अजमेर: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की विशेष यूनिट ने ब्यावर के बदनोर थाने के प्रभारी और एक कांस्टेबल को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया, लेकिन दोनों आरोपी हाथ से निकल गए. एसीबी के प्रयासों के बावजूद दोनों फरार हो गए. यह मामला डोडा तस्करी के आरोपियों से जुड़ा हुआ है. आरोपियों को जांच में राहत देने और मामले में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में रिश्वत की मांग की गई थी. एसीबी की पड़ताल में यह सामने आया कि थाना प्रभारी नारायण सिंह और कांस्टेबल अशोक विश्नोई ने आरोपी पक्ष से तीन लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जिसमें से 40 हजार रुपये कांस्टेबल अशोक पहले ही ले चुका था.
अजमेर एसीबी की विशेष यूनिट प्रभारी सीओ वर्मा ने बताया कि जोधपुर निवासी श्रवण ने शिकायत दी थी. शिकायत का सत्यापन करवाने के बाद एसीबी ने परिवादी को 45 हजार रुपए कांस्टेबल अशोक को देने के लिए भेजा था. एसीबी ने कैलाश गुर्जर नाम के युवक को बालाजी मंदिर के पास 45 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. जब एसीबी ने कैलाश से पूछताछ की, तो उसने बताया कि कांस्टेबल अशोक ने उसे पैसे लेने के लिए भेजा था.
इस दौरान एसीबी टीम के सदस्य कांस्टेबल अशोक के फोन का पीछा कर रहे थे, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. इसके बाद एसीबी की कार्रवाई से पहले ही कांस्टेबल अशोक फरार हो गया. पड़ताल में यह भी सामने आया कि थाना प्रभारी और कांस्टेबल की मिलीभगत से आरोपी पक्ष से रिश्वत की वसूली की जा रही थी. यह रिश्वत की दूसरी किस्त थी. पड़ताल में सामने आया कि कैलाश कॉलेज का छात्र है जिसको एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है. एसीबी अब कांस्टेबल अशोक और थाना प्रभारी नारायण सिंह की तलाश कर रही है.