Food Security Scheme,  Corruption in NFSA
अब तक दौसा उपखंड में 27 लाख की रिकवरी

पढ़ें: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनाः अपात्र खा रहे मुफ्त की मलाई, पात्र लगा रहे अधिकारियों के चक्कर

दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल ने बताया कि सरकारी कर्मचारी जो एनएफएसए में जुड़े हुए हैं, उनका सर्वे करवाया गया है. अकेले दौसा उपखंड से 960 सरकारी कर्मचारी ऐसे सामने आए हैं जो योजना का लाभ उठा रहे थे. सभी सरकारी कर्मचारियों को नोटिस भेजा गया है. लगभग 250 कर्मचारियों ने रिकवरी जमा कर दी है. अब तक 27 लाख रुपए की रिकवरी हो चुकी है.

recovery begins from government employees,  National Food Security Scheme,  Corruption in NFSA
5 से 6 हजार कर्मचारी जुड़े हुए थे एसएफएसए से

अक्सर देखा गया है कि सरकारी योजनाओं में जमीनी स्तर पर योग्य लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है. ब्यूरोक्रेसी के फेर में योजना फंस जाती है और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है. इसके लिए कई इकोनोमिस्ट का कहना है कि जब किसी योजना में कौन पात्र होगा, ये तय करने का अधिकार नीचे बैठे बाबू, क्लर्क के पास आता है तो उसमें भ्रष्टाचार बढ़ता है.

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