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स्पेशल: कोरोना ने बिगाड़ी टीकाकरण की रफ्तार...पटरी पर लाने के लिए 'खास' मुहिम में जुटा चिकित्सा महकमा - ईटीवी भारत की खबर

कोटा में कोरोना वायरस की वजह से राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की रफ्तार कम हो गई है. उसे वापस पटरी पर लाने के लिए जिला चिकित्सा विभाग और WHO के अधिकारी तत्परता से जुटे हैं. देखिए ये खास रिपोर्ट...

कोटा टीकाकरम कार्यक्रम, kota vaccination program
टीकाकरण कार्यक्रम को पटरी पर लाने का प्रयास
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Published : Jul 9, 2020, 5:44 PM IST

कोटा. कोरोना वायरस के खतरे के चलते कोटा राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इम्यूनाइजेशन की स्पीड बिगड़ गई है, जिसे पटरी पर लाने के लिए चिकित्सा महकमा अब जुटा हुआ है. लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों से बाहर भी नहीं निकलने दिया जा रहा था, जिस वजह से कोटा में अब टीकाकरण 32 फीसदी कम हो गया है. इस वजह छोटे बच्चों में कई तरह की बिमारियां होने का खतरा भी बढ़ गया है.

कोरोना वायरस के चलते बच्चों के इम्यूनाइजेशन की स्पीड बिगड़ी

कोटा चिकित्सा महकमा और डब्ल्यूएचओ (WHO) से जुड़े अधिकारी इसे पटरी पर लाने के लिए जुटे हुए हैं. इसके तहत टीकाकरण से वंचित बच्चों की तलाश कर उन्हें टीके लगाए जा रहे हैं. पिछले साल अप्रैल में जहां 2368 बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण हुआ था, वहीं इस साल अप्रैल में लॉकडाउन अवधि के बीच यह आंकड़ा घटकर महज 378 रह गया, जो कि पिछले साल का 19 फीसदी ही है.

अमावस्या का अभियान भी हो गया बंदः

कोटा में अमावस्या पर टीकाकरण के लिए अभियान चलाया जाता है. जिनमें मजदूर और दिहाड़ी पर जाने वाले सभी परिवार अवकाश पर रहते हैं. इसके चलते उनके बच्चों को टीका लगाया जाता है. इसके लिए निर्माणाधीन साइटों पर भी टीकाकरण टीम पहुंचती है. करीब 100 से ज्यादा टीमें इस काम में लगती हैं. कोटा में ही इस तरह का यूनिक कांसेप्ट संचालित किया जा रहा है. यह भी पूरे लॉकडाउन अवधि में बंद रहा है. क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और टीकाकरण टीम को भी कोरोना वायरस के सर्वे में लगाया हुआ है.

पढ़ेंः Twitter War...गहलोत बताएं? गांधी परिवार के ट्रस्टों में दिए हुए पैसों का क्या हुआ : शेखावत

400 की जगह 70 जगह टीकाकरण हुएः

राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत हर गुरुवार को विशेष टीकाकरण जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी के अधीनस्थ टीमें करती हैं. इसमें हर आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण होता है. जहां पर नर्सिंग स्टाफ को टीका लगाने के लिए भेजा जाता है. इसमें करीब 400 से ज्यादा जगह पर यह टीकाकरण होता था. लेकिन इस बार यह घटकर महज 70 से 80 जगह पर ही रह गई थी. ऐसे में वहां भी लोग टीका लगवाने अपने बच्चों को नहीं ला रहे थे.

कोटा टीकाकरम कार्यक्रम, kota vaccination program
धीमी पड़ती टीकाकरण की रफ्तार
कोटा सर्वे में टीमें लगाने से घटी रफ्तारः

अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के समय में लोग भी टीकाकरण नहीं करवाने आ रहे थे. साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण नहीं हो रहा था. इसके चलते घर के नजदीक भी टीका नहीं लग रहा था. वहीं लोग भी अस्पतालों में आने से डर रहे थे. इसके चलते टीकाकरण की रफ्तार कम हो गई. आंगनबाड़ी केंद्रों पर जो टीकाकरण करने स्टाफ जाता है, उन्हें कोटा शहर में कोरोनावायरस के सर्वे में लगाया हुआ था. इसके चलते टीकाकरण का कार्य ठप हो गया था.

पढ़ेंः मुकुंदरा टाइगर रिजर्व एरिया में ESZ की परिधि घटी...क्षेत्र की बंद पड़ी खदानें होंगी शुर

सरकार के आदेश के बाद गति पकड़ता टीकाकरणः

टीकाकरण अभियान के तहत 11 बीमारियों से बचाव के टीके लगाए जाते हैं. अप्रैल माह में महज 378 बच्चों का ही संपूर्ण टीकाकरण हो पाया. इसके बाद सरकार ने आदेश जारी करते हुए टीकाकरण शुरू करने के निर्देश जारी किए थे. जिसके बाद चिकित्सा महकमे में सभी चिकित्सा संस्थानों में टीकाकरण शुरू करवा दिया था. लोगों को भी टीके के फायदे बताए गए हैं. डरने की जगह उन्हें जागरूक किया जा रहा है.

