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चूरू: सरदारशहर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बहाल करने की मांग को लेकर SDM को ज्ञापन

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Published : Oct 19, 2020, 5:16 PM IST

चूरू के सरदारशहर में सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बहाल करने को लेकर वार्ड 12 के लोगों ने उपखंड कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन किया. जिसके बाद उनकी ओर से एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कार्यकर्ता को बहाल करने की मांग की गई है.

चूरू न्यूज, राजस्थान न्यूज, rajasthan news, churu news
जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बहाल करने लेकर ज्ञापन

सरदारशहर(चूरू). जिले के सरदारशहर में लगातार प्रशासनिक अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं. कुछ दिन पहले बाल विकास अधिकारी ने अपनी ही एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर गलत आरोप लगाते हुए बर्खास्त कर दिया है.

जिसके बाद मामले को लेकर वार्ड 12 के लोगों ने उपखंड कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया. वार्ड के ताराचंद सैनी ने बताया कि वार्ड में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक विधवा महिला है और वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेवदा अपने वार्ड में पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कार्य करती है.

बावजूद इसके बाल विकास अधिकारी मुकेश तिवारी ने अपनी निजी द्वेषता के चलते आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बर्खास्त कर दिया. वहीं ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को वापस ड्यूटी पर लगाया जाए.

पढ़ें: पाली: जलदाय विभाग ने दी राहत, लोगों को अब 72 की जगह 48 घंटे के अंतराल में मिलेगा पानी

साथ ही उनका कहना है कि बाल विकास अधिकारी को बर्खास्त कर उन पर भ्रष्टाचार व अवांछित गतिविधियों की जांच के लिए कमेटी बिठाई जाए. जिसके बाद उनकी ओर से चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो जल्द ही वार्ड के लोग बड़ा आंदोलन करेंगे.

मामले को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के संगठन भी दे चुके हैं ज्ञापन...

बता दें कि बाल विकास अधिकारी की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को हटाए जाने के मामले में जिले में संगठन ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. वहीं वार्ड 12 में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कोरोना काल में ईमानदारी से कार्य किया था.

जिसको लेकर उपखंड स्तर पर भी वह सम्मानित हो चुकी हैं. साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने कार्य को लेकर समय-समय पर मीडिया की सुर्खियों में भी रही. वहीं वार्ड 12 में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक विधवा महिला है. साथ ही 2 साल पहले कार्यकर्ता के पति की कैंसर के चलते मृत्यु हो गई थी.

जिसके बाद कार्यकर्ता अपना व अपने बेटे का पालन पोषण करती हैं. वहीं बाल विकास अधिकारी के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विधायक, महिला आयोग, जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी व अन्य अधिकारियों से भी मामले को लेकर गुहार लगा चुकी है. वहीं अब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कोई सुनवाई नहीं हुई है.

सरदारशहर(चूरू). जिले के सरदारशहर में लगातार प्रशासनिक अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं. कुछ दिन पहले बाल विकास अधिकारी ने अपनी ही एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर गलत आरोप लगाते हुए बर्खास्त कर दिया है.

जिसके बाद मामले को लेकर वार्ड 12 के लोगों ने उपखंड कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया. वार्ड के ताराचंद सैनी ने बताया कि वार्ड में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक विधवा महिला है और वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेवदा अपने वार्ड में पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कार्य करती है.

बावजूद इसके बाल विकास अधिकारी मुकेश तिवारी ने अपनी निजी द्वेषता के चलते आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बर्खास्त कर दिया. वहीं ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को वापस ड्यूटी पर लगाया जाए.

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साथ ही उनका कहना है कि बाल विकास अधिकारी को बर्खास्त कर उन पर भ्रष्टाचार व अवांछित गतिविधियों की जांच के लिए कमेटी बिठाई जाए. जिसके बाद उनकी ओर से चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो जल्द ही वार्ड के लोग बड़ा आंदोलन करेंगे.

मामले को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के संगठन भी दे चुके हैं ज्ञापन...

बता दें कि बाल विकास अधिकारी की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को हटाए जाने के मामले में जिले में संगठन ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. वहीं वार्ड 12 में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कोरोना काल में ईमानदारी से कार्य किया था.

जिसको लेकर उपखंड स्तर पर भी वह सम्मानित हो चुकी हैं. साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने कार्य को लेकर समय-समय पर मीडिया की सुर्खियों में भी रही. वहीं वार्ड 12 में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक विधवा महिला है. साथ ही 2 साल पहले कार्यकर्ता के पति की कैंसर के चलते मृत्यु हो गई थी.

जिसके बाद कार्यकर्ता अपना व अपने बेटे का पालन पोषण करती हैं. वहीं बाल विकास अधिकारी के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विधायक, महिला आयोग, जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी व अन्य अधिकारियों से भी मामले को लेकर गुहार लगा चुकी है. वहीं अब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कोई सुनवाई नहीं हुई है.

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