दौसा. किसान सम्मेलन में कांग्रेस नेताओं ने नए कषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. सचिन पायलट ने कहा कि ये मुद्दा किसी एक दल का नहीं है, मंडियां बंद करने की साजिश है. 26 जनवरी की घटना की आड़ में सैकड़ों किसानों को पाबंद कर दिया गया. पायलट ने आगे कहा कि कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य की सरकार से सलाह नहीं ली.
हम पायलट के साथ हैं...
दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि कांग्रेस का आंदोलन किसानों के समर्थन में है. जब लोकसभा में यह बिल पास हुआ था तब सबसे पहले राहुल गांधी ने इसका विरोध किया था. बीजेपी वाले किसानों को नक्सलवादी, आतंकवादी बता देते हैं. मेरी बात से सहमत हैं तो आप ऐसे नेताओं को अपने गांव में नहीं आने दें. मीणा ने आगे कहा कि हम पायलट साहब के साथ में हैं और पायलट साहब कहते हैं तो हम दिल्ली जाने के लिए भी उनके साथ तैयार हैं.
विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि मोदी सरकार की रणनीति है मंडियों को बंद करो, किसानों की जमीन को हड़प डालो. जिस तरह जियो का फोन शुरुआत में फ्री दिया था और अब बहुत महंगा पड़ रहा है, उसी तरह किसानों को कृषि विधेयक के माध्यम से लालच देकर पहले आपकी फसल के अधिक दाम देंगे और बाद में जमीन हड़प लेंगे. जिस तरह ईस्ट इंडिया कंपनी ने लोगों को लालच देकर देश को गुलाम बना लिया था, उसी तरह मोदी सरकार भी अधिक दामों में फसल खरीदने का लालच देकर किसानों की जमीन हड़प लेगी और किसानों को गुलाम बना देगी.
विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि हम पायलट की आवाज पर एकजुट होकर बॉर्डर पर भी जाने के लिये तैयार हैं. वहीं, विधायक सुरेश मोदी ने कहा ये हुंकार दिल्ली पहुंचेगी और केंद्र सरकार को ये काले कानून वापस लेने होंगे. टोडाभीम विधायक पीआर मीणा ने कहा कि पायलट को जो भी मिशन दिया जाता है उसे वो पूरा करते हैं. पायलट को राजस्थान सरकार बनाने का प्रोजेक्ट मिला, उन्होंने पूरा किया. अब मोदी की कुर्सी को वापस लेने की कमान दी तो यह उसको भी वापस ले लेंगे. उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी ने 6 सालों में सभी वर्गों को दुखी कर दिया. पायलट साहब दिल्ली लाल किले पर ले जाते हैं या किसानों के साथ सड़कों के लिए जाते हैं तो हम पायलट के साथ हैं.
विधायक राकेश पारीक ने कहा कि यह पायलट साहब की ही मेहरबानी है कि हम विधायक के रुप में बोल रहे हैं और अगर इनको मोदी की कुर्सी लाने के लिए कहा गया तो यह उसको भी ले आएंगे. जबकि विधायक जीआर खटाणा ने कहा कि केंद्र सरकार डरी हुई है. किसानों को सड़कों पर ला दिया और अब उन्हें रोकने के लिए सड़कों पर लोहे के कांटे भी बिछा रही हैं. इस किसान पंचायत के माध्यम से हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि पूर्वी राजस्थान की ईस्ट कैनाल योजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित किया जाए. वहीं, विधायक हरीश मीणा ने कहा कि जब इस काले कानून के खिलाफ देश का किसान एकजुट हो गया तो आप निश्चिंत रहो, मोदी जी को यह कानून वापस लेने होंगे.