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स्पेशल: घर के कबाड़ से 11वीं का छात्र कर रहा Experiment...आर्थिक तंगी भी हौसलों के आगे डगमगाई - Robot made by waste products

अपने नए-नए प्रयोगों से सबकों हैरत में डाल देने वाले इस छात्र का सपना है वैज्ञानिक बनने का, लेकिन रास्ते में आ जाती है गरीबी और बेबसी. बाड़मेर के भगदेहड़ा गांव में रहने वाला दिलखुश योगी वेस्ट सामान से नवाचार कर रहा है. 11वीं के इस छात्र ने घर में पड़े कबाड़ से रोबोट, ट्रेन, बोरिंग मशीन और ड्रोन कैमरे जैसे चीजों का आविष्कार किया है. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

Innovation from waste products, Robot made by waste products
दौसा में छात्र ने कबाड़ से बनाया रोबोट
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Published : Aug 28, 2020, 11:01 PM IST

दौसा. गरीब परिवार का एक लाल वैज्ञानिक बनने का सपना देख रहा है, जिसमें बाधा है आर्थिक तंगी. अब तक दर्जनों विज्ञान से जुड़े प्रोडक्ट बना चुका भगदेहड़ा गांव का दिलखुश योगी 11वीं कक्षा का छात्र है. जिला स्तरीय विज्ञान मेले में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके इस छात्र ने घर में पड़े कबाड़ से रोबोट, ट्रेन, इलेक्ट्रॉनिक घोड़ा और ड्रोन कैमरे सहित कई चीजों का आविष्कार किया है.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

भावता पंचायत के भगदेहड़ा गांव से 4 किलोमीटर दूर स्थित राजकीय विद्यालय में दिलखुश पढ़ाई के लिए जाता है. घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के चलते पिता मजदूरी करते हैं और लोगों से आटा, चावल मांग कर लाते हैं. जिससे परिवार को दो वक्त की रोटी नसीब होती है.

पढ़ें- स्पेशल: 'वेस्ट को बेस्ट' बनाने का नायाब तरीका...बिना लागत तैयार कर दिए 2 हजार नीम के पौधे

11वीं कक्षा में पढ़ने वाले इस प्रतिभावान छात्र के स्कूल में विज्ञान का कोई भी शिक्षक नहीं है. इसके बावजूद बिना किसी प्रेरणा के दिलखुश नए-नए प्रयोग कर सबको हैरत में डाल देता है. जिले में आयोजित हुए विज्ञान मेले में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर इस छात्र ने पहला स्थान प्राप्त किया था.

Innovation from waste products, Robot made by waste products
दिलखुश ने बनाया रोबोट

योगी ने कुछ दिनों पहले पेन के खाली कवर से ट्रेन की पटरी और कागज से ट्रेन बनाई, जो रिमोर्ट से संचालित होती है. इससे पहले ये छात्र बोरिंग करने की मशीन और बिजली से चलने वाली कैंची भी बना चुका है. गत वर्ष मॉडल स्कूल में आयोजित विज्ञान मेले में भी दिलखुश विजेता रहा. लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल बंद है, तो घर पर ही दिलखुश ने गूगल रोबोट तैयार किया जो अपने सामने आने वाली वस्तु को खुद ही डिटेक्ट कर लेता है.

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वेस्ट प्रोडक्ट से बनाई बोरिंग मशीन

पढ़ें- स्पेशल: 'सिर साटे रूंख रहे, तो भी सस्तौ जाण'...363 लोगों की याद में नहीं भरा खेजड़ली मेला

इस आइडिया के बारे में जब उससे पूछा गया तो उसने बताया कि वह सीकर प्रतियोगिता के लिए गया था. जहां सेंसर को देखकर यह आइडिया उसके दिमाग में आया. खास बात यह है कि अपने सभी प्रयोगों के लिए दिलखुश घर के वेस्ट साम्रगी का प्रयोग करता है. अपने इन प्रयोगों से सबको दंग कर देने वाले इस छात्र के पास प्रतिभा तो है, लेकिन उसे सही दिशा देने वाला कोई नहीं है.

