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Special: फसलों पर 'हरी लट' का वार, किसानों की मेहनत बेकार

किसानों की फसलों पर सफेद लट, फड़का और 'हरी लट' नाम की मुसीबत टूट पड़ी है. ये कीट उनकी फसलों को खाकर नष्ट कर दे रहे हैं. इससे किसानों की हाल बेहाल है. कर्ज लेकर मेहनत से खड़ी की गई फसलों को कीट बर्बाद कर दे रहे हैं. कृषि के जानकारों की सलाह और दवाओं के छिड़काव के बाद भी फसलें बट नहीं पा रही हैं.

Farmers upset due to insects in crop
फसल में कीड़े लगने से किसान परेशान
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Published : Sep 18, 2020, 11:04 PM IST

दौसा. लॉकडाउन और मौसम की बेरुखी झेल रहे किसानों को अब फसलों में लगने वाले कीड़ों ने परेशान कर रखा है. ये कीट उनकी मेहनत से खड़ी की हुइ फसलों को चट कर जा रहे हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. सरकार की तरफ से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है.

फसल में कीड़े लगने से किसान परेशान

किसानों के लिए यह साल हर लिहाज से मुसीबतों भरा है. पहले तो मानसून की बेरुखी ने रुलाया और फिर अब फसलों में कीट और लट लगने से नुकसान हो रहा है. इस सीजन में किसान पहले ही टिड्डी, सफेद लट और फड़का के प्रकोप से तो जूझ ही रहे थे ऐसे में 'हरी लट' नाम के कीट भी खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बाजरे की बालियों में ‘ईयर हेड केटरपिलर कीट’ और पत्तों पर ‘फड़का कीट’ का प्रकोप दिखाई दे रहा है. वहीं जड़ों सफेद लट नुकसान पहुंचा रहीं हैं. बाजरे के साथ मूंगफली, मक्का, ज्वार आदि फसलों को भी नुकसान हो रहा है. कृषि अधिकारियों की सलाह भी किसानों को इन कीटों से छुटकारा नहीं दिला पा रही हैं.

Crops being wasted
बर्बाद हो रहीं फसलें

यह भी पढ़ें: Special: संकट में पाली के अन्नदाता, खेतों में खड़ी फसलें खराब, आर्थिक संकट में किसान

जिले में 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर में फसल बुवाई की गई है. इसमें करीब 1 लाख 42 हजार 300 हेक्टेयर में बाजरा, 9 हजार 400 हेक्टेयर में मूंगफली की बुवाई की गई हैं. इन दिनों ग्रामीण इलाकों में बाजरे की फसल से लहलहाते खेत दूर से भले ही राहत दें, लेकिन नजदीक जाकर देखें तो फसलों की स्थिति चिंताजनक हो रही है. फड़का कीट फसल के पत्तों को खाकर नष्ट कर रहा है. इससे पौधों में सही तरह बाली नहीं निकलती है. इससे फसलों का उत्पादन भी कम होता है.

वहीं जड़ों में सफेद लट लगने से पौधे कमजोर हो रहे हैं. अब कुछ दिनों से हरी लट ‘ईयर हेड केटरपिलर कीट’ का प्रकोप भी बढ़ गया है. यह हरी लट बाजरे की बाली में घुसकर उसे नुकसान पहुंचा रही हैं. इससे फसल उत्पादन कम हो जाता है.

Green braided ruined crops
हरी लट खा रहे फसल

यह भी पढ़ें: बांसवाड़ाः बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान, अतिवृष्टि से हुए नुकसान की गिरदावरी करवाने की उठाई मांग

14 हजार हेक्टेयर में नुकसान
सहायक निदेशक कृषि अनिल शर्मा ने बताया कि कीट प्रकोप का गत दिनों सर्वे कराया गया था जिसमें करीब 14 हजार हेक्टेयर में फड़का और हरी लट से काफी नुकसान पाया गया. एक हजार हेक्टेयर से अधिक नुकसान वाले क्षेत्र के लिए अनुदान पर दवा देने का प्रस्ताव निदेशालय भेजा गया है. इधर, किसानों का दावा है कि फसलों को 30 से 40 प्रतिशत नुकसान हुआ है.

Farmers remove insects from crops
फसलों से कीड़े हटाता किसान

सावधानी से करें दवा का छिडक़ाव
कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीना ने बताया कि ईयर हेड कैटरपिलर कीट के नियंत्रण के लिए किसान एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी 0.5 ग्राम या इंडॉक्साकार्ब 14.5 एससी 1 मिलीलीटर या प्रोफेनोफॉस 50 ईसी 2 मिलीलीटर या क्यूनालफोस 25 ईसी 1 मिलीलीटर दवा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रेयर के माध्यम से छिडकाव करें.

