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दौसा में भूख हड़ताल पर बैठे पुस्तक विक्रेता

दौसा में पाठ्य पुस्तक मंडल के सामने पुस्कत विक्रेता विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि 6 महीने पहले 10 प्रतिशत डिमांड राशि जमा कराने के बावजूद समय से पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं. उन्होंने मांग पूरी ना होने तक विरोध जारी रखने की चेतावनी दी है.

दौसा में भूख हड़ताल पर बैठे पुस्तक विक्रेता
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Published : Jun 17, 2019, 5:33 PM IST

दौसा. पुस्तक विक्रेताओं को समय पर पुस्तकें नहीं मिलने के चलते सोमवार से पुस्तक विक्रेता भूख हड़ताल पर बैठ गए. इससे पूर्व पुस्तक विक्रेताओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर उन्हें पुस्तकें समय पर उपलब्ध करवाने की मांग की थी. साथ मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में पाठ्य पुस्तक मंडल के सामने भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी भी दी थी.

दौसा में भूख हड़ताल पर बैठे पुस्तक विक्रेता

पुस्तक विक्रेताओं ने करीब चार दिन पूर्व जिला प्रशासन को पत्र लिखकर पुस्तकें उपलब्ध करवाने की मांग की थी. साथ ही यह मांग समय से पूरी ना होने पर पाठ्य पुस्तक मंडल पर भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी थी. इसके बावजूद प्रशासन ने उनकी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते सोमवार से जिले के सभी पुस्तक विक्रेता भूख हड़ताल पर बैठ गए. पुस्तक विक्रेताओं का आरोप है कि वे 6 माह पूर्व पाठ्य पुस्तक मंडल को 10 प्रतिशत डिमांड राशि एडवांस जमा कर देते हैं. इसके बावजूद भी समय पर उन्हें पुस्तके उपलब्ध नहीं करवाई जाती. समय से पुस्तकें उपलब्ध ना होने पर कारोबार प्रभावित होता है.

विक्रेता ओमप्रकाश शर्मा का कहना है कि पाठ्य पुस्तक मंडल पूरी पुस्तक उठाने का दबाव बनाया जाता है. बाद में पुस्तकों को बिक्री भी नहीं होती. जिससे उन्हें मुनाफा कम और नुकसान अधिक होता है. उनका कहना है कि जो पुस्तक डिफेक्ट निकलती है ग्राहक उसे दुकान से बदलवा लेता है, लेकिन उन्हें डिपो द्वारा अगस्त तक का समय दिया जाता है. उसके बावजूद उनके यहां स्टॉक खत्म हो जाने की बात कहकर डिफेक्टव पुस्तकों को नहीं बदला जाता. जिससे कि उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

वहीं ग्रामीण क्षेत्र के पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि वह दो से तीन बार टैक्सी आते हैं. जिससे उन्हें अधिक किराया खर्च करना पड़ता है. जिसके चलते उन्हें पुस्तकों की बिक्री में और नुकसान अधिक हो रहा है. वहीं पाठ्य पुस्तक मंडल उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देता है. भूख हड़ताल पर बैठे पुस्तक बिक्रेताओं को कहना है कि जब तक उन्हें पुस्तकें उपलब्ध नहीं करवाई जाती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा.

वहीं डिपो मैनेजर मोनू का कहना है कि जो पुस्तकें उनके पास डिपो में उपलब्ध हैं उन्हें वितरित किया जा रहा है और जो पुस्तके डिपो में नहीं हैं, उसके लिए उन्होंने पाठ्य पुस्तक मंडल सचिव को भी अवगत करवा दिया है. जल्दी पुस्तकें आने के बाद विक्रेताओं को उपलब्ध करवा दी जाएगी.

दौसा. पुस्तक विक्रेताओं को समय पर पुस्तकें नहीं मिलने के चलते सोमवार से पुस्तक विक्रेता भूख हड़ताल पर बैठ गए. इससे पूर्व पुस्तक विक्रेताओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर उन्हें पुस्तकें समय पर उपलब्ध करवाने की मांग की थी. साथ मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में पाठ्य पुस्तक मंडल के सामने भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी भी दी थी.

दौसा में भूख हड़ताल पर बैठे पुस्तक विक्रेता

पुस्तक विक्रेताओं ने करीब चार दिन पूर्व जिला प्रशासन को पत्र लिखकर पुस्तकें उपलब्ध करवाने की मांग की थी. साथ ही यह मांग समय से पूरी ना होने पर पाठ्य पुस्तक मंडल पर भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी थी. इसके बावजूद प्रशासन ने उनकी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते सोमवार से जिले के सभी पुस्तक विक्रेता भूख हड़ताल पर बैठ गए. पुस्तक विक्रेताओं का आरोप है कि वे 6 माह पूर्व पाठ्य पुस्तक मंडल को 10 प्रतिशत डिमांड राशि एडवांस जमा कर देते हैं. इसके बावजूद भी समय पर उन्हें पुस्तके उपलब्ध नहीं करवाई जाती. समय से पुस्तकें उपलब्ध ना होने पर कारोबार प्रभावित होता है.