ना तो कोई शिक्षक उसे विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और ना ही जिला प्रशासन का ध्यान इस होनहार बच्चे पर पड़ रहा है. 11वीं के इस छात्र को अगर सही मार्गदर्शन और मंच मिले तो अपने प्रयोगों के जरिए ये छात्र जिले और प्रदेश का नाम रोशन कर सकता है. फिलहाल, दिलखुश पानी की टोटी में सेंसर लगाने के सपने देख रहा है, लेकिन उसकी इस सोच में उसकी आर्थिक तंगी बाधा बनी हुई है.

दौसा. गरीब परिवार का एक लाल वैज्ञानिक बनने का सपना देख रहा है, जिसमें बाधा है आर्थिक तंगी. अब तक दर्जनों विज्ञान से जुड़े प्रोडक्ट बना चुका भगदेहड़ा गांव का दिलखुश योगी 11वीं कक्षा का छात्र है. जिला स्तरीय विज्ञान मेले में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके इस छात्र ने घर में पड़े कबाड़ से रोबोट, ट्रेन, इलेक्ट्रॉनिक घोड़ा और ड्रोन कैमरे सहित कई चीजों का आविष्कार किया है.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

भावता पंचायत के भगदेहड़ा गांव से 4 किलोमीटर दूर स्थित राजकीय विद्यालय में दिलखुश पढ़ाई के लिए जाता है. घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के चलते पिता मजदूरी करते हैं और लोगों से आटा, चावल मांग कर लाते हैं. जिससे परिवार को दो वक्त की रोटी नसीब होती है.

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11वीं कक्षा में पढ़ने वाले इस प्रतिभावान छात्र के स्कूल में विज्ञान का कोई भी शिक्षक नहीं है. इसके बावजूद बिना किसी प्रेरणा के दिलखुश नए-नए प्रयोग कर सबको हैरत में डाल देता है. जिले में आयोजित हुए विज्ञान मेले में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर इस छात्र ने पहला स्थान प्राप्त किया था.

Innovation from waste products, Robot made by waste products
दिलखुश ने बनाया रोबोट

योगी ने कुछ दिनों पहले पेन के खाली कवर से ट्रेन की पटरी और कागज से ट्रेन बनाई, जो रिमोर्ट से संचालित होती है. इससे पहले ये छात्र बोरिंग करने की मशीन और बिजली से चलने वाली कैंची भी बना चुका है. गत वर्ष मॉडल स्कूल में आयोजित विज्ञान मेले में भी दिलखुश विजेता रहा. लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल बंद है, तो घर पर ही दिलखुश ने गूगल रोबोट तैयार किया जो अपने सामने आने वाली वस्तु को खुद ही डिटेक्ट कर लेता है.

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वेस्ट प्रोडक्ट से बनाई बोरिंग मशीन

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इस आइडिया के बारे में जब उससे पूछा गया तो उसने बताया कि वह सीकर प्रतियोगिता के लिए गया था. जहां सेंसर को देखकर यह आइडिया उसके दिमाग में आया. खास बात यह है कि अपने सभी प्रयोगों के लिए दिलखुश घर के वेस्ट साम्रगी का प्रयोग करता है. अपने इन प्रयोगों से सबको दंग कर देने वाले इस छात्र के पास प्रतिभा तो है, लेकिन उसे सही दिशा देने वाला कोई नहीं है.

ना तो कोई शिक्षक उसे विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और ना ही जिला प्रशासन का ध्यान इस होनहार बच्चे पर पड़ रहा है. 11वीं के इस छात्र को अगर सही मार्गदर्शन और मंच मिले तो अपने प्रयोगों के जरिए ये छात्र जिले और प्रदेश का नाम रोशन कर सकता है. फिलहाल, दिलखुश पानी की टोटी में सेंसर लगाने के सपने देख रहा है, लेकिन उसकी इस सोच में उसकी आर्थिक तंगी बाधा बनी हुई है.

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