दौसा. सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट और हम सब एक हैं. हम सभी का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाकर आगे बढ़ाना है. यह कहना है दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा का. रविवार को दौसा डाक बंगले में जनसुनवाई के दौरान विधायक मुरारी लाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि हमने पूर्वी राजस्थान की समस्याओं को संगठन के लोगों के समक्ष रखा था. हमने पार्टी के साथ कोई बगावत नहीं की थी. उन्होंने कहा कि आज भी सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक हैं. विधायक बाबूलाल वर्मा के मंत्रियों की ओर से नजरअंदाज करने वाले बयान को लेकर मीणा ने कहा कि उनको हमारे पीसीसी चीफ डोटासरा ने संतुष्ट कर दिया है, लेकिन फिर भी कोरोना काल चल रहा है, ऐसे में लोग एक-दूसरे से दूरियां बनाए हुए हैं. ऐसे में किसी को भी ऐसा नहीं समझना चाहिए कि कोई हमें नजरअंदाज या उपेक्षित कर रहा है.
मैंने कभी किसी से पैसा नहीं लिया...
मुरारी लाल मीणा ने कहा कि मैं खुद भी कई बार अपने कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर रखता हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उन्हें उपेक्षित करता हूं. मीणा के नाम से स्थानांतरण करवाने के नाम पर पैसे मांगने के ऑडियो वायरल होने के को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे समय में कई ऐसे लोग सक्रिय हो जाते हैं, क्योंकि बिना वजह की दलाली करके पैसे कमाते हैं. मैंने आज तक कभी भी किसी से ट्रांसफर के नाम पर एक रुपए नहीं लिया और ना ही आगे लूंगा.
आगामी पंचायती राज निकाय चुनाव एवं गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में गुर्जरों की बातों को रखा था. मुझे लगता है कि गुर्जरों की महापंचायत के बाद उनके नेताओं से सरकार की सकारात्मक वार्ता हुई है, जिसके चलते उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है. सरकार जल्द ही गुर्जरों के लिए कोई रास्ता निकाल कर उन्हें संतुष्ट करेगी.
निकाय चुनाव को लेकर वे पूरी तरह संतुष्ट...
वहीं, निकाय चुनाव को लेकर विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि वे पूरी तरह संतुष्ट हैं. उनका कहना है कि हाल ही में हुए ग्राम पंचायतों के चुनाव में मेरी विधानसभा क्षेत्र से 51 सरपंच बने हैं. उनमें लगभग पूरे ही कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं. ऐसे में पंचायती राज के चुनाव हो या निकाय के कांग्रेस अपना बोर्ड बनाएगी.
हाथरस मामले में कांग्रेस के तूल देने को लेकर विधायक मीणा ने कहा कि वहां भाजपा सरकार ने पूरे मामले को छुपाने की का प्रयास किया. इसीलिए मीडिया और अन्य राजनीतिक दलों के लोगों को परिजनों के पास जाने से रोका. उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी इस तरह की कई घटनाएं हो रही है, लेकिन राजस्थान सरकार ने कभी भी किसी तरह की कोई ट्रांसपेरेंसी पर रोक नहीं लगाई.