छिड़काव के वक्त खुद सावधानी बरतें तथा 15 दिन तक उस फसल का उपयोग नहीं करें. इसी तरह फड़का नियंत्रण के लिए खेत के चारों तरफ गहरी खाई खोदें. खरपतवार एवं खाइयों में क्यूनालफोस 1.5 प्रतिशत चूर्ण थोड़ी मात्रा में डाल दें. फसल पर प्रकोप अधिक होने पर क्यूनालफोस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डस्टर के माध्यम से डालें.

दौसा. लॉकडाउन और मौसम की बेरुखी झेल रहे किसानों को अब फसलों में लगने वाले कीड़ों ने परेशान कर रखा है. ये कीट उनकी मेहनत से खड़ी की हुइ फसलों को चट कर जा रहे हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. सरकार की तरफ से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है.

फसल में कीड़े लगने से किसान परेशान

किसानों के लिए यह साल हर लिहाज से मुसीबतों भरा है. पहले तो मानसून की बेरुखी ने रुलाया और फिर अब फसलों में कीट और लट लगने से नुकसान हो रहा है. इस सीजन में किसान पहले ही टिड्डी, सफेद लट और फड़का के प्रकोप से तो जूझ ही रहे थे ऐसे में 'हरी लट' नाम के कीट भी खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बाजरे की बालियों में ‘ईयर हेड केटरपिलर कीट’ और पत्तों पर ‘फड़का कीट’ का प्रकोप दिखाई दे रहा है. वहीं जड़ों सफेद लट नुकसान पहुंचा रहीं हैं. बाजरे के साथ मूंगफली, मक्का, ज्वार आदि फसलों को भी नुकसान हो रहा है. कृषि अधिकारियों की सलाह भी किसानों को इन कीटों से छुटकारा नहीं दिला पा रही हैं.

Crops being wasted
बर्बाद हो रहीं फसलें

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जिले में 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर में फसल बुवाई की गई है. इसमें करीब 1 लाख 42 हजार 300 हेक्टेयर में बाजरा, 9 हजार 400 हेक्टेयर में मूंगफली की बुवाई की गई हैं. इन दिनों ग्रामीण इलाकों में बाजरे की फसल से लहलहाते खेत दूर से भले ही राहत दें, लेकिन नजदीक जाकर देखें तो फसलों की स्थिति चिंताजनक हो रही है. फड़का कीट फसल के पत्तों को खाकर नष्ट कर रहा है. इससे पौधों में सही तरह बाली नहीं निकलती है. इससे फसलों का उत्पादन भी कम होता है.

वहीं जड़ों में सफेद लट लगने से पौधे कमजोर हो रहे हैं. अब कुछ दिनों से हरी लट ‘ईयर हेड केटरपिलर कीट’ का प्रकोप भी बढ़ गया है. यह हरी लट बाजरे की बाली में घुसकर उसे नुकसान पहुंचा रही हैं. इससे फसल उत्पादन कम हो जाता है.

Green braided ruined crops
हरी लट खा रहे फसल

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14 हजार हेक्टेयर में नुकसान
सहायक निदेशक कृषि अनिल शर्मा ने बताया कि कीट प्रकोप का गत दिनों सर्वे कराया गया था जिसमें करीब 14 हजार हेक्टेयर में फड़का और हरी लट से काफी नुकसान पाया गया. एक हजार हेक्टेयर से अधिक नुकसान वाले क्षेत्र के लिए अनुदान पर दवा देने का प्रस्ताव निदेशालय भेजा गया है. इधर, किसानों का दावा है कि फसलों को 30 से 40 प्रतिशत नुकसान हुआ है.

Farmers remove insects from crops
फसलों से कीड़े हटाता किसान

सावधानी से करें दवा का छिडक़ाव
कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीना ने बताया कि ईयर हेड कैटरपिलर कीट के नियंत्रण के लिए किसान एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी 0.5 ग्राम या इंडॉक्साकार्ब 14.5 एससी 1 मिलीलीटर या प्रोफेनोफॉस 50 ईसी 2 मिलीलीटर या क्यूनालफोस 25 ईसी 1 मिलीलीटर दवा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रेयर के माध्यम से छिडकाव करें.

छिड़काव के वक्त खुद सावधानी बरतें तथा 15 दिन तक उस फसल का उपयोग नहीं करें. इसी तरह फड़का नियंत्रण के लिए खेत के चारों तरफ गहरी खाई खोदें. खरपतवार एवं खाइयों में क्यूनालफोस 1.5 प्रतिशत चूर्ण थोड़ी मात्रा में डाल दें. फसल पर प्रकोप अधिक होने पर क्यूनालफोस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डस्टर के माध्यम से डालें.

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