विक्रेता ओमप्रकाश शर्मा का कहना है कि पाठ्य पुस्तक मंडल पूरी पुस्तक उठाने का दबाव बनाया जाता है. बाद में पुस्तकों को बिक्री भी नहीं होती. जिससे उन्हें मुनाफा कम और नुकसान अधिक होता है. उनका कहना है कि जो पुस्तक डिफेक्ट निकलती है ग्राहक उसे दुकान से बदलवा लेता है, लेकिन उन्हें डिपो द्वारा अगस्त तक का समय दिया जाता है. उसके बावजूद उनके यहां स्टॉक खत्म हो जाने की बात कहकर डिफेक्टव पुस्तकों को नहीं बदला जाता. जिससे कि उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

वहीं ग्रामीण क्षेत्र के पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि वह दो से तीन बार टैक्सी आते हैं. जिससे उन्हें अधिक किराया खर्च करना पड़ता है. जिसके चलते उन्हें पुस्तकों की बिक्री में और नुकसान अधिक हो रहा है. वहीं पाठ्य पुस्तक मंडल उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देता है. भूख हड़ताल पर बैठे पुस्तक बिक्रेताओं को कहना है कि जब तक उन्हें पुस्तकें उपलब्ध नहीं करवाई जाती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा.

वहीं डिपो मैनेजर मोनू का कहना है कि जो पुस्तकें उनके पास डिपो में उपलब्ध हैं उन्हें वितरित किया जा रहा है और जो पुस्तके डिपो में नहीं हैं, उसके लिए उन्होंने पाठ्य पुस्तक मंडल सचिव को भी अवगत करवा दिया है. जल्दी पुस्तकें आने के बाद विक्रेताओं को उपलब्ध करवा दी जाएगी.

Intro:दौसा, पुस्तक विक्रेताओं को समय पर पुस्तकें नहीं मिलने के चलते सोमवार से पुस्तक विक्रेता भूख हड़ताल पर बैठ गए हालांकि इससे पूर्व पुस्तक विक्रेताओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर उन्हें पुस्तकें समय पर उपलब्ध करवाने की मांग की थी वह साथ ही चेतावनी भी दी थी कि यदि उन्हें समय पर पुस्तके उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तो वे आगामी समय में पाठ्य पुस्तक मंडल पर भूख हड़ताल करेंगे।




Body:दौसा, पुस्तक विक्रेताओं को समय पर पुस्तकें नहीं मिलने के चलते सोमवार से पुस्तक विक्रेता भूख हड़ताल पर बैठ गए हालांकि इससे करीब चार दिन पूर्व पुस्तक विक्रेताओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर उन्हें पुस्तकें समय पर उपलब्ध करवाने की मांग की थी वह साथ ही चेतावनी भी दी थी कि यदि उन्हें समय पर पुस्तके उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तो वे आगामी समय में पाठ्य पुस्तक मंडल पर भूख हड़ताल करेंगे । उसके बावजूद प्रशासन ने उनकी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया जिसके चलते सोमवार से जिले के सभी पुस्तक विक्रेता भूख हड़ताल पर बैठ गए। पुस्तक विक्रेताओं का आरोप है कि उनसे 6 माह पूर्व पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा पुस्तकों की डिमांड वह डिमांड के रूप में 10% राशि जमा करवा ली जाती है लेकिन उसके बावजूद भी समय पर उन्हें पुस्तके उपलब्ध नहीं करवाई जाती । व समय निकल जाने के बाद पुस्तके उपलब्ध करवाए जाने से वह पुस्तकें उनके रद्दी हो जाती है । विक्रेता ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि समय निकल जाने के बाद उन्हें पूरी पुस्तक उठाने का दबाव बनाया जाता है जो कि उनकी दुकानों पर भी नहीं बिकती है और वहा पर भी वो रद्दी हो जाती । जिससे उन्हें मुनाफा काम व नुकसान अधिक लगता है । उनका कहना है कि जो पुस्तक डिफेक्ट निकलती है ग्राहक तो उसे दुकान से साथ के साथ ही बदलवा लेता है । लेकिन उन्हें डिपो द्वारा अगस्त तक का समय दिया जाता है । और उसके बावजूद उनके यहां स्टॉक खत्म हो जाने की बोल कर डिफेक्टव पुस्तकों को नही बदला जाता ।।जिससे कि उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। बाहर से आए हुए पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि वह दो से तीन बार टैक्सी करके पुस्तके लेने आते हैं जितने कि उनकी पुस्तकें होती है लगभग उतने का ही उनका किराया लग जाता है । जिसके चलते उन्हें पुस्तकों की बिक्री में और नुकसान अधिक हो रहा है।
पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी जाती है उन्हें पुस्तके उपलब्ध नहीं करवाई जाती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा । इधर अनशन को लेकर डिपो मैनेजर मोनू का कहना है कि जो पुस्तकें उनके पास डिपो में उपलब्ध है वह उन्हें वितरित करवा रहे हैं । एवं जो पुस्तके डिपो में नहीं है उसके लिए उन्होंने पाठ्य पुस्तक मंडल सचिव को भी अवगत करवा दिया है । व जल्दी पुस्तके आने के बाद विक्रेताओं को उपलब्ध करवा दी जाएगी।

बाइट पुस्तक विक्रेता ओम प्रकाश शर्मा
बाइट विक्रेता विनोद शर्मा
बाइट मोनू डिपो मैनेजर पाठ्य पुस्तक मंडल दौसा


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