दौसा. प्रदेश में 42 नगर निकायों में चुनावों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. ऐसे में जिले में तीन निकायों के चुनाव होना तय हो गया है. दौसा नगर परिषद, लालसोट और बांदीकुई नगरपालिका में 11 दिसंबर को पार्षद पद के लिए मतदान और 13 दिसंबर को मतगणना होगी. निकाय अध्यक्ष का चुनाव 20 दिसंबर को होगा. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही नगर निकाय क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है.
वहीं, दौसा जिले में अभी जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव नहीं हुए हैं. ऐसे में आशंका लगाई जा रही थी कि इन चुनावों के बाद निकाय चुनाव होंगे. अचानक शनिवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव की घोषणा कर सभी को अचंभित कर दिया. गली-मोहल्लों में पार्षद पद के दावेदार सक्रिय हो गए. जगह-जगह राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म रहा है. शहर में पुनर्गठन के बाद इस बार 55 वार्डों में चुनाव होगा. 13 अक्टूबर को वार्ड पार्षद पद के आरक्षण की लॉटरी भी निकाली जा चुकी है. करीब तीन माह देरी से हो रहे चुनाव के कारण नगर निकायों में वर्तमान में प्रशासक लगाए हुए हैं.
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नगर निकाय चुनाव की लोकसूचना 23 नवंबर को जारी होगी. इसके साथ ही पार्षद पद के नामांकन शुरू हो जाएंगे. नामांकन की अंतिम तिथि 27 नवंबर है. सुबह 10.30 से दोपहर 3 बजे तक नामांकन का समय रखा गया है. नामांकन पत्रों की संवीक्षा 1 दिसंबर, नाम वापसी 3 दिसंबर और चुनाव चिह्नों का आवंटन 4 दिसंबर को होगा. मतदान 11 दिसंबर को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक होगी. मतगणना 13 को सुबह 9 बजे से शुरू होगी.
निकाय अध्यक्ष पद के लिए 14 दिसंबर को लोकसूचना जारी होगी. 15 को नामांकन, 16 को संवीक्षा और 17 को वापसी की तिथि तय है. मतदान 20 दिसंबर को सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक होगा. इसके तत्काल बाद मतगणना की जाएगी. उपाध्यक्ष का चुनाव 21 दिसंबर को होगा.
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में हुए चुनाव में दौसा नगर परिषद अध्यक्ष पद पर भाजपा के प्रत्याशी राजकुमार जायसवाल काबिज हुए थे. वहीं लालसोट में भी भाजपा के जगदीशप्रसाद सैनी जीते थे. बांदीकुई में कांग्रेस के समर्थन से लक्ष्मी जायसवाल चेयरमैन बनी थी.
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कुल वार्ड | अध्यक्ष पद | आरक्षण |
दौसा | 55 | सामान्य महिला |
बांदीकुई | 40 | एससी महिला |
लालसोट | 35 | सामान्य महिला |
ऐसे में जिले में आदर्श आचार संहिता की घोषणा होते ही सभी अधिकारी कर्मचारियों को सख्त कर दिया है. अधिकारी कर्मचारियों को जिला मुख्यालय पर रहने की सख्ती से निर्देश दे दिए गए हैं. इस दौरान किसी भी अधिकारी को छुट्टी पर नहीं जाने और मुख्यालय नहीं छोड़ने के लिए पाबंद किया गया है.