कोटा. कोरोना वायरस के खतरे के चलते कोटा राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इम्यूनाइजेशन की स्पीड बिगड़ गई है, जिसे पटरी पर लाने के लिए चिकित्सा महकमा अब जुटा हुआ है. लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों से बाहर भी नहीं निकलने दिया जा रहा था, जिस वजह से कोटा में अब टीकाकरण 32 फीसदी कम हो गया है. इस वजह छोटे बच्चों में कई तरह की बिमारियां होने का खतरा भी बढ़ गया है.
कोटा चिकित्सा महकमा और डब्ल्यूएचओ (WHO) से जुड़े अधिकारी इसे पटरी पर लाने के लिए जुटे हुए हैं. इसके तहत टीकाकरण से वंचित बच्चों की तलाश कर उन्हें टीके लगाए जा रहे हैं. पिछले साल अप्रैल में जहां 2368 बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण हुआ था, वहीं इस साल अप्रैल में लॉकडाउन अवधि के बीच यह आंकड़ा घटकर महज 378 रह गया, जो कि पिछले साल का 19 फीसदी ही है.
अमावस्या का अभियान भी हो गया बंदः
कोटा में अमावस्या पर टीकाकरण के लिए अभियान चलाया जाता है. जिनमें मजदूर और दिहाड़ी पर जाने वाले सभी परिवार अवकाश पर रहते हैं. इसके चलते उनके बच्चों को टीका लगाया जाता है. इसके लिए निर्माणाधीन साइटों पर भी टीकाकरण टीम पहुंचती है. करीब 100 से ज्यादा टीमें इस काम में लगती हैं. कोटा में ही इस तरह का यूनिक कांसेप्ट संचालित किया जा रहा है. यह भी पूरे लॉकडाउन अवधि में बंद रहा है. क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और टीकाकरण टीम को भी कोरोना वायरस के सर्वे में लगाया हुआ है.
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400 की जगह 70 जगह टीकाकरण हुएः
राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत हर गुरुवार को विशेष टीकाकरण जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी के अधीनस्थ टीमें करती हैं. इसमें हर आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण होता है. जहां पर नर्सिंग स्टाफ को टीका लगाने के लिए भेजा जाता है. इसमें करीब 400 से ज्यादा जगह पर यह टीकाकरण होता था. लेकिन इस बार यह घटकर महज 70 से 80 जगह पर ही रह गई थी. ऐसे में वहां भी लोग टीका लगवाने अपने बच्चों को नहीं ला रहे थे.
![कोटा टीकाकरम कार्यक्रम, kota vaccination program](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-kta-02b-special-immunization-kota-pkg-7201654_08072020125619_0807f_00866_804.jpg)
अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के समय में लोग भी टीकाकरण नहीं करवाने आ रहे थे. साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण नहीं हो रहा था. इसके चलते घर के नजदीक भी टीका नहीं लग रहा था. वहीं लोग भी अस्पतालों में आने से डर रहे थे. इसके चलते टीकाकरण की रफ्तार कम हो गई. आंगनबाड़ी केंद्रों पर जो टीकाकरण करने स्टाफ जाता है, उन्हें कोटा शहर में कोरोनावायरस के सर्वे में लगाया हुआ था. इसके चलते टीकाकरण का कार्य ठप हो गया था.
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सरकार के आदेश के बाद गति पकड़ता टीकाकरणः
टीकाकरण अभियान के तहत 11 बीमारियों से बचाव के टीके लगाए जाते हैं. अप्रैल माह में महज 378 बच्चों का ही संपूर्ण टीकाकरण हो पाया. इसके बाद सरकार ने आदेश जारी करते हुए टीकाकरण शुरू करने के निर्देश जारी किए थे. जिसके बाद चिकित्सा महकमे में सभी चिकित्सा संस्थानों में टीकाकरण शुरू करवा दिया था. लोगों को भी टीके के फायदे बताए गए हैं. डरने की जगह उन्हें जागरूक किया जा रहा है.
जेके लोन अस्पताल का आंकड़ा
महीना | संख्या |
जनवरी | 1013 |
फरवरी | 1243 |
मार्च | 816 |
अप्रैल | 720 |
मई | 640 |
जून | 769 |
![कोटा टीकाकरम कार्यक्रम, kota vaccination program](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-kta-02b-special-immunization-kota-pkg-7201654_08072020125619_0807f_00866_20.jpg)
टीकाकरण का आंकड़ा...
महीना | 2019 | 2020 | गिरावट प्रतिशत में |
जनवरी | 3334 | 2487 | 75% |
फरवरी | 2790 | 2555 | 92% |
मार्च | 3442 | 2168 | 63% |
अप्रैल | 2368 | 378 | 16% |
मई | 2774 | 3295 | +119% |
कुल | 14708 | 10833 | 74% |