चूरू. जिला मुख्यालय का ऐतिहासिक और आजादी का गवाह रहा धर्मस्तुप अब जल्द लौटेगा अपने वास्तविक स्वरूप में. सैकड़ों साल पुराने इस धर्मस्तुप के कायाकल्प के लिए नगर परिषद खर्च कर रही है. पांच लाख रुपये के मरम्मत के बाद रंग-रंगीली लाइटों से जगमगाएगा धर्मस्तुप. विभागीय उदासीनता के चलते अब तक शहर का यह ऐतिहासिक धर्मस्तुप बना हुआ था.
वहीं आजादी का गवाह रहा चूरू का ऐतिहासिक धर्मस्तुप अब अपने वास्तविक रूप और रोशनी से जगमगाता नजर आएगा. बता दें कि सैकड़ों वर्ष पुराने और आजादी के गवाह रहे सर्वधर्म सद्भाव का प्रतीक लाल पत्थरों से निर्मित इस धर्म स्तूप के अंदर भगवान कृष्ण, महावीर, बुध, गुरु नानक, जगदंबा और शंकराचार्य की मूर्तियां लगी हैं. वहीं आजादी से 17 साल पहले तिरंगा फहराए जाने की ऐतिहासिक घटना का साक्षी रहा है यह धर्म स्तूप.
चूरू नगर परिषद इस ऐतिहासिक धर्मस्तुप को इसका मूल स्वरूप लौटाने के लिए 5 लाख रुपए का एक टेंडर जारी किया है. संबंधित फर्म को इसके मूल स्वरूप को उकारने को कहा गया है. साल 1925 में जुगल किशोर बिड़ला की तरफ से इस धर्मस्तुप को बनवाया गया था.
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वहीं धर्मस्तुप को विभिन्न धर्मावलंबियों से जुड़े भित्ति चित्र व स्थापत्य कला के कारण शहर में इसे पर्यटक स्थल के रूप में भी माना जाता है. वहीं धर्मस्तुप को दिए जा रहे इसके वास्तविक रूप को देखने के लिए चूरू नगर परिषद सभापति पायल सैनी ने मंगलवार को इसका निरीक्षण किया.
इस दौरान उन्होंने संबंधित फर्म व अधिकारियों को निर्देशित किया है कि यहां करवाएं जा रहे कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही व कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उक्त कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समअवधि में पूरा किया जाए. बता दें की शहर की यह ऐतिहासिक धरोहर बीतते समय के साथ अपना वजूद खोते जा रही थी. मानो शहर की यह ऐतिहासिक धरोहर कम लोगों के प्रचार-प्रसार का अड्डा हो चुका था. वहीं यहां चुनावों के कार्यक्रम के दौरान बैनर,पोस्टर,बोर्ड चस्पा कर दिए जाते हैं. लेकिन इसे एक नया स्वरूप अब दिया जाएगा.