ETV Bharat / international

अमेरिका ने पाकिस्तान में 25 नागरिकों के खिलाफ सैन्य अदालत की सजा पर चिंता जताई - US CONCERN PAKISTAN

अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की रिहाई को लेकर आवाज उठने लगी है. वह विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं.

US-PAKISTAN
पाकिस्तानी झंडा (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 24, 2024, 10:19 AM IST

सैन फ्रांसिस्को: पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा 25 नागरिकों को सजा सुनाए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिका ने सोमवार को कहा कि इसमें न्यायिक स्वतंत्रता, पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया की गारंटी का अभाव है.

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'अमेरिका इस बात से बहुत चिंतित है कि 9 मई, 2023 को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के मामले में सैन्य न्यायाधिकरण ने पाकिस्तानी नागरिकों को सजा सुनाई है. इन सैन्य अदालतों में न्यायिक स्वतंत्रता, पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया की गारंटी का अभाव है.

उन्होंने कहा, 'अमेरिका पाकिस्तानी अधिकारियों से लगातार अपील कर रहा है कि वे निष्पक्ष सुनवाई और उचित प्रक्रिया के अधिकार का सम्मान करें, जैसा कि पाकिस्तान के संविधान में निहित है.' हालांकि, राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप के एक करीबी सहयोगी ने इसे बहुत कम और बहुत कमजोर बताया.

रिचर्ड ग्रेनेल ने कहा, 'इमरान खान को रिहा करें.' रिचर्ड ग्रेनेल 2020 में राष्ट्रपति ट्रंप के तहत राष्ट्रीय खुफिया के कार्यवाहक निदेशक के रूप में काम किया और 2018 से 2020 तक जर्मनी में अमेरिकी राजदूत थे.

भारतीय अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने भी ग्रेनेल के साथ मिलकर इमरान खान की आजादी की मांग की. खन्ना ने कहा, 'मैं रिचर्ड ग्रेनेल से सहमत हूं. अब समय आ गया है कि इमरान खान को रिहा किया जाए और पाकिस्तान के लोगों को नए लोकतांत्रिक चुनाव कराने की अनुमति दी जाए.'

खन्ना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, 'इमरान खान को रिहा करो. यह द्विपक्षीय मामला है. हमें पाकिस्तान में धांधली वाले चुनाव और नई सरकार को मान्यता नहीं देनी चाहिए. हमें पाकिस्तान में नए चुनाव की जरूरत है और इमरान खान को जेल से बाहर आना चाहिए.'

अफगानिस्तान के लिए ट्रंप के पूर्व दूत जालमे खलीलजाद ने कहा कि पीटीआई के साथ संतुलित राजनीतिक समझौते और इमरान खान की रिहाई के लिए पाकिस्तान, विशेषकर सेना पर अधिक दबाव डालने का समय आ गया है.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान: सुरक्षा बलों की सख्ती पर प्रदर्शन छोड़कर भागे इमरान समर्थक, विरोध-प्रदर्शन खत्म

सैन फ्रांसिस्को: पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा 25 नागरिकों को सजा सुनाए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिका ने सोमवार को कहा कि इसमें न्यायिक स्वतंत्रता, पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया की गारंटी का अभाव है.

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'अमेरिका इस बात से बहुत चिंतित है कि 9 मई, 2023 को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के मामले में सैन्य न्यायाधिकरण ने पाकिस्तानी नागरिकों को सजा सुनाई है. इन सैन्य अदालतों में न्यायिक स्वतंत्रता, पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया की गारंटी का अभाव है.

उन्होंने कहा, 'अमेरिका पाकिस्तानी अधिकारियों से लगातार अपील कर रहा है कि वे निष्पक्ष सुनवाई और उचित प्रक्रिया के अधिकार का सम्मान करें, जैसा कि पाकिस्तान के संविधान में निहित है.' हालांकि, राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप के एक करीबी सहयोगी ने इसे बहुत कम और बहुत कमजोर बताया.

रिचर्ड ग्रेनेल ने कहा, 'इमरान खान को रिहा करें.' रिचर्ड ग्रेनेल 2020 में राष्ट्रपति ट्रंप के तहत राष्ट्रीय खुफिया के कार्यवाहक निदेशक के रूप में काम किया और 2018 से 2020 तक जर्मनी में अमेरिकी राजदूत थे.

भारतीय अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने भी ग्रेनेल के साथ मिलकर इमरान खान की आजादी की मांग की. खन्ना ने कहा, 'मैं रिचर्ड ग्रेनेल से सहमत हूं. अब समय आ गया है कि इमरान खान को रिहा किया जाए और पाकिस्तान के लोगों को नए लोकतांत्रिक चुनाव कराने की अनुमति दी जाए.'

खन्ना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, 'इमरान खान को रिहा करो. यह द्विपक्षीय मामला है. हमें पाकिस्तान में धांधली वाले चुनाव और नई सरकार को मान्यता नहीं देनी चाहिए. हमें पाकिस्तान में नए चुनाव की जरूरत है और इमरान खान को जेल से बाहर आना चाहिए.'

अफगानिस्तान के लिए ट्रंप के पूर्व दूत जालमे खलीलजाद ने कहा कि पीटीआई के साथ संतुलित राजनीतिक समझौते और इमरान खान की रिहाई के लिए पाकिस्तान, विशेषकर सेना पर अधिक दबाव डालने का समय आ गया है.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान: सुरक्षा बलों की सख्ती पर प्रदर्शन छोड़कर भागे इमरान समर्थक, विरोध-प्रदर्शन खत्म
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.