जेके लोन अस्पताल का आंकड़ा

महीनासंख्या
जनवरी 1013
फरवरी 1243
मार्च 816
अप्रैल 720
मई 640
जून 769
कोटा टीकाकरम कार्यक्रम, kota vaccination program
बच्चों को लगाए जाने वाला वैक्सीन

टीकाकरण का आंकड़ा...

महीना 20192020गिरावट प्रतिशत में
जनवरी 3334 2487 75%
फरवरी 2790 2555 92%
मार्च 3442 2168 63%
अप्रैल 2368378 16%
मई 2774 3295 +119%
कुल 14708 10833 74%

कोटा. कोरोना वायरस के खतरे के चलते कोटा राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इम्यूनाइजेशन की स्पीड बिगड़ गई है, जिसे पटरी पर लाने के लिए चिकित्सा महकमा अब जुटा हुआ है. लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों से बाहर भी नहीं निकलने दिया जा रहा था, जिस वजह से कोटा में अब टीकाकरण 32 फीसदी कम हो गया है. इस वजह छोटे बच्चों में कई तरह की बिमारियां होने का खतरा भी बढ़ गया है.

कोरोना वायरस के चलते बच्चों के इम्यूनाइजेशन की स्पीड बिगड़ी

कोटा चिकित्सा महकमा और डब्ल्यूएचओ (WHO) से जुड़े अधिकारी इसे पटरी पर लाने के लिए जुटे हुए हैं. इसके तहत टीकाकरण से वंचित बच्चों की तलाश कर उन्हें टीके लगाए जा रहे हैं. पिछले साल अप्रैल में जहां 2368 बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण हुआ था, वहीं इस साल अप्रैल में लॉकडाउन अवधि के बीच यह आंकड़ा घटकर महज 378 रह गया, जो कि पिछले साल का 19 फीसदी ही है.

अमावस्या का अभियान भी हो गया बंदः

कोटा में अमावस्या पर टीकाकरण के लिए अभियान चलाया जाता है. जिनमें मजदूर और दिहाड़ी पर जाने वाले सभी परिवार अवकाश पर रहते हैं. इसके चलते उनके बच्चों को टीका लगाया जाता है. इसके लिए निर्माणाधीन साइटों पर भी टीकाकरण टीम पहुंचती है. करीब 100 से ज्यादा टीमें इस काम में लगती हैं. कोटा में ही इस तरह का यूनिक कांसेप्ट संचालित किया जा रहा है. यह भी पूरे लॉकडाउन अवधि में बंद रहा है. क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और टीकाकरण टीम को भी कोरोना वायरस के सर्वे में लगाया हुआ है.

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400 की जगह 70 जगह टीकाकरण हुएः

राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत हर गुरुवार को विशेष टीकाकरण जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी के अधीनस्थ टीमें करती हैं. इसमें हर आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण होता है. जहां पर नर्सिंग स्टाफ को टीका लगाने के लिए भेजा जाता है. इसमें करीब 400 से ज्यादा जगह पर यह टीकाकरण होता था. लेकिन इस बार यह घटकर महज 70 से 80 जगह पर ही रह गई थी. ऐसे में वहां भी लोग टीका लगवाने अपने बच्चों को नहीं ला रहे थे.

कोटा टीकाकरम कार्यक्रम, kota vaccination program
धीमी पड़ती टीकाकरण की रफ्तार
कोटा सर्वे में टीमें लगाने से घटी रफ्तारः

अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के समय में लोग भी टीकाकरण नहीं करवाने आ रहे थे. साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण नहीं हो रहा था. इसके चलते घर के नजदीक भी टीका नहीं लग रहा था. वहीं लोग भी अस्पतालों में आने से डर रहे थे. इसके चलते टीकाकरण की रफ्तार कम हो गई. आंगनबाड़ी केंद्रों पर जो टीकाकरण करने स्टाफ जाता है, उन्हें कोटा शहर में कोरोनावायरस के सर्वे में लगाया हुआ था. इसके चलते टीकाकरण का कार्य ठप हो गया था.

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सरकार के आदेश के बाद गति पकड़ता टीकाकरणः

टीकाकरण अभियान के तहत 11 बीमारियों से बचाव के टीके लगाए जाते हैं. अप्रैल माह में महज 378 बच्चों का ही संपूर्ण टीकाकरण हो पाया. इसके बाद सरकार ने आदेश जारी करते हुए टीकाकरण शुरू करने के निर्देश जारी किए थे. जिसके बाद चिकित्सा महकमे में सभी चिकित्सा संस्थानों में टीकाकरण शुरू करवा दिया था. लोगों को भी टीके के फायदे बताए गए हैं. डरने की जगह उन्हें जागरूक किया जा रहा है.

जेके लोन अस्पताल का आंकड़ा

महीनासंख्या
जनवरी 1013
फरवरी 1243
मार्च 816
अप्रैल 720
मई 640
जून 769
कोटा टीकाकरम कार्यक्रम, kota vaccination program
बच्चों को लगाए जाने वाला वैक्सीन

टीकाकरण का आंकड़ा...

महीना 20192020गिरावट प्रतिशत में
जनवरी 3334 2487 75%
फरवरी 2790 2555 92%
मार्च 3442 2168 63%
अप्रैल 2368378 16%
मई 2774 3295 +119%
कुल 14708 10833 74%
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