दौसा. क्षेत्र के सबसे बड़े बांध मोरेल में 21 साल बाद चादर चल गई. रविवार सुबह बांध पर करीब 1 फीट की चादर चली. इससे लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई और मौके पर हजारों लोग जमा हो गए. पुलिस-प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अधिकारी हालातों पर निगाहें रखे हुए हैं. आसपास के गांवों को सतर्क कर दिया गया है की बांध में लगातार पानी की आवक हो रही है.
इससे पूर्व शनिवार शाम कुल 30 फीट 5 इंच भराव क्षमता वाले इस बांध का जलस्तर 30 फीट 5 इंच को छू गया था. सुबह 30 फीट 3 इंच पहुंचने के साथ ही पानी वेस्ट वेयर (उफरा) तक जा पहुंचा. दोपहर तक जब पानी वेस्ट वेयर पर चढ़ने लगा तो ऐसे अनुमान लगाए जाने लगे कि 21 साल का लंबा इंतजार अब बस पूरा ही होना वाला है, लेकिन दिनभर पानी वेस्ट वेयर को पार नहीं कर सका. इसके बाद रविवार सुबह पानी छलक पड़ा.
यह भी पढ़ें: रेगिस्तान में बारिश ने मचाया कहर, मौसम विभाग की चेतावनी पर प्रशासन अलर्ट
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता एम.एल. मीना एवं कनिष्ठ अभियंता विजेन्द्र सैनी ने बताया कि इस पर पूरी तरह निगाह रखी जा रही है. इसके साथ ही पुलिस की मदद से अब वाहनों को भी बांध से पहले ही रोक दिया जा रहा है. गौरतलब है कि मोरेल बांध पूरे एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा कच्चा बांध है और यह बांध दौसा जिले की सीमा पर सवाई माधोपुर जिले के बौंली क्षेत्र से सटा हुआ है.