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निजीकरण का विरोधः बिजली कर्मियों ने आदेशों की प्रतियां जला कर किया प्रदर्शन

बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर विरोध में उतरे बिजली कर्मियों ने आदेशों की प्रतियां जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बिजली कर्मियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से विद्युत संशोधन विधेयक 2021 के जरिए सार्वजनिक उपक्रम बिजली के क्षेत्र को भी निजीकरण करके बेचने का प्रयास कर रही है.

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निजीकरण का विरोध...
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Published : Feb 3, 2021, 1:35 PM IST

दौसा. बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर विरोध में उतरे बिजली कर्मियों ने आदेशों की प्रतियां जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बिजली कर्मियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से विद्युत संशोधन विधेयक 2021 के जरिए सार्वजनिक उपक्रम बिजली के क्षेत्र को भी निजीकरण करके बेचने का प्रयास कर रही है.

दौसा में निजीकरण के विरोध में उतरे बिजली कर्मियों ने आदेशों की प्रतियां जलाई...

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजीकरण करने की योजना बनाई जा रही है. इसी क्रम में विद्युत संशोधन विधेयक 2020 का मसौदा जारी किया गया था, जो कि जनविरोधी विषय से भरा हुआ है. इस काले विधायक के खिलाफ बिजली कर्मी लगातार संघर्ष करते हुए सरकार के समक्ष विरोध जता रहे हैं. लेकिन, सरकार पूरी तरह पूंजीपतियों के साथ है और कर्मचारियों की सुनने को भी तैयार नहीं है. दूसरी तरफ अब सरकार ने इसी विधायक का नाम बदलकर विद्युत संशोधन विधेयक 2021 करके इसे मौजूदा संसद सत्र में लाना चाहती है, जो पूरी तरह जन भावनाओं के खिलाफ है.

पढ़ें: चार सूत्रीय मांगों को लेकर आठ दिनों से धरने पर बैठे ग्रामीण, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

ऐसे में इस विधेयक के जरिए सरकार सार्वजनिक उपक्रम बिजली विभाग को भी अपने कोर्पोरेटिव मित्रो के हाथों में देना चाहती है. यह बिजली कर्मी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और बिजली कर्मी इस विधेयक के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन कर इसका हर संभव विरोध करेंगे. जिसके चलते बुधवार को राजस्थान बिजली वर्कर्स फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बिजली विभाग के एसई कार्यालय पर विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विधायक 2021 की प्रतियां जलाई.

दौसा. बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर विरोध में उतरे बिजली कर्मियों ने आदेशों की प्रतियां जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बिजली कर्मियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से विद्युत संशोधन विधेयक 2021 के जरिए सार्वजनिक उपक्रम बिजली के क्षेत्र को भी निजीकरण करके बेचने का प्रयास कर रही है.

दौसा में निजीकरण के विरोध में उतरे बिजली कर्मियों ने आदेशों की प्रतियां जलाई...

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजीकरण करने की योजना बनाई जा रही है. इसी क्रम में विद्युत संशोधन विधेयक 2020 का मसौदा जारी किया गया था, जो कि जनविरोधी विषय से भरा हुआ है. इस काले विधायक के खिलाफ बिजली कर्मी लगातार संघर्ष करते हुए सरकार के समक्ष विरोध जता रहे हैं. लेकिन, सरकार पूरी तरह पूंजीपतियों के साथ है और कर्मचारियों की सुनने को भी तैयार नहीं है. दूसरी तरफ अब सरकार ने इसी विधायक का नाम बदलकर विद्युत संशोधन विधेयक 2021 करके इसे मौजूदा संसद सत्र में लाना चाहती है, जो पूरी तरह जन भावनाओं के खिलाफ है.

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ऐसे में इस विधेयक के जरिए सरकार सार्वजनिक उपक्रम बिजली विभाग को भी अपने कोर्पोरेटिव मित्रो के हाथों में देना चाहती है. यह बिजली कर्मी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और बिजली कर्मी इस विधेयक के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन कर इसका हर संभव विरोध करेंगे. जिसके चलते बुधवार को राजस्थान बिजली वर्कर्स फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बिजली विभाग के एसई कार्यालय पर विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विधायक 2021 की प्रतियां जलाई.

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