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दौसाः पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणा बने DSP नरेंद्र इंनखिया...ड्यूटी के बाद खुद ही करते हैं घर का काम - कोविड 19

पुलिस की नौकरी वैसे ही भागादौड़ी और हार्डवर्किंग के रूप में जानी जाती है. इस नौकरी में ऐसा कहा जाता है कि पुलिसकर्मियों को 24 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ जाती है. ऐसे में कोरोना संकट के चलते पुलिसकर्मियों पर बड़ी जिम्मेदारी है. इन्हीं में एक है दौसा पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र इंनखिया जोकि दौसा कोतवाली और सदर थाना सहित कर्फ्यू क्षेत्र की पूरी जिम्मेदारी है. नरेंद्र इंनखिया खुद ड्यूटी के बाद खाना बनाते है और खाते है.

दौसा न्यूज, कोरोना वायरस, dausa news, corona virus
खुद खाना बनाकर खा रहे हैं दौसा पुलिस उपधीक्षक
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Published : Apr 26, 2020, 8:03 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 8:39 PM IST

दौसा. पुलिस की नौकरी वैसे ही भागादौड़ी और हार्डवर्किंग के रूप में जानी जाती है. इस नौकरी में ऐसा कहा जाता है कि पुलिसकर्मियों को 24 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ जाती है. ऐसे में कोरोना संकट के चलते पुलिसकर्मियों पर बड़ी जिम्मेदारी है.

खुद खाना बनाकर खा रहे हैं दौसा पुलिस उपधीक्षक

ऐसे ही एक पुलिस अधिकारी हैं जो दिनभर की भागदौड़ के बीच खुद नाश्ता और खाना बनाकर खाते हैं. दौसा पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र इंनखिया कि, जोकि दौसा कोतवाली, सदर थाना सहित इनपर कर्फ्यू क्षेत्र की पूरी जिम्मेदारी है. ऐसे में नरेंद्र इंनखिया अपने परिवार से कोसों दूर है, सरकारी आवास में रह रहे इंनखिया सुबह जल्दी उठकर कंट्रोल रूम से रूबरू होते हैं तो खुद को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज और योगा करते हुए सीधे शहर की ओर दौड़ पड़ते हैं. कर्फ्यू क्षेत्र का दौरा कर सभी थाना प्रभारियों से दिनभर की प्लानिंग को लेकर चर्चा करते हैं, तो वापस पहुंचकर नहा धोकर नाश्ता बनाते हैं. उसके बाद फिर से अपने क्षेत्र में नेशनल हाईवे के जिले के जयपुर बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों से मुखातिब होते हैं.

पढ़ेंः नागौर: बासनी में मिले 20 कोरोना पॉजिटिव, जिले के साथ-साथ बासनी ने भी लगाया शतक

वहीं, कर्फ्यू क्षेत्र में लौटकर कर्फ्यू क्षेत्र लगे पुलिसकर्मियों से रूबरू होते हैं और उनकी समस्याओं को जानते हैं. जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर सैंथल थाना क्षेत्र भी उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में ऐसे में रोज उन्हें सैंथल थाना क्षेत्र का भी दौरा करना होता है. इस दिन भर की आपाधापी और भागदौड़ में कभी कबार ऐसा भी होता है कि वह दोपहर में खाना बनाकर खाने का समय भी नहीं मिल पाता और पूरा दिन नाश्ते के सहारे निकालना पड़ता है. इंनखिया का कहना है कि इस कोरोना संकट के चलते कोई खाना बनाने वाला रखना भी नहीं चाहते.

जैसलमेर के रहने वाले है इंनखिया...

इंनखिया का कहना है, कि वह मुख्यतः जैसलमेर के रहने वाले हैं. हाल ही में 2 महीने पूर्व पहली संतान के रूप में पुत्री हुई है. लेकिन कोरोना संकट के चलते वह अपनी पत्नी और पुत्री से मिलने भी नहीं जा पाए. उन्होंने पितृत्व अवकाश लिया था, लेकिन इस कोरोना संकट में अपने कार्य क्षेत्र की जनता को छोड़कर जाने का मन नहीं किया. इसलिए उन्होंने कैंसिल करवा दिया और इस कोरोना संकट में अपने क्षेत्र की जनता के साथ डटे हुए हैं.

दौसा. पुलिस की नौकरी वैसे ही भागादौड़ी और हार्डवर्किंग के रूप में जानी जाती है. इस नौकरी में ऐसा कहा जाता है कि पुलिसकर्मियों को 24 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ जाती है. ऐसे में कोरोना संकट के चलते पुलिसकर्मियों पर बड़ी जिम्मेदारी है.

खुद खाना बनाकर खा रहे हैं दौसा पुलिस उपधीक्षक

ऐसे ही एक पुलिस अधिकारी हैं जो दिनभर की भागदौड़ के बीच खुद नाश्ता और खाना बनाकर खाते हैं. दौसा पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र इंनखिया कि, जोकि दौसा कोतवाली, सदर थाना सहित इनपर कर्फ्यू क्षेत्र की पूरी जिम्मेदारी है. ऐसे में नरेंद्र इंनखिया अपने परिवार से कोसों दूर है, सरकारी आवास में रह रहे इंनखिया सुबह जल्दी उठकर कंट्रोल रूम से रूबरू होते हैं तो खुद को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज और योगा करते हुए सीधे शहर की ओर दौड़ पड़ते हैं. कर्फ्यू क्षेत्र का दौरा कर सभी थाना प्रभारियों से दिनभर की प्लानिंग को लेकर चर्चा करते हैं, तो वापस पहुंचकर नहा धोकर नाश्ता बनाते हैं. उसके बाद फिर से अपने क्षेत्र में नेशनल हाईवे के जिले के जयपुर बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों से मुखातिब होते हैं.

पढ़ेंः नागौर: बासनी में मिले 20 कोरोना पॉजिटिव, जिले के साथ-साथ बासनी ने भी लगाया शतक

वहीं, कर्फ्यू क्षेत्र में लौटकर कर्फ्यू क्षेत्र लगे पुलिसकर्मियों से रूबरू होते हैं और उनकी समस्याओं को जानते हैं. जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर सैंथल थाना क्षेत्र भी उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में ऐसे में रोज उन्हें सैंथल थाना क्षेत्र का भी दौरा करना होता है. इस दिन भर की आपाधापी और भागदौड़ में कभी कबार ऐसा भी होता है कि वह दोपहर में खाना बनाकर खाने का समय भी नहीं मिल पाता और पूरा दिन नाश्ते के सहारे निकालना पड़ता है. इंनखिया का कहना है कि इस कोरोना संकट के चलते कोई खाना बनाने वाला रखना भी नहीं चाहते.

जैसलमेर के रहने वाले है इंनखिया...

इंनखिया का कहना है, कि वह मुख्यतः जैसलमेर के रहने वाले हैं. हाल ही में 2 महीने पूर्व पहली संतान के रूप में पुत्री हुई है. लेकिन कोरोना संकट के चलते वह अपनी पत्नी और पुत्री से मिलने भी नहीं जा पाए. उन्होंने पितृत्व अवकाश लिया था, लेकिन इस कोरोना संकट में अपने कार्य क्षेत्र की जनता को छोड़कर जाने का मन नहीं किया. इसलिए उन्होंने कैंसिल करवा दिया और इस कोरोना संकट में अपने क्षेत्र की जनता के साथ डटे हुए हैं.

Last Updated : Apr 26, 2020, 8:39 PM IST
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