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दौसा: फसलों के लिए बरसा 'अमृत', किसानों के खिले चेहरे... - दौसा न्यूज

दौसा समेत प्रदेशभर में दो दिन पूर्व हुई बारिश ने किसानों को बड़ी राहत दी है. यह बारिश किसानों (Rain Good for Crops) के लिए अमृत साबित हुई है, जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.

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बारिश ने किसानों को बड़ी राहत दी है.
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Published : Nov 18, 2020, 3:40 PM IST

दौसा. दौसा समेत प्रदेशभर में दो दिन पूर्व हुई बारिश (Rain in Rajasthan) ने किसानों को बड़ी राहत दी है. यह बारिश किसानों (Rain Good for Crops) के लिए अमृत साबित हुई है, जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. किसानों का कहना है बुवाई की गई फसलों के लिए यह बारिश बेहद फायदेमंद साबित होगी.

बारिश किसानों के लिए अमृत साबित हुई है.

पानी की कमी के चलते किसान जिन फसलों की बुवाई करने से ना नूकर कर रहा था, अब बारिश के बाद उन फसलों की बुवाई भी शुरू कर दी है. किसानों का कहना है कि गेहूं, चना, जौ, सरसों की बुवाई हो चुकी थी. इन फसलों के लिए बारिश बेहद ही उपयोगी है. वहीं, असिंचित एरिया में जहां चना व तारामीरा भी लोग बोने से कतरा रहे थे, उन्होंने भी अब बारिश के बाद चना व तारामीरा की बुवाई कर दी है.

यह भी पढ़ें: जयपुर: फीस भुगतान की मांग को लेकर धरना पर बैठी महिला की हालत बिगड़ी, 9 दिन धरने पर हैं निजी स्कूल संचालक

कृषि अधिकारियों का कहना है कि जिले की यह बारिश अमृत के समान साबित हुई है. दौसा पानी की कमी के चलते वैसे भी डार्क जोन में है, ऐसे में लोगों की बुवाई के लिए व बुवाई की हुई फसल के लिए पानी की आवश्यकता थी, जो बारिश ने पूर्ति की है. इससे किसानों को काफी फायदा होगा, साथ ही कई दिनों की मेहनत व बिजली के खर्चे से भी निजात मिलेगी. किसानों की मानें तो इसी तरह की बारिश और होती है तो चना, सरसों व तारामीरा जैसी फसलों के लिए काफी फायदेमंद होगी.

दौसा. दौसा समेत प्रदेशभर में दो दिन पूर्व हुई बारिश (Rain in Rajasthan) ने किसानों को बड़ी राहत दी है. यह बारिश किसानों (Rain Good for Crops) के लिए अमृत साबित हुई है, जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. किसानों का कहना है बुवाई की गई फसलों के लिए यह बारिश बेहद फायदेमंद साबित होगी.

बारिश किसानों के लिए अमृत साबित हुई है.

पानी की कमी के चलते किसान जिन फसलों की बुवाई करने से ना नूकर कर रहा था, अब बारिश के बाद उन फसलों की बुवाई भी शुरू कर दी है. किसानों का कहना है कि गेहूं, चना, जौ, सरसों की बुवाई हो चुकी थी. इन फसलों के लिए बारिश बेहद ही उपयोगी है. वहीं, असिंचित एरिया में जहां चना व तारामीरा भी लोग बोने से कतरा रहे थे, उन्होंने भी अब बारिश के बाद चना व तारामीरा की बुवाई कर दी है.

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कृषि अधिकारियों का कहना है कि जिले की यह बारिश अमृत के समान साबित हुई है. दौसा पानी की कमी के चलते वैसे भी डार्क जोन में है, ऐसे में लोगों की बुवाई के लिए व बुवाई की हुई फसल के लिए पानी की आवश्यकता थी, जो बारिश ने पूर्ति की है. इससे किसानों को काफी फायदा होगा, साथ ही कई दिनों की मेहनत व बिजली के खर्चे से भी निजात मिलेगी. किसानों की मानें तो इसी तरह की बारिश और होती है तो चना, सरसों व तारामीरा जैसी फसलों के लिए काफी फायदेमंद होगी